भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें यहां अतीत के पन्नों में भारत का गौरवशाली इतिहास देखने को मिलता है। बीते कई वर्षों में भारत में अलग-अलग शासकों का शासन रहा और इस दौरान शासकों द्वारा अलग-अलग धरोहरों का निर्माण करवाया गया। इस कड़ी में भारत में एक ऐसा दरवाजा भी बना, जो कि सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा भी कहा जाता है। कौन-सा है यह दरवाजा और कहां है स्थित, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
भारत का सबसे बड़ा दरवाजा कौन-सा है
भारत के सबसे बड़े दरवाजे की बात करें, तो यह बुलंद दरवाजा है। इस दरवाजे को न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का सबसे ऊंचा दरवाजा भी माना जाता है।
किसने करवाया था निर्माण
बुलंद दरवाजे का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा 1602 ईस्वी में कराया गया था। उस समय इस दरवाजे का निर्माण मुगल वास्तुकला का अनूठा उदाहरण था। क्योंकि, उस दौर में बिना किसी क्रेन या मशीन की मदद से बड़े-बड़े पत्थरों को अधिक ऊंचाई पर पहुंचाकर दरवाजे का निर्माण किया गया था।
क्यों किया गया था निर्माण
अकबर ने इस दरवाजे का निर्माण 1573 ईस्वी में गुजरात में अपनी जीत हासिल करने के उपलक्ष्य में करवाया था। इस दरवाजे को अकबर की दक्कन की जीत का द्वार भी माना जाता था।
कितना लंबा-चौड़ा है बुलंद दरवाजा
बुलंद दरवाजे की कुल ऊंचाई की बात करें, तो यह करीब 54 मीटर यानि कि 177 फीट है। वहीं, इसकी चौड़ाई करीब 35 मीटर है। यह दरवाजा जमीन से इतना ऊपर है कि यहां तक पहुंचने के लिए जमीन से 40 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी होती हैं।
दरवाजे की निर्माण सामाग्री व अन्य विशेषताएं
बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में स्थित जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार है। यह दरवाजा मुख्य रूप से लाल बलुआ पत्थरों से बना है। इसमें सफेद के साथ-साथ काले संगमरमर का भी उपयोग किया गया है। गेट का निर्माण हिंदू और फारसी वास्तुकला में किया गया है। इस दरवाजे पर आपको कुरान की आयतें भी देखने को मिलेंगी, जिसमें इस्लाम धर्म की शिक्षा दी गई है।
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