एशिया में कई तरह की अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिनमें तेजी से विकास कर रहे देशों से लेकर दुनिया के कुछ सबसे अमीर देश भी शामिल हैं। GDP पर कैपिटा (प्रति व्यक्ति GDP) के साथ GDP परचेजिंग पावर पैरिटी (PPP) से किसी देश की समृद्धि को आंकना ज्यादा सही होता है। इससे लोगों के जीवन स्तर की ज्यादा सटीक तस्वीर मिलती है, क्योंकि इसमें रहन-सहन के खर्च को भी शामिल किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 के लिए एशिया में कई अमीर देश हैं। इनमें सिंगापुर और कतर जैसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले छोटे देश और दक्षिण कोरिया और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल हैं।
इनमें से कई देशों की संपत्ति का आधार प्राकृतिक संसाधन, दुनिया में उनकी खास भौगोलिक स्थिति और एक अच्छी तरह से विकसित वित्तीय और टेक्नोलॉजी सेक्टर है। आगे एशिया के उन शीर्ष 10 सबसे अमीर देशों के बारे में बताया गया है, जिनकी प्रति व्यक्ति GDP (PPP) उनकी आर्थिक ताकत और नागरिकों के जीवन स्तर को दर्शाती है।
एशिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर देश
| रैंक | देश | प्रति व्यक्ति GDP |
| 1 | सिंगापुर | 156,755 डॉलर |
| 2 | कतर | 121,605 डॉलर |
| 3 | ब्रुनेई दारुस्सलाम | 95,758 डॉलर |
| 4 | संयुक्त अरब अमीरात | 81,676 डॉलर |
| 5 | बहरीन | 67,795 डॉलर |
| 6 | दक्षिण कोरिया | 65,112 डॉलर |
| 7 | साइप्रस | 65,088 डॉलर |
| 8 | सऊदी अरब | 61,923 डॉलर |
| 9 | इजराइल | 56,436 डॉलर |
| 10 | जापान | 54,677 डॉलर |
सिंगापुर: एशिया का सबसे अमीर देश
2025 में सिंगापुर को प्रति व्यक्ति GDP (परचेजिंग पावर पैरिटी) के मामले में एशिया का सबसे अमीर देश होने का गौरव प्राप्त है, जहां आय का स्तर 153,000 डॉलर से अधिक है। जहां कई अमीर देश अक्सर प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं, वहीं सिंगापुर की अर्थव्यवस्था वित्त, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन पर आधारित है।
सिंगापुर की सफलता का श्रेय मजबूत शासन, व्यापार के लिए अनुकूल माहौल, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और बहुत अच्छी तरह से शिक्षित वर्कफोर्स को जाता है। इस शहर-राज्य की भौगोलिक स्थिति ने भी इसे व्यापार और लॉजिस्टिक्स के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में काम करने में मदद की है।
अपने छोटे आकार और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बावजूद, सिंगापुर ने लचीलेपन और आर्थिक विकास का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। अपनी लंबी अवधि की योजना और स्थिरता के अलावा, सिंगापुर अपनी वैश्विक साझेदारियों को भी महत्त्व देता है। ये मूल्य सिंगापुर को एशिया और दुनिया भर में सतत विकास और समृद्धि के लिए एक मॉडल के रूप में काम करने में मदद करते हैं।
सिंगापुर एशिया का सबसे अमीर देश क्यों है?
-प्रमुख वैश्विक व्यापार मार्गों और दो महासागरों के बीच रणनीतिक रूप से स्थित होने के कारण सिंगापुर दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक होने के साथ-साथ एक शिपिंग और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरा है।
-देश में एक बहुत मजबूत सरकारी तंत्र है, जो कुशल और भ्रष्टाचार से मुक्त है। एक स्थिर शासन संरचना ने निवेश और व्यापार के संचालन के लिए एक अच्छा ढांचा तैयार किया है।
-यह शहर-राज्य मुक्त व्यापार, कम टैक्स और एक सहायक रेगुलेटर का समर्थक रहा है।
-सिंगापुर ने शिक्षा में निवेश करके एक कुशल और शिक्षित आबादी तैयार की है, जो अंततः इनोवेशन और उत्पादकता को बढ़ाती है।
-अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सिंगापुर के संबंधों ने इसे वैश्विक आर्थिक बाजार में प्रभावी ढंग से प्रवेश करने और इसका हिस्सा बनने में मदद की है।
-सिंगापुर प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित अर्थव्यवस्था नहीं है। यह वित्त, टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग और पर्यटन अर्थव्यवस्था पर आधारित है।
-बुनियादी ढांचा: शहरी नियोजन द्वारा समर्थित आधुनिक परिवहन और संचार, कुशल व्यापार और अच्छे जीवन स्तर को बढ़ावा देते हैं।
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