भारत का इतिहास, इतिहास से भी पुराना बताया जाता है। यहां की संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली इतिहास इसे अन्य देशों से अलग बनाते हैं। वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।
इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग जिले मौजूद हैं और प्रत्येक जिला अपनी खास पहचान रखता है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा।
यहां कुछ जिले नए हैं, तो कुछ जिलों का इतिहास 200 साल से भी पुराना है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पुराना जिला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कैसे बने थे जिले
भारत में जिलो गठन एक साथ नहीं हुआ, बल्कि यह एक लंबी प्रक्रिया रही है। जिलों के गठन की जड़ें ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से हैं और इनका विकास देश की आजादी के बाद तक होता रहा है।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत में अपनी शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने व राजस्व प्राप्ति को और सुगम बनाने के लिए प्रांत को छोटी-छोटी इकाई व जिलों में बांटा गया था। वहीं, देश की आजादी के समय भारत में 565 से अधिक रियासतें हुआ करती थीं, जिनका बाद में भारत में विलय किया गया।
इसके बाद भाषा के आधार पर राज्यों का गठन हुआ, जिनमें जिलों की आवश्यकता महसूस हुई।
भारत में कुल कितने जिले हैं
भारत में समय-समय पर जिलों की संख्या में बदलाव होता रहता है। क्योंंकि, जिलों के गठन का अधिकार राज्य सरकारों के पास होता है, जो कि समय-समय जिलों की संख्या घटाती और बढ़ाती रहती है। इस कड़ी में भारत में वर्तमान में कुल 813 जिले मौजूद हैं। हालांकि, कुछ लेखों में जिलों की कुल संख्या 797 भी बताई गई है।
भारत का सबसे पुराना जिला कौन-सा है
भारत के सबसे पुराने जिले की बात करें, तो यह बिहार राज्य का पूर्णिया जिला है। इस जिले को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1770 में स्थापित किया गया था, जो कि बिहार और पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा पर स्थित है।
पूर्णिया शब्द 'पूर्ण' और 'अरण्य' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है "पूरी तरह से जंगलों से घिरा हुआ क्षेत्र"। आपको बता दें कि ब्रिटिश ने 1765 में इस क्षेत्र का घेराव किया था और बेहतर प्रशासन व्यवस्था को बनाने के लिए 10 फरवरी, 1770 को इसा जिला घोषित किया।
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