माना जाता है कि दिल्ली का सबसे पुराना नाम इंद्रप्रस्थ है। यह एक ऐसा शहर था, जिसका जिक्र प्राचीन महाकाव्य महाभारत में मिलता है। यह पांडवों की भव्य राजधानी थी, जो यमुना नदी के किनारे बनाई गई थी। कई इतिहासकारों का मानना है कि आज की दिल्ली उसी जगह पर या उसके आसपास बसी है। माना जाता है कि दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक पुराना किला इंद्रप्रस्थ के खंडहरों पर बना है। यह नाम दिल्ली के पौराणिक महत्त्व और प्राचीन भारतीय सभ्यता में इसकी गहरी जड़ों को दिखाता है।
डिल्ली – सल्तनत और स्थानीय विरासत
दिल्ली सल्तनत काल (13वीं-16वीं शताब्दी) के दौरान, इस शहर को आमतौर पर डिल्ली के नाम से जाना जाने लगा। यह नाम आज भी बहुत इस्तेमाल होता है। हालांकि "डिल्ली" शब्द की उत्पत्ति पर बहस होती है, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि यह पहली शताब्दी ईसा पूर्व में शासन करने वाले राजा ढिल्लू के नाम से आया होगा। मामलुक, खिलजी और तुगलक जैसे कई राजवंशों के शासन में दिल्ली एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र बन गया। हर शासक ने महरौली, सिरी और तुगलकाबाद जैसे नए शहर बसाए, लेकिन लोग इन सभी इलाकों को मिलाकर डिल्ली ही कहते थे।
शाहजहांनाबाद – मुगल राजधानी
17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहां ने एक चाहरदीवारी वाला शहर बनवाया। इसका नाम उन्होंने शाहजहांनाबाद रखा, जिसे अब पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है। इस शहर में लाल किला, जामा मस्जिद और चांदनी चौक जैसी मशहूर इमारतें शामिल थीं। शाहजहांनाबाद मुगल साम्राज्य की राजधानी और एक बड़ा सांस्कृतिक केंद्र था। यह अपनी शान, योजना और चहल-पहल वाले बाजारों के लिए जाना जाता था। आज भी पुरानी दिल्ली की तंग गलियों और पुरानी हवेलियों में उस मुगल काल की राजधानी का आकर्षण महसूस होता है।
दिल्ली – औपनिवेशिक शासन से आधुनिक राजधानी तक
ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली नाम मानक बन गया, हालांकि स्थानीय लोग इसे तब भी आमतौर पर डिल्ली ही कहते थे। 1911 में अंग्रेजों ने राजधानी को कोलकाता से बदलकर दिल्ली को भारत की आधिकारिक राजधानी घोषित कर दिया। 1947 में आजादी के बाद दिल्ली का विकास जारी रहा। अब इसमें नई दिल्ली भी शामिल है, जो भारत सरकार का केंद्र है। समय के साथ इसका नाम इंद्रप्रस्थ से डिल्ली, फिर शाहजहांनाबाद और अब दिल्ली हो गया है। हर नाम इसके गौरवशाली इतिहास के एक अलग अध्याय को दिखाता है।
दिल्ली के पुराने नाम के बारे में 7 रोचक तथ्य
-माना जाता है कि इंद्रप्रस्थ 3,000 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसका जिक्र महाभारत जैसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में पांडवों की भव्य राजधानी के रूप में मिलता है।
-पुरातात्विक अध्ययनों से पता चलता है कि आज की दिल्ली में स्थित पुराना किला, इंद्रप्रस्थ के अवशेषों पर बना हो सकता है। यह दिल्ली को उसके पौराणिक अतीत से जोड़ता है।
-माना जाता है कि "डिल्ली" नाम राजा ढिल्लू से आया है, जो लगभग 50 ईसा पूर्व शासन करने वाले एक स्थानीय राजा थे। हो सकता है कि उनका नाम ही धीरे-धीरे बदलकर "डिल्ली" हो गया हो।
-दिल्ली कोई एक शहर नहीं है, बल्कि यह सात ऐतिहासिक शहरों का मेल है। इन शहरों को तुगलक, मुगल और अंग्रेजों जैसे अलग-अलग शासकों ने बसाया था।
-मुगल सम्राट शाहजहां ने शाहजहांनाबाद (पुरानी दिल्ली) को एक चाहरदीवारी वाले शहर के रूप में बनवाया था, जिसमें 14 बड़े दरवाजे थे। इनमें से कुछ दरवाजे आज भी मौजूद हैं।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation