धरती पर हमें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु देखने को मिल जाते हैं। वहीं, समुद्र की सतह में अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतु रह रहे हैं। इनमें से कुछ जीवों की खोज हो गई है और कुछ जीवों की खोज की जा रही है। हाल ही में वैज्ञानिकों के एक दल ने समुद्र में एक ऐसी मछली की खोज की है, जो एक नहीं दो नहीं, बल्कि 24 आंखों से देखती है। इस मछली की लंबाई एक इंच से भी कम है और यह खतरनाक है। इस मछली में इतना जहर है कि किसी इंसान के संपर्क में आने पर उसे हर्ट अटैक या लकवा हो सकता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि कहां पाई गई है यह मछली और कौन सी है प्रजाति, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
इस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की खोज
हांगकांग बैप्टिस्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में विशेष प्रकार की 24 आंखों वाली मछली की खोज की है। वैज्ञानिकों का यह कहना है कि यह मछली जेलीफिश की नई प्रजाति है।
24 आंंखों के साथ मौजूद हैं तीन टांगें
इस मछली को वैज्ञानिकों ने हांगकांग के माई पो रिजर्व के एक तालाब में पाया है। खास बात यह है कि इस मछली की 24 आंखें है, जो कि इसे अन्य जीवों से अलग बनाती हैं। यह आंखें चार-चार आंखों के छह समूह में बटी हुई हैं। वहीं, इस मछली की तीन टांगें हैं, जो कि फैलने पर 10 सेंटीमीटर तक फैल सकती हैं। वहीं, इस मछली का शरीर पारदर्शी है।
क्या है मछली का नाम
बैप्टिस्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मछली का नाम ट्रिपेडालिया माईपोएंसिस रखा है। इस मछली की खोज के बाद वैज्ञानिकों में इसके प्रति जिज्ञासा बढ़ गई है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने हांगकांग ओशन पार्क, यूनिवर्सिटी ऑफ मेनेचेस्टर और WWF-हांगकांग के साथ मिलकर इस मछली पर शोध भी शुरू कर दिया है।
कितनी जहरीली है यह मछली
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह मछली काफी जहरीली है। इस मछली के पैरों में जहर मौजूद होता है। यह इतनी जहरीली होती है कि इसके संपर्क में आने से किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक या लकवा हो सकता है। इस मछली की करीबी प्रजाति की बात करें, तो वह ऑस्ट्रेलियाई बॉक्स जेलीफिश है। इस मछली की गिनती भी सबसे खतरनाक समुद्री जीवों में होती है। इस समुद्री जीव की आंखें रोपालियम में छिपी होती हैं।
इस तरह मिली जेलीफिश
वैज्ञानिकों ने नई प्रजाति की जेलीफिश का पता लगाने के लिए 2020 से 2022 की गर्मियों में खारे पानी के तलाब में जेलीफिश के सैंपल इकट्ठा किए थे, जिसमें यह खतरनाक मछली मिली है। इस मछली को स्थानीय लोग गीई-वाई कहते हैं। वहीं, इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय जर्नल जूलोजिकल स्टडिज में जानकारी दी गई थी।
पढ़ेंः वैज्ञानिकों ने ढूंढा दुनिया का दूसरा सबसे गहरा Blue hole, जानें कितनी है गहराई और कहां है स्थित
Comments
All Comments (0)
Join the conversation