इंटरनेट एक ऐसी प्रणाली है, जो दुनिया भर के विभिन्न नेटवर्क व कंप्यूटर सिस्टम को जोड़ती है। आज की दुनिया में इंटरनेट दुनिया भर में इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य शब्द है और यह रोजमर्रा की जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजकल इंटरनेट के बिना जिंदगी अधूरी है।
इंटरनेट न केवल अपने उपयोगकर्ताओं को डाटा तक तत्काल पहुंच प्रदान करता है, बल्कि विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए जानकारी तक पहुंचने में भी मदद करता है। इसका उपयोग बिजनेस और अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता है।
क्या होता है इंटरनेट
यह व्यापक नेटवर्क है, जो दुनिया भर में कंपनियों, सरकारों, विश्वविद्यालयों और अन्य संगठनों द्वारा संचालित कंप्यूटर नेटवर्क को एक दूसरे से बात करने की अनुमति देता है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि इंटरनेट परस्पर जुड़े कंप्यूटरों की एक वैश्विक प्रणाली है, जो संचार और जानकारी साझा करने के लिए मानकीकृत इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग करती है।
इंटरनेट सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें इंटरलिंक्ड हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज और वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफोनी और फाइल शेयरिंग के एप्लिकेशन शामिल हैं। इंटरनेट की प्रणाली डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू, प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक मेल आदि जैसे सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करती है। मानक इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग टीसीपी/आईपी और HTTP आदि सहित किया जाता है।
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इंटरनेट: उत्पत्ति और विकास
SABER (एक एयरलाइन आरक्षण प्रणाली) और AUTODIN I (एक रक्षा कमांड-और-नियंत्रण प्रणाली) सहित पहले कंप्यूटर नेटवर्क 1950 के दशक के अंत और 1960 के दशक की शुरुआत में डिजाइन और कार्यान्वित किए गए समर्पित विशेष-उद्देश्यीय सिस्टम थे।
कंप्यूटर निर्माताओं ने 1960 के दशक की शुरुआत में वाणिज्यिक उत्पादों में सेमीकंडक्टर तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया था। टाइम-शेयरिंग सुविधा ने कंप्यूटर के संसाधनों को कई उपयोगकर्ताओं के साथ तेजी से साझा करने में मदद की।
29 अक्टूबर 1969 को पहला होस्ट-होस्ट नेटवर्क कनेक्शन स्थापित किया गया था। इसे अमेरिकी रक्षा विभाग की एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (ARPA) द्वारा विकसित किया गया था। पहले सामान्य प्रयोजन कंप्यूटर नेटवर्क में से एक ARPANET था।
इसके अलावा एसएमटीपी (सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) और एफ़टीपी (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) सहित टूल और एप्लिकेशन उभरे थे।
ARPANET द्वारा पैकेट स्विचिंग नामक नई तकनीक का भी उपयोग किया गया। यह बड़े संदेश लेकर उन्हें छोटे और प्रबंधनीय संदेशों में तोड़ देता था।
1970 के दशक में वाणिज्यिक पैकेट नेटवर्क पेश किए गए थे और समर्पित टर्मिनलों द्वारा दूरस्थ कंप्यूटरों तक कुशल पहुंच प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए थे।
पैकेट नेटवर्क पर लंबी दूरी के मॉडेम कनेक्शन को कम-महंगे "वर्चुअल" सर्किट से बदल दिया गया था।
ग्राउंड-आधारित और सैटेलाइट-आधारित पैकेट नेटवर्क की पहल को DARPA (डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी) द्वारा समर्थित किया गया था, जिसे पहले ARPA के नाम से जाना जाता था। पैकेट रेडियो की शुरुआत के कारण मोबाइल टर्मिनल को कंप्यूटर नेटवर्क से जोड़ना आसान या व्यवहार्य हो गया था।
इंटरनेट की विशेषताएं
इंटरनेट की प्रमुख विशेषताएं नीचे सूचीबद्ध हैं:
प्रयोग करने में आसान
इंटरनेट या वेब ब्राउज़र तक पहुंचने के लिए जिस सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है, उसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, जो बहुत सरल है और आसानी से सीखा और उपयोग किया जा सकता है। साथ ही इसे विकसित करना भी आसान है।
सरल उपयोग
इंटरनेट सेवा एक विश्वव्यापी सेवा है और इसकी पहुंच सभी तक है। दूर-दराज के इलाकों या अंदरूनी इलाकों में रहने वाले लोग भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए, इंटरनेट के माध्यम से जानकारी मानकीकृत तरीके से नेटवर्क में प्रवाहित होती है।
कम लागत और सुरक्षा
इंटरनेट सेवा के रखरखाव और विकास की लागत तुलनात्मक रूप से कम है। साथ ही इंटरनेट सेवा ने व्यक्तिगत और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सुरक्षा प्रणाली में मदद की है। उदाहरण के लिए सीसीटीवी कैमरे आदि।
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