जानें प्रसाद योजना (PRASAD Scheme) के बारे में

Oct 30, 2020, 16:26 IST

PRASAD यानी तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (Pilgrimage Rejuvenation and Spritual Augmentation Drive). इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई थी. आइये इस लेख के माध्यम से प्रसाद योजना को शुरू करने का उद्देश्य और अन्य तथ्यों के बारे में अध्ययन करते हैं.

PRASAD Scheme
PRASAD Scheme

तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (PRASAD) एक राष्ट्रीय मिशन  है जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था. यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय रूप से वित्त पोषित है.

यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर के तीर्थ स्थलों की पहचान और विकास पर केंद्रित है. इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान कराना और साथ ही प्राथमिकता वाले और स्थायी तरीके से तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है.

प्रसाद योजना का उद्देश्य

- स्थायी रूप से पर्यटन आकर्षण को बढ़ाना.

- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसका प्रत्यक्ष और बहुमुखी प्रभाव पड़े.

-  स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि को बढ़ावा देना.

- धार्मिक स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा विकसित करना.

- तीर्थस्थलों के विकास के लिए कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और प्रो-पुअर (Pro-Poor) टूरिज्म कांसेप्ट का भी पालन करना.

- पब्लिक कैपिटल से लाभ प्राप्त करना.

- आय के स्रोतों में वृद्धि करना.

- समग्र विकास के लिए क्षेत्र में पर्यटन के महत्व के बारे में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना.

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अन्य महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:

योजना के मैनेजमेंट स्ट्रक्चर (Management Structure) में शामिल हैं:

1. National Steering Committee (NSC): मिशन के उद्देश्यों और योजना के विजन (Vision) को पूरा करना. यह योजना समग्र मार्गदर्शन, समीक्षा और निगरानी के लिए जिम्मेदार होगी.
2. Central Sanctioning & Monitoring Committee (CSMC): मिशन निदेशालय द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं को मंजूरी देने और कार्यान्वयन की प्रगति की नियमित निगरानी के लिए एक केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (CSMC) होगी.
3. Mission Directorate
4. Programme Management Consultant (PMC): यह मिशन डायरेक्टरेट द्वारा नियुक्त किया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का सलाहकार होगा.

योजना के अंतर्गत शिमिल हुए 12 शहर इस प्रकार हैं:
1. कामाख्या (असम)
2. अमरावती (आंध्र प्रदेश)
3. द्वारका (गुजरात)
4. गया (बिहार)
5. अमृतसर  (पंजाब)
6. अजमेर (राजस्थान)
7. पुरी (ओडिशा)
8. केदारनाथ (उत्तराखंड)
9. कांचीपुरम (तमिलनाडु)
10. वेलनकन्नी (तमिलनाडु)
11. वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
12. मथुरा (उत्तर प्रदेश)
तो अब आपको प्रसाद योजना (PRASAD Scheme) के बारे में, इसके उद्देश्यों के बारे में ज्ञात हो गया होगा.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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