कोविड 19 से हुए आर्थिक नुकसान को कम करने के दिशा में कदम उठाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 3 लाख करोड़ ऋण प्रदान करने की घोषणा की है. इसके कारण देश में 45 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को फायदा होगा.
MSME परिभाषा 2020: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को MSME अधिनियम -2016 के अनुसार वर्गीकृत किया गया है.
वर्गीकरण | सूक्ष्म उद्योग | लघु उद्योग | माध्यम उद्योग |
विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र | निवेश 1 करोड़ से कम & टर्नओवर 5 करोड़ से कम | निवेश 10 करोड़ से कम & टर्नओवर 50 करोड़ से कम | निवेश 20 करोड़ से कम & टर्नओवर 100 करोड़ से कम |
इस नई परिभाषा में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में अंतर ख़त्म हो गया है.अर्थात परिभाषा में सभी MSMEs को समान निवेश और टर्नओवर के आधार पर परिभाषित किया गया है. इसके पहले की परिभाषा में केवल टर्नओवर के आधार पर उद्योगों को परिभाषित किया जाता था लेकिन अब इसमें निवेश को भी जोड़ा गया है.
सूक्ष्म उद्योग की परिभाषा (Definition of Micro Industries):-जिन उद्योगों में निवेश एक करोड़ से कम एवं टर्नओवर 5 करोड़ से कम है उन्हें सूक्ष्म उद्योग कहा जायेगा.
लघु उद्योग की परिभाषा (Definition of Small Industries):- जिन उद्योगों में निवेश 10 करोड़ से कम एवं टर्नओवर 50 करोड़ से कम है उन्हें सूक्ष्म उद्योग कहा जायेगा.
मध्यम उद्योग की परिभाषा (Definition of Medium Industries):- जिन उद्योगों में निवेश 20 करोड़ से कम एवं टर्नओवर 100 करोड़ से कम है उन्हें सूक्ष्म उद्योग कहा जायेगा.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के लिए आर्थिक पैकेज 2020 की मुख्य बातें:- (Key Points of Economic package for MSMEs 202)
1. जो msme सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा. यह विभिन्न MSMEs को इक्विटी फण्ड के तहत फंडिंग उपलब्ध कराएगा.
2. तीन लाख करोड़ रुपए तक के कोलेटरल फ्री ऑटोमेटिक लोन MSME को बिना गारंटी के दिया जाएगा. इस स्कीम का लाभ 31 अक्तूबर 2020 तक लिया जा सकता है. इसमें कोई गारंटी या कुछ गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होगी.
3. इसमें किसी को अपनी ओर से कोई गारंटी नहीं देनी होगी. इस लोन को चुकाने की समय सीमा चार साल की होगी और मूलधन चुकाने के लिए 12 महीनों का अतिरिक्त समय दिया जायेगा. पहले एक साल में मूलधन चुकाना नहीं पड़ेगा.
4.जो MSME अच्छा कारोबार कर रही हैं,और विस्तार करना चाहते हैं, लेकिन विस्तार करने के लिए फण्ड नहीं हैं, उनके लिए फंड ऑफ़ फंड्स बनाया जा रहा है. इससे पचास हज़ार करोड़ की इक्विटी आएगी.
5. इसका लाभ 100 करोड़ तक के टर्नओवर और 25 करोड़ रुपये तक के बकाया वाली बॉरोअर्स यूनिट ले सकेंगी.
6. इस आर्थिक पैकेज से 45 लाख MSMEs को फायदा मिलेगा.
7.तनाव की केटेगरी वाली MSME के प्रोमोटर्स को बैंकों से लोन दिया जायेगा जो कि MSME में ही इक्विटी में रूप में निवेश कर दिया जायेगा.
8.विस्तार करने वाले MSME को 50 हजार करोड़ का लोन
9.इन MSME में निवेश के लिए 200 करोड़ से कम के ग्लोब्नल टेंडर नहीं होंगे.
इस प्रकार ऊपर दिए गए तथ्यों से यह स्पष्ट है कि सरकार अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को बचाने के लिए कमर कास चुकी है ताकि देश को कोविड 19 के कारण आर्थिक संकट में फसने से बचाया जा सके.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान
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