हाल ही में 18वीं लोकसभा के लिए सरकार चुन ली गई है, जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है। प्रधानमंत्री पूरे मंत्रिमंडल का मुखिया होता है, जो सरकार चलाने में अहम भागिदारी निभाते हैं। भारत में प्रधानमंत्री का अहम पद है। इस कड़ी में हम जानेंगे कि भारत के प्रधानमंत्री के कार्य व शक्तियां क्या होती हैं।
भारत के प्रधानमंत्री: शक्तियां, कर्तव्य और नियुक्ति विवरण
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 में उल्लेख है कि देश का एक प्रधानमंत्री होगा, जिसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा और भारत के लोगों द्वारा आम चुनाव के माध्यम से चुना जाएगा। इस प्रकार वह जनता का प्रतिनिधि है। देश की जनता द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री की नियुक्ति, शक्तियों और कर्तव्यों के संबंध में इस लेख में जानकारी दी गई है।
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प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का प्रमुख होता है। वह मंत्रिपरिषद के साथ मिलकर केंद्र में कार्यकारी शक्ति का निर्माण करता है। भारत का राष्ट्रपति केवल नाममात्र का प्रधान होता है, जबकि मुख्य शक्तियां भारत के प्रधानमंत्री के पास होती हैं। संक्षेप में कहें, तो जहां राष्ट्रपति को राज्य का प्रमुख कहा जाता है, वहीं प्रधानमंत्री को सरकार का प्रमुख कहा जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री के पास अधिक शक्तियां होती हैं।
प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां
-वह अपने राजनीतिक दल के सदस्यों को मंत्री पद पर नियुक्त करने के लिए उनके नाम राष्ट्रपति को प्रस्तावित करता है।
-वह विभिन्न मंत्रियों को प्रभार के वितरण का निर्णय लेता है और उनके मंत्रिमंडल में फेरबदल भी कर सकता है।
-वह मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करता है और उसमें लिए गए निर्णयों को बदल सकता है।
-वह भारत के राष्ट्रपति को अपने मंत्रिमंडल से किसी मंत्री के इस्तीफे या हटाने के बारे में सुझाव दे सकता है।
-वह मंत्रिमंडल में मंत्रियों के कामकाज को नियंत्रित और निर्देशित भी करता है।
-वह कभी भी इस्तीफा दे सकता है और भारत के राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल भंग करने का सुझाव दे सकता है। वह राष्ट्रपति को लोकसभा भंग करने तथा नये सिरे से चुनाव कराने का सुझाव दे सकता है।
नोट: यदि प्रधानमंत्री अपने पद से इस्तीफा दे देता है या कार्यालय में उसकी मृत्यु हो जाती है, तो मंत्रिमंडल कार्य करना बंद कर देता है और प्रधानमंत्री की मृत्यु के बाद स्वतः ही भंग हो जाता है।
नियुक्तियों के संबंध में अधिकार एवं शक्तियां:
प्रधानमंत्री निम्नलिखित की नियुक्ति के बारे में राष्ट्रपति को सुझाव दे सकते हैं:-
-भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
-भारत के अटॉर्नी जनरल
-भारत के महाधिवक्ता
-यूपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य
-चुनाव आयुक्तों का चयन
-वित्त आयोग के सदस्य एवं अध्यक्ष
भारत की संसद के संबंध में अधिकार/शक्तियां:
प्रधान मंत्री निचले सदन का नेता होता है और निम्नलिखित शक्तियों का प्रयोग कर सकता है:
-वह देश की विदेश नीति तय करता है।
-वह केंद्र सरकार का स्पीकर होता है।
-वह संसद में सत्तारूढ़ दल का नेता होता है।
-वह नीति आयोग राष्ट्रीय विकास परिषद, राष्ट्रीय एकता परिषद, अंतर-राज्य परिषद और राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद का अध्यक्ष भी होता है।
-वह राजनीतिक स्तर पर आपातकाल के दौरान आपदा प्रबंधन टीम का प्रमुख होता है।
-वह सभी सेनाओं का राजनीतिक प्रमुख होता है, ध्यान रहें यहां हम राजनीतिक प्रमुख की बात कर रहे हैं।
भारत के राष्ट्रपति से संबंध:-
भारत के संविधान में निम्नलिखित अनुच्छेद भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध बताते हैं: -
अनुच्छेद 74: राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मामलों में राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रियों का एक मंत्रिमंडल होगा, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री को करना होगा। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह के आधार पर निर्णय लेगा, हालांकि, वह मंत्रियों की कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णयों पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पुनर्विचार के बाद ऐसे किसी भी निर्णय/सलाह का पालन करना उसके लिए बाध्य है।
अनुच्छेद 75: प्रधान मंत्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति भी प्रधानमंत्री की सलाह के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
-भारत के राष्ट्रपति की इच्छा तक मंत्री अपने पद का आनंद ले सकते हैं।
-मंत्रियों का मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से भारत की संसद के प्रति उत्तरदायी होगा।
प्रधानमंत्री के कर्तव्य:
-कैबिनेट मंत्रियों द्वारा किए गए सभी कार्यों की रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को देना।
-किसी आपातकाल की स्थिति या विदेश नीति या तत्काल महत्व के किसी मामले के बारे में भारत के राष्ट्रपति को जानकारी देना।
-राष्ट्रपति को भारत सरकार एवं संघ की कार्यप्रणाली से अवगत कराना।
भारत के संविधान का मसौदा तैयार करते समय डॉ. अंबेडकर ने भारत के प्रधानमंत्री की भूमिका को एक पदाधिकारी के रूप में गिनाया, जिसकी तुलना संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से की जा सकती है।
इसलिए, यह कहा जा सकता है कि भारत में राष्ट्रपति नाममात्र का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का कार्यकारी प्रमुख होता है।
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