भारत की साक्षरता दर साल 1947 में सिर्फ 18 फीसदी थी, जबकि साल 2022 में यह 76.22 फीसदी दर्ज की गई थी। ऐसे में आजादी के बाद भारत की साक्षरता दर को लेकर सकारात्मक आंकड़े हैं। आपने भारत के सबसे सबसे साक्षर राज्य केरल के बारे में पढ़ा ही होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत के तीन सबसे कम पढ़े-लिखे राज्य कौन-से हैं ? यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत का सबसे कम पढ़ा-लिखा राज्य
भारत के सबसे कम पढ़े-लिखे राज्य की बात करें, तो यह बिहार राज्य है। यहां की साक्षरता दर की बात करें, साल 2011 में यहां 61.8 फीसदी साक्षरता दर रिकॉर्ड की गई थी। इसमें से पुरुषों की साक्षरता दर 71.20 फीसदी और महिलाओं की 51.50 फीसदी साक्षरता दर रिकॉर्ड की गई थी। यह राष्ट्रीय औसत से कम दर्ज हुई थी, जो कि 74.04 फीसदी थी। रोहतास यहां का सबसे अधिक पढ़ा-लिखा जिला है, जहां 75 फीसदी से अधिक साक्षर लोग हैं।
भारत का दूसरा सबसे कम पढ़ा-लिखा राज्य
भारत के दूसरे सबसे कम पढ़े-लिखे राज्य की बात करें, तो यह अरूणाचल प्रदेश है। साल 2011 में यहां की साक्षरता दर 65.3 फीसदी दर्ज की गई थी। यहां 72 फीसदी पुरुष और 57 फीसदी महिलाएं साक्षर दर्ज की गई थी।
भारत का तीसरा सबसे कम पढ़ा-लिखा राज्य
भारत के तीसरे सबसे कम पढ़े-लिखे राज्य की बात करें, तो यह राजस्थान है। साल 2011 में यहां की साक्षरता दर 66.1 फीसदी दर्ज की गई थी। इसमें 80.51 फीसदी साक्षर पुरुषों का आंकड़ा था, जबकि महिलाओं के साक्षर रिकॉर्ड की बात करें, तो यह 52.66 फीसदी दर्ज की गई थी।
यहां का जालौर जिला सबसे कम साक्षरता वाला जिला है। यहां की कुल साक्षरता दर की बात करें, तो यहां 54.9 फीसदी साक्षरता रिकॉर्ड की गई थी। झुंझनूं जिला 86.9 फीसदी के साथ सबसे अधिक पुरुष साक्षर वाला जिला है।
राजस्थान को हम राजाओं की धरती के रूप में भी जानते हैं, जो कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। साथ ही, यहां के ऐतिहासिक स्थल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, जो कि हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
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