सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई और केंद्र सरकार को दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर मोराटोरियम अवधि के 'ब्याज पर ब्याज' को माफ करने के फैसले पर हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसके लिए अदालत ने एक सप्ताह का समय दिया है। अब इस मामले पर शीर्ष अदालत 13 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
SC gives a week time to Centre & RBI to file their comprehensive reply related to issues mentioned in batch of petitions demanding interest waiver on loans during moratorium.
— ANI (@ANI) October 5, 2020
Justice Ashok Bhushan says govt affidavit doesn't deal or mention with several issues arising in case https://t.co/rG8PQ7Czrr
शनिवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह दो करोड़ रुपये तक के लोन पर मोराटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त) के लिए ब्याज पर ब्याज को माफ करने पर विचार कर रही है। ये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं के लिए राहत प्रदान करने वाली ख़बर है। साथ ही सरकार ने कहा था कि वह सभी श्रेणियों के लोन पर ब्याज को माफ नहीं कर सकती है क्योंकि इससे बैंक संकट में आ जाएंगे।
कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 मार्च से 31 मई की अवधि के लिए सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई के भुगतान पर मोहलत दी थी। इसके बाद 22 मई को आरबीआई ने एक बार फिर टर्म लोन की ईएमआई के भुगतान के लिए दी गई मोहलत को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था।
सरकार ने हलफनामे में क्या कहा?
सरकार ने कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि वे छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा बनाए रखेगी। सरकार ने कहा कि अभूतपूर्व महामारी की वजह से ब्याज पर दी गई छूट का वहन सरकार करेगी। इसके लिए सरकार संसद से अनुमति मांगेगी।
किन्हें मिलेगी ब्याज पर छूट?
1- वित्त मंत्रालय के अनुसार, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) शैक्षिक, हाउसिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर और उपभोग द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज पर ब्याज माफ होगा।
2- मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज भी होगा माफ।
3- क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ब्याज पर ब्याज वसूल नहीं किया जाएगा।
3 महीने का विकल्प
एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा मोरेटोरियम के दौरान दिए गए विकल्प के अनुसार:
अगर आपने 28.5 लाख रुपये का कर्ज 20 साल के लिए लिया है जिसपर ब्याज दर लगभग 8% है और आप मोरेटोरियम के पहले 25,000 रुपये के आसपास की 12 मंथली किस्त चुका चुके हैं और अभी आपकी 19 साल की किस्तें (यानि 228 किस्तें) बकाया हैं, तो मोरेटोरियम के बाद ये किस्त बढ़कर 25,478 रुपये हो जाएगी। इस तरह से आपको अतिरिक्त 58 हज़ार रुपये चुकाने होंगे।
6 महीने का विकल्प
एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा मोरेटोरियम के दौरान दिए गए विकल्प के अनुसार:
अगर आपने 28.5 लाख रुपये का कर्ज 20 साल के लिए लिया है जिसपर ब्याज दर लगभग 8% है और आप मोरेटोरियम के पहले 25,000 रुपये के आसपास की 12 मंथली किस्त चुका चुके हैं और अभी आपकी 19 साल की किस्तें (यानि 228 किस्तें) बकाया हैं, तो मोरेटोरियम के बाद ये किस्त बढ़कर 26007 रुपये हो जाएगी। इस तरह से आपको अतिरिक्त 1.04 लाख रुपये चुकाने होंगे।
कर्ज चुकाने के क्या थे अन्य विकल्प?
1- मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान किस्त नहीं जमा करने पर जो ब्याज बनेगा वो अगस्त के महीने में एक-साथ चुकाया जाए।
2- दूसरा विकल्प था कि लोन की अवधि बढ़ा दी जाए लोकिन ईएमआई रक्म उतनी ही रहे।
3- आखिरी विकल्प था कि पहले की तरह सामान्य तरीके से ईएमआई कटती रहे।
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