RBI Monetary Policy Meeting 2024: भारतीय रिज़र्व बैंक ने बुधवार को लगातार 10वीं बार रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखी. हालांकि, समिति ने मौद्रिक नीति के रुख को 'समायोजन की वापसी' से बदलकर 'न्यूट्रल' कर दिया है.
बता दें कि छह सदस्यीय समिति में सौरभ भट्टाचार्य, प्रोफेसर राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा और शक्तिकांत दास ने रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने के पक्ष में वोट किया.
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नहीं बढ़ेगी EMIs की क़िस्त?
इसका मतलब है कि रेपो दर से जुड़े बाहरी बेंचमार्क ऋण दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी, जिससे उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि उनकी मासिक किस्तों (EMIs) में कोई इजाफा नहीं होगा.
हालांकि, जो ऋण MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट) से जुड़े हैं, उनमें बैंकों द्वारा दरें बढ़ाई जा सकती हैं, क्योंकि मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो दर में 250 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का पूरा असर अभी तक नहीं हुआ है.
RBI मौद्रिक नीति बैठक 2024 हाई लाइट्स:
शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि आरबीआई एमपीसी ने SDF को 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा है, जबकि MSF और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बरकरार हैं. वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर कायम है.
बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई एंटरप्राइज सर्वे में जिन कंपनियों से बात की गई, उन्होंने इनपुट लागत के दबाव में कमी की उम्मीद जताई है, लेकिन हाल में प्रमुख कमोडिटी, विशेषकर धातु और कच्चे तेल की कीमतों में आई वृद्धि पर नजर बनाये रखनी होगी.
RBI गवर्नर ने कहा कि जुलाई और अगस्त में हेडलाइन महंगाई दर क्रमशः 3.6 और 3.7 प्रतिशत पर आ गई है, जो जून में 5.1 प्रतिशत थी. शक्तिकांत दास ने बताया कि Q1FY25 में भारत की रियल GDP 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जिसका मुख्य आधार निजी उपभोग और निवेश था.
शक्तिकांत दास ने यह भी बताया कि पहली तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा (CAD) जीडीपी का 1.1 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $700 अरब के नए स्तर को पार कर गया है.
मई 2022 से अब तक की 250 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि के बाद, बैंकों ने अपनी रेपो-लिंक्ड बाहरी बेंचमार्क-आधारित लेंडिंग दरों (EBLRs) को भी इसी अनुपात में बढ़ा दिया है. वहीं, बैंकों का एक-वर्षीय औसत MCLR मई 2022 से अगस्त 2024 के बीच 170 बेसिस प्वाइंट्स तक बढ़ चुका है.
RBI मौद्रिक नीति बैठक 2024
Governor’s Statement: October 9, 2024
पिछली बैठक में क्या हुआ था फैसला:
अगस्त में हुई एमपीसी बैठक में रेपो दर को स्थिर रखते हुए समिति ने इस बात पर चिंता जताई थी कि पिछले कई महीनों से खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ी हुई है, जो महंगाई दर को नियंत्रित करने के प्रयासों को प्रभावित कर सकती है.
यह भी देखें:
Post Monetary Policy Press Conference by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor- October 09, 2024 at 12 noon https://t.co/EQuGkM7WOR
— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 9, 2024
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