महासागर पृथ्वी और मानव जाति की जीवन रेखा हैं, क्योंकि यह पृथ्वी की जलवायु और ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्व की आधी से अधिक ऑक्सीजन महासागरों द्वारा उत्पादित होती है और यह हमारे वायुमंडल की तुलना में 50 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करती है।
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इस लेख के माध्यम से विश्व की महासागरीय धाराओं की सूची उनकी प्रकृति सहित देखें।
विश्व की महासागरीय धाराओं की सूची
धाराओं का नाम | धाराओं की प्रकृति |
उत्तरी विषुवतरेखीय धारा | गरम या उष्ण |
कुरोशियो धारा | गरम |
उत्तरी प्रशांत धारा | गरम |
अलास्का धारा | गरम |
काउंटर इक्वेटोरियल धारा | गरम |
अल नीनो धारा | गरम |
त्सुशिमा धारा | गरम |
दक्षिण विषुवतीय धारा | गरम |
पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई धारा | गरम |
हम्बोल्ट या पेरूवियन धारा | ठंडा |
कुरील या ओया शियो धारा | ठंडा |
कैलिफोर्निया धारा | ठंडा |
अंटार्कटिका धारा | ठंडा |
ओखोटस्क धारा | ठंडा |
फ्लोरिडा धारा | गरम |
गल्फ स्ट्रीम | गरम |
नॉर्वेजियन धारा | गरम |
इर्मिंगर धारा | गरम |
रैनेल धारा | गरम |
एंटिल्स धारा | गरम |
ब्राजीलियाई धारा | गरम |
लैब्राडोर धारा | ठंडा |
कैनरी धारा | ठंडा |
पूर्वी ग्रीनलैंड धारा | ठंडा |
बेंगुएला धारा | ठंडा |
अंटार्कटिका धारा | ठंडा |
फ़ॉकलैंड धारा | ठंडा |
मोज़ाम्बिक धारा | गर्म और स्थिर |
अगुलहास धारा | गर्म और स्थिर |
दक्षिण-पश्चिम मानसून धारा | गरम और अस्थिर |
उत्तर-पूर्वी मानसून धारा | ठंडा और अस्थिर |
सोमाली धारा | ठंडा और अस्थिर |
पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई धारा | ठंडा और स्थिर |
दक्षिण हिन्द महासागर धारा | ठंडा |
महासागरीय धाराएं क्या हैं ?
महासागरीय धाराएं समुद्र के पानी की परिसंचरण प्रणाली के विभिन्न घटकों से बनी होती हैं, जो गुरुत्वाकर्षण, हवा के घर्षण और समुद्र के विभिन्न हिस्सों में पानी के घनत्व में भिन्नता से उत्पन्न होती हैं। प्रवाह की दिशा, गति और आकार के आधार पर इन्हें तीन भागों यानी बहाव, धारा और ड्रीफ्ट में वर्गीकृत किया गया है। ये ठंडे, गर्म और हल्के गर्म हो सकते हैं।
गर्म महासागरीय धाराएं भूमध्य रेखा के पास उत्पन्न होती हैं और ध्रुवों या उच्च अक्षांशों की ओर बढ़ती हैं, जबकि ठंडी धाराएं ध्रुवों या उच्च अक्षांशों के पास उत्पन्न होती हैं और उष्ण कटिबंध या निचले अक्षांशों की ओर बढ़ती हैं। धारा की दिशा और गति तटरेखा और समुद्र तल पर निर्भर करती है। वे हजारों मील तक बह सकती हैं और दुनिया के सभी प्रमुख महासागरों में पाई जाती हैं।
उत्तरी गोलार्ध में महासागरीय धाराएं कोरिओलिस बल के कारण अपनी दाहिनी ओर विक्षेपित होती हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में अपनी बाईं ओर विक्षेपित होती हैं। समुद्री जल के प्रवाह के इस नियम का एकमात्र अपवाद हिंद महासागर में पाया जाता है, जहां मानसूनी हवा के प्रवाह की दिशा में परिवर्तन के साथ धारा प्रवाह की दिशा भी बदल जाती है। उल्लेखनीय है कि गर्म या हल्के गरम जलधारा की तुलना में ठंडी जलधाराओं की संख्या कम होती है।
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