भारत में विभिन्न क्षेत्रों में वर्तमान में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो कि अपनी अलग-अलग जैव विविधताओं के लिए जाने जाते हैं। पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमी हर साल शहर की भागदौड़ से दूर खुद को समय देने के लिए भारत के इन राष्ट्रीय पार्कों का रूख करते हैं और प्रकृति के बीच अपना समय बिताते हैं।
इस दौरान वन्यजीव फोटग्राफी के कई शौकिन लोग भी आपको भारत के इन राष्ट्रीय उद्यानों में मिल जाएंगे। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर राष्ट्रीय उद्यान क्या होते हैं और इनमें किन गतिविधियों पर भी रोक होती है।
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क्या होते हैं राष्ट्रीय उद्यान
प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिए इन क्षेत्रों का निर्माण एवं स्थापना भारत सरकार द्वारा की जाती है। इसमें वन्यजीव अभयारण्य की तुलना में अधिक प्रतिबंध होते हैं व इनकी सीमाएं भी तय हैं।
राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना और जैव विविधता का संरक्षण करना है। साथ ही शिक्षा और मनोरंजन को बढ़ावा देना है।
भारत में राष्ट्रीय उद्यान IUCN श्रेणी II संरक्षित क्षेत्र हैं। 1936 में भारत में पहला राष्ट्रीय उद्यान हेली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। अब इसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रीय उद्यानों के पीछे उद्देश्य
- क्षेत्र को प्राकृतिक साधन के रूप में प्रबंधित करना। भौगोलिक क्षेत्रों, जैविक समुदायों, आनुवंशिक संसाधनों और अप्रभावित प्राकृतिक प्रक्रियाओं को संरक्षित करना।
- व्यापक प्रजातियों, क्षेत्रीय पारिस्थितिक प्रक्रियाओं और प्रवास मार्गों के संरक्षण में योगदान देना।
- व्यवहार्य और पारिस्थितिक रूप से कार्यात्मक आबादी को बनाए रखना। दीर्घावधि में पारिस्थितिकी तंत्र के लचीलेपन को संरक्षित करने के लिए और इसके लिए घनत्व पर देशी प्रजातियों का संयोजन किया जाता है।
-प्रेरणादायक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और मनोरंजक उद्देश्यों के लिए, आगंतुकों के उपयोग का प्रबंधन करना ताकि इससे प्राकृतिक संसाधनों में महत्वपूर्ण जैविक या पारिस्थितिक गिरावट न हो।
- निर्वाह संसाधनों के उपयोग सहित स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों की जरूरतों को ध्यान में रखना।
- पर्यटन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में योगदान करना।
आपको बता दें कि श्रेणी II क्षेत्र आमतौर पर बड़े होते हैं और एक कार्यशील "पारिस्थितिकी तंत्र" का संरक्षण करते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए संरक्षित क्षेत्र को आसपास के क्षेत्रों में सहानुभूतिपूर्ण प्रबंधन द्वारा पूरक करने की आवश्यकता हो सकती है।
क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय उद्यानों में क्या अनुमति है और क्या नहीं
राष्ट्रीय उद्यानों में मानव गतिविधि की अनुमति नहीं है। इसके अलावा पशुधन की चराई और निजी किरायेदारी अधिकारों की अनुमति नहीं है। वन्यजीव अधिनियम की अनुसूची में उल्लिखित प्रजातियों का शिकार या कब्जा करने के उद्देश्यों के लिए भी अनुमति नहीं है। कोई भी व्यक्ति किसी राष्ट्रीय उद्यान से किसी भी वन्यजीव को हटा, शोषण या नष्ट नहीं कर सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर किसी जंगली जानवर के आवास को नुकसान पहुंचाने या नष्ट करने या किसी जंगली जानवर को उसके आवास से वंचित नहीं करेगा।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारें, दोनों ही राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर सकती हैं। लेकिन, राष्ट्रीय उद्यान की सीमाओं में परिवर्तन राज्य विधायिका द्वारा पारित प्रस्ताव को छोड़कर किया जाएगा।
तो, अब आपको राष्ट्रीय उद्यान और इसके उद्देश्य के बारे में पत चल गया होगा।
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