जानें उत्तर प्रदेश की स्पेशल सिक्युरिटी फोर्स (UPSSF) के बारे में

उत्तर प्रदेश सरकार एक विशेष सुरक्षा बल का गठन करने जा रही है जिसमें बिना किसी वारंट के तलाशी लेने के अधिकार शामिल होंगे. आइए उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं.

Sep 17, 2020, 20:34 IST
Uttar Pradesh special security force
Uttar Pradesh special security force

13 सितंबर, 2020 को उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के अनुसार एक विशेष सुरक्षा बल का गठन किया जाएगा. इसमें विशेष परिस्थितियों में बिना वारंट गिरफ्तार करने और बिना वारंट तलाशी लेने का अधिकार भी शामिल है.

उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्युरिटी फोर्स (UPSSF) का नेतृत्व के लिए एडीजी स्तर के आईपीएस को इस बल का मुखिया नियुक्त किया जाएगा. इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा. शुरुआत में, UPSSF के लिए पांच बटालियनों का गठन किया जाएगा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव के अनुसार, अवनीश अवस्थी के अनुसार, "UPSSF को राज्य के DGP से मंजूरी मिली है. इस बल को मेट्रो रेल, हवाई अड्डों, औद्योगिक संस्थानों, अदालतों, धार्मिक स्थानों, बैंकों वित्तीय संस्थाए और अन्य स्थानों कि सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा."

ऐसा बताया जा रहा है कि निजी औद्योगिक प्रतिष्ठान भी निर्धारित शुल्क जमा करके इस बल की सुरक्षा प्राप्त कर सकेंगे. बल के सदस्य हमेशा ड्यूटी पर माने जाएंगे और प्रदेश के अंदर किसी स्थान पर किसी भी समय तैनाती किए जाने के योग्य होंगे.

पहले चरण में, अवनीश अवस्थी के अनुसार 9,919 कर्मियों को तीन महीने के भीतर बल के साथ तैनात किया जाएगा, जिसके बाद में 1,913 पद सृजित किए जाएंगे.केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तर्ज पर बल का गठन किया जा रहा है. यूपी सरकार के अनुसार, पाँच बटालियनों को शुरू करने में 1747.06 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

 उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) की शक्तियाँ

खोजों का संचालन करने या गिरफ्तारी करने के लिए, इसे मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट की आवश्यकता नहीं होगी. यानी विशेष परिस्थितियों में बल को बिना वारंट गिरफ्तार करने की शक्ति होगी। इन विशेष परिस्थितियों में बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना तथा किसी वारंट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है. शक्तियां राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के एक समूह द्वारा शासित होंगी.

पृष्ठभूमि में: उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्युरिटी फोर्स (UPSSF) इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के आधार पर स्थापित करेगा और दिसंबर 2019 में, उसने बिजनौर और मुजफ्फरनगर की अदालतों में गोलीबारी की घटनाओं को लेकर सिविल अदालतों में सुरक्षा पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. अदालत ने राज्य सरकार को अदालत के परिसर में सुरक्षा के लिए एक विशेष बल उत्पन्न करने का भी निर्देश दिया था.
26 जून, 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बल के गठन की घोषणा की, जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने पारित किया.

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के बारे में

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 एक केंद्रीय सशस्त्र बल है जिसे संघ ने संसद के अधिनियम के तहत बनाया. यह सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है. यह औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं और पूरे भारत में स्थित सुविधाओं और प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है. भारत में अन्य केंद्रीय सशस्त्र बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और असम राइफल्स (AR) शामिल हैं.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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