कोविड 19 के खिलाफ जंग में हर भारतीय बढ़कर हिस्सा ले रहा है. चूंकि इस वायरस के कारण देश में आर्थिक गतिविधियाँ ठप्प पड़ी हैं इस कारण सरकार को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है और रुपये की कमी सामने आ रही है.
इस वित्तीय कमी को पूरा करने के लिए पिछले दिनों सभी ने सुना कि सभी उद्योगपतियों और अभिनेताओं ने स्वेच्छा से PMCARES fund में काफी दान दिया था और सिलसिला जारी है.
पूरे विश्व में कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में हर व्यक्ति और संस्था अपना बेस्ट एफर्ट कर रही है. इसी दिशा में सही फैलसा लेते देते देश के प्रधानमन्त्री, कैबिनेट मंत्री, राष्ट्रपति, राष्ट्रपति, राज्यपाल और सभी पार्टियों के सांसदों ने स्वेच्छा से अपनी सैलरी का 30% हिस्सा भारत की संचित निधि में एक साल तक देने का फैसला 6 अप्रैल 2020 को लिया है.
यह कटौती 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. इसके साथ ही संसद सदस्यों को मिलने वाले MPLAD फण्ड को भी 2 साल के लिए रोक दिया गया है. इससे सरकार को कुल 7,900 करोड़ रुपये की बचत होगी जो कि भारत की संचित निधि में जमा होगा.
सांसद निधि योजना क्या है? (What is MPLAD Scheme)
सांसद निधि योजना (MPLAD) की शुरुआत 23 दिसंबर 1993 को पी. वी. नरसिंहा राव के प्रधानमन्त्री काल में हुई थी. शुरुआत में इसके तहत प्रत्येक संसद सदस्य को 5 लाख मिलते थे जो कि वर्तमान में हर साल 5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो गये हैं.
भारत में सांसद को कितना रुपया मिलता है? (Salary of Members of Parliament)
वर्तमान में सांसदों को लगभग 1.6 लाख रूपये प्रति माह मिलते हैं. जिसमें सांसदों की बेसिक सैलरी रु. 50,000 है, संसद में उपस्थित होने पर सांसदों को दिया जाने वाला दैनिक भत्ता 2000 रूपये,निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45,000 रु. और ऑफिस खर्च 45,000 रुपये है.
अब अगर 160000 का 30% घटाया जाये तो लगभग 48 हजार रूपये हर सांसद के द्वारा भारत की संचित निधि में 1 साल में लगभग 576000 रूपये दिया जायेगा.
यही राशि भारत के अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के द्वारा दान की जाएगी क्योंकि केन्द्रीय मंत्री भी सांसद वाला ही वेतन पाते हैं हालाँकि मंत्री के रूप में अन्य भत्ते भी मिलते हैं.
भारत के राष्ट्रपति का वेतन (Salary of President of India)
वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति को लगभग हर माह 5 लाख रुपये और अन्य निर्धारित भत्ते मिलते हैं. इस प्रकार कोविड 19 से लड़ने के लिए राष्ट्रपति महोदय हर साल 1.5 लाख रूपये देंगे जो कि एक साल में लगभग 18 लाख रूपये हो जायेंगे.
भारत के उपराष्ट्रपति को 4 लाख रुपये वेतन और अन्य भत्ते मिलते हैं.
भारत के राज्यपाल का वेतन: (Salary of Governor of States)
वर्तमान में राज्यों के राज्यपाल को लगभग हर माह 3.5 लाख रुपये और अन्य निर्धारित भत्ते मिलते हैं. इस प्रकार कोविड 19 से लड़ने के लिए एक राज्य के राज्यपाल महोदय द्वारा हर माह 105,000 लाख रूपये देंगे जो कि एक साल में लगभग 12.60 लाख रूपये हो जायेंगे.
उम्मीद है कि कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में भारत में कोई वित्तीय समस्या सामने नहीं आयेगी और जल्दी ही इस महामारी पर काबू पा लेंगे.
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