किस तकनीक के माध्यम से फिल्मों में वस्तु को छोटा या बड़ा दिखाया जाता है?

Sep 23, 2019, 13:05 IST

फिल्म जीरो और अजूबा में आपने देखा होगा कि हीरो को बहुत छोटे साइज़ का दिखाया गया था. क्या आप जानते हैं की ऐसा एल तकनीकी की मदद से किया जाता है? एक ऐसी तकनीकी जिसके कारण कोई वस्तु छोटी, बड़ी, दूर या पास हो जाती है. यह एक प्रकार का ऑप्टिकल भ्रम पैदा करती है. इस तकनीक को फोर्स्ड पर्सपेक्टिव कहते है. आइये इस लेख के माध्यम से जानते है कि यह तकनीक क्या है, कैसे काम करती है, कहाँ-कहाँ इसका उपयोग किया जाता है आदि.

What is Forced-Perspective technique?
What is Forced-Perspective technique?

एक ऐसी तकनीक जिसे फोर्स्ड पर्सपेक्टिव (Forced perspective) कहा जाता है जिससे ऑप्टिकल भ्रम (optical illusion) पैदा होता है और वस्तु छोटी, बड़ी, दूर या पास हो जाती है जबकि असलियत में ऐसा नहीं होता है. इस तकनीक का इस्तेमाल फोटोग्राफी, फिल्म निर्माण और वास्तुकला में हो रहा है. इसके कारण व्यक्ति फिल्म में बोना दिखता है, फोटोग्राफी में ताजमहल को हाथ में उठाकर दिखाया जा सकता है आदि. आजकल जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है यह तकनीक और ज्यादा इस्तेमाल हो रही है चाहे वो बॉलीवुड हो, हॉलीवुड हो, आर्किटेक्चर, लैंड स्केपिंग आदि. इस लेख के माध्यम से फोर्स्ड पर्सपेक्टिव तकनीक के बारे में अध्ययन करेंगे कि यह कैसे किसी वस्तु, व्यक्ति को छोटा, बड़ा, दूर या पास कर सकती है.
फोर्स्ड पर्सपेक्टिव (Forced perspective) तकनीक क्या है?

What is forced Perspective technique
Source:www.i0.wp.com
यह एक एडवांस तकनीक है जिसका इस्तेमाल आजकल कई जगहों पर देखा गया है चाहे वो फिल्म हो या फिर फोटोग्राफी. यह तकनीक स्केल ऑब्जेक्ट्स के माध्यम से मानव दृश्य धारणा (human visual perception) को और उसके बीच, सहभागिता दर्शक या कैमरे के सहूलियत का उपयोग से की जाती है. इस तकनीक का प्रयोग फोटोग्राफी, फिल्म निर्माण और वास्तुकला में देखा गया है.
फोर्स्ड पर्सपेक्टिव (Forced perspective) तकनीक कैसे काम करती है?

What is forced perspective technique photography
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इस तकनीक का मुख्य बिंदु इसकी रचनात्मकता और कल्पना है. यह तस्वीर की पृष्ठभूमि (background) को अग्रभूमि (foreground) से मिलाकर बनाया जाता है, जिससे यह ऐसा प्रतीत होता है कि दो ऑब्जेक्ट्स एक समान या एक साथ हो. बेशक, इन दो वस्तुओं के आकार भिन्न हैं परन्तु हमारी आँखों में यह तकनीक ऑप्टिकल भ्रम बनाने में कामियाब हो जाती है.
सबसे पहले देखते है:
- फिल्म-निर्माण में फोर्स्ड पर्सपेक्टिव तकनीक का इस्तेमाल कैसे होता है

What is Forced perspective technique in films
Source: www.3.amazonaws.com
इस तकनीक में ना सिर्फ कैमरे का रोल होता है बल्कि VFx यानी वीडियो एंड ग्राफिक्स और साथ ही सेट भी बेहद अहम भूमिका निभाता है. इस तकनीक की मदद से व्यक्ति 5 फीट से करीबन 2.5 फीट तक बोना दिखाया जा सकता है. हैना हैरान करने वाली तकनीक. इसके माध्यम से छोटे को बड़ा और बड़े को छोटा दिखाया जा सकता है.
छोटी चीज़ को बड़ा दिखाने के लिए उसको कैमरे के पास रखते है और बड़े को छोटा दिखाने के लिए, उसे कैमरे से दूर रखा जाता है. इसमें एंगल का बहुत इम्पोर्टेन्ट रोल होता है.
इस तकनीक से कैसे एक सीन को फिल्माया जाता है, आइये देखते है: एक सीन को इस तकनीक के हिसाब से करने के लिए दो सेट्स को तैयार किया जाता है; एक नार्मल व्यक्ति के लिए और दूसरा जिसे छोटा दिखाना है उसकी हाइट के हिसाब से. दोनों सीन को अलग-अलग शूट किया जाता है. फिर स्पेशल कैमरे पर इन दोनों सीन को सिंक करके उसे क्रोमा और वीडियो-ग्राफिक्स एफेक्ट के हिसाब से एक दुसरे के ऊपर ओवरलैप कर देते है और फिर सामने आता है बौना व्यक्ति जो आपको हैरान कर देता है, ठीक उसी तरह जिस तरह से फिल्म मे डायनासोर को बड़ा या किसी किरदार को छोटा करके दिखाया जाता है.
अब देखते है: फोटोग्राफी में इस तकनीक का इस्तेमाल कैसे होता है

Forced perspective photography
फोर्स्ड पर्सपेक्टिव तकनीक एक ऑप्टिकल भ्रम (optical illusion) है. कैमरे में किसी सुविधाजनक बिंदु और ऑब्जेक्ट की दूरी के आधार पर तय और कंट्रोल किया जाता है कि फ़्रेम में इमेज कितनी बड़ी या छोटा दिखेगी. किसी भी ऑब्जेक्ट को बड़ा दिखाने के लिए उसको कैमरे में नज़दीक रखते है आदि. एक तस्वीर को फोर्स्ड पर्सपेक्टिव तकनीक से दिखाने के लिए, आप लोगो के हिसाब से अलग-अलग तत्वों के आकार को छोटा या बड़ा करके ओवरलैप करते है ताकि वे बड़ी या छोटी दिखाई दे.
फोटोग्राफी में ध्यान देना होता है कि किस प्रकार का कम्पोजीशन होना चाहिए. इस तकनीक के माध्यम से किसी भी इमेज को बड़ा करके दिखाया जा सकता है, आप तस्वीर को कैसे शूट करते हैं, इसके आधार पर तत्वों के आकार को बड़ा या कम करके दिखाया जा सकता है. नज़दीक से और सही फोकस पर कैमरे को रखते है तो आप तत्वों को बड़ा करके देख पाते है आदि.
उपरोक्त लेख में हमने सिखा कि फोर्स्ड पर्सपेक्टिव तकनीक क्या है, किस प्रकार यह ऑप्टिकल भ्रम पैदा करती है जिसके कारण चीजों के आकार को छोटा या बड़ा करके दिखाया जा सकता है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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