Agni-5 Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने हाल ही में पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5 Missile) की सफल टेस्टिंग की. यह मिसाइल मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
इस मिसाइल के सफल लांच के बाद इसके विकास में लगी टीम की काफी चर्चा हो रही है. इसकी चर्चा इसलिए भी अधिक हो रही है क्योंकि अग्नि-5 के विकास में लगी टीम का नेतृत्व एक महिला ने किया. जी हां उनका नाम शीना रानी है.
इन दिनों शीना रानी को 'दिव्य पुत्री' के नाम से भी संबोधित किया जा रहा है. चलिये जानते है कौन है शीना और उन्होंने डीआरडीओ के साथ लब और कैसे अपना सफ़र शुरू किया.
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पहली बार MIRV टेक्नोलॉजी के साथ टेस्ट:
हालांकि अग्नि-5 मिसाइल का विकास भारत ने पहले ही कर लिया था और इसे पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है. लेकिन इस बार इसके एडवांस वर्जन की सफल टेस्टिंग की गयी जो MIRV टेक्नोलॉजी पर आधारित थी. अग्नि-5 मिसाइल की MIRV टेक्नोलॉजी के साथ यह पहली सफल टेस्टिंग थी.
पीएम मोदी ने 'मिशन दिव्यास्त्र' बताया:
पीएम मोदी ने अग्नि-5 मिसाइल के विकास में लगी टीम को बधाई दी है. साथ ही उन्होंने अग्नि-5 मिसाइल को 'मिशन दिव्यास्त्र' कहा है. इस मिसाइल की मारक रेंज में पड़ोसी चीन और पाकिस्तान ही नहीं यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से भी शामिल है.
अग्नि-5 मिसाइल, 5,500 से 5,800 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली एक इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है. इस 'दिव्यास्त्र' प्रोजेक्ट को सफल बनाने में देश की महिला वैज्ञानिकों का अहम रोल रहा है. शीना रानी (Sheena Rani) ने इस प्रोजेक्ट को लीड किया था.
कौन है शीना रानी?
डीआरडीओ की साइंटिस्ट शीना रानी साल 1999 से अग्नि मिसाइल सिस्टम के विकास कार्य में लगी हुई है. वहीं कई लोग मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी वाली अग्नि-5 मिसाइल के विकास में शीना का प्रमुख रोल मानते है. एनडीटीवी के अनुसार, शीना रानी कहती हैं, ''मैं DRDO की एक प्राउड मेंबर हूं, जो भारत की रक्षा में मदद करती है."
साल 1998 में राजस्थान के पोखरण में न्यूक्लियर टेस्टिंग के बाद शीना डीआरडीओ से जुड़ी थी. साल 1999 से शीना अग्नि सीरीज के लॉन्च कंट्रोल सिस्टम पर काम कर रही है.
57 साल की शीना रानी हैदराबाद में DRDO की हाईटेक लैब में साइंटिस्ट हैं और उन्होंने अग्नि-5 मिसाइल के विकास में अपना अहम योगदान दिया है.
शीना भारत के 'मिसाइल मैन' कहे जाने वाले साइंटिस्ट पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती है.
MIRV टेक्नोलॉजी क्या है?
एमआईआरवी एक ही मिसाइल से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित कई टारगेट को निशाना बना सकता है. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस अग्नि की मारक क्षमता 5,000 किमी से अधिक है, जो इसे लंबी दूरी की मिसाइल बनाती है.
भारत पहले ही अग्नि 5 के कई सफल टेस्टिग कर चुका है लेकिन यह पहली बार था कि फ्लाइट टेस्टिंग एमआईआरवी के साथ किया गया. जिन देशों के पास एमआईआरवी क्षमता वाली मिसाइलें हैं वे अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस हैं और भारत भी अब इस लिस्ट में शामिल हो गया है.
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