किसी भी देश के विकास में वहां की शिक्षा पद्धति महत्त्वूपूर्ण भूमिका निभाती है। यह केवल ज्ञान और जानकारी हासिल करने का साधन नहीं है, बल्कि व्यक्ति के समग्र विकास का आधार भी है। इससे एक तरफ एक जहां आत्मविश्वास बढ़ता है, तो दूसरी तरफ व्यक्ति नए अवसरों के लिए तैयार होता है।
भारत शुरू से ही शिक्षा का केंद्र रहा है। इसकी बानगी हमें हमारे ऐतिहासिक तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के रूप में देखने को मिल जाती है। एक समय में यहां अलग-अलग देशों से युवा पहुंचते थे और शिक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाते थे।
समय के साथ बदलाव हुआ और भारत में अलग-अलग विश्वविद्यालय की नींव पड़ी। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पुराना विश्वविद्यालय कौन-सा है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कुल विश्वविद्यालय
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में कुल कितने विश्वविद्यालय हैं ? आपको बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC) के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 तक भारत में कुल विश्वविद्यालयों की संख्या 1078 है। इसमें राज्यों में मौजूद विश्वविद्यालयों की संख्या 464 है, जबकि निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 432 है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या 54 है, जबकि डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटिज की संख्या 128 है। वहीं, 12बी के तहत आने वाले विश्वविद्यालयों में 268 राज्य विश्वविद्यालय, 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय और 26 राज्य निजी विश्वविद्यालय हैं।
भारत का सबसे पुराना विश्वविद्यालय
भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालय की बात करें, तो यह सिनेट ऑफ सेरमपॉर कॉलेज है। इसकी स्थापना साल 1818 में कई गई थी।
1829 में मिला विश्वविद्यालय का दर्जा
साल 1818 में सिनेट कॉलेज की स्थापना होने के बाद साल 1829 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। इसकी स्थापना क्रिस्चियन मिशनरी द्वारा की गई थी, जिसका प्रमुख उद्देश्य क्रिस्च्यनिटी और साइंस में लोगों को दक्ष करना था। वर्तमान में यहां थियिलॉजी, साइकोथेरेपी और मिसियोलॉजी में विभिन्न प्रकार के कोर्स संचालित हो रहे हैं।
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