किसने बनाया था भारत का पहला नक्शा, जानें

हममें से प्रत्येक व्यक्ति भारत एवं विश्व के मानचित्र से परिचित है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि भारत का पहला नक्शा किसने बनाया या भारत का वर्तमान नक्शा किसने बनाया ? अगर आपके पास इस सवाल का जवाब नहीं है, तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको इस सवाल का जवाब पता चल जाएगा। क्या है नक्शा बनने की पूरी कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Feb 15, 2024, 15:58 IST
भारत का नक्शा
भारत का नक्शा

हममें से प्रत्येक व्यक्ति भारत एवं विश्व के मानचित्र से परिचित है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि भारत का पहला नक्शा किसने बनाया या भारत का वर्तमान नक्शा किसने बनाया ? यदि आपको इन सवालों का जवाब नहीं पता है, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।  

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भारत के प्रथम मानचित्र का इतिहास

जैसा कि एतिहासिक रूप से भारत के पहले मानचित्र के निर्माण के संबंध में कई लोगों ने दावा किया है, लेकिन इस प्रश्न का सटीक उत्तर देना एक कठिन कार्य है। इस लेख में हम उन तीन व्यक्तियों के नाम बता रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग कालखंड में भारत के मानचित्र बनाए थे।

-एराटोस्थनीज़
-टॉलेमी 

-विलियम लैंबटन और जॉर्ज एवरेस्ट

एराटोस्थनीज: 300 ईसा पूर्व में ग्रीस के शासक सिकंदर ने यूनानी गणितज्ञ एराटोस्थनीज को भारत का मानचित्र तैयार करने का आदेश दिया था। एराटोस्थनीज द्वारा तैयार किये गये मानचित्र नीचे दिये गये चित्र की तरह दिखते थे।

टॉलेमी: एराटोस्थनीज़ के बाद टॉलेमी भारत आये। टॉलेमी द्वारा बनाया गया नक्शा एराटोस्थनीज की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन यह अजीब भी लगता है, जिसे नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।

 

इसके बाद 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने भारत पर शासन करना शुरू कर दिया। 1757 में प्लासी की लड़ाई में अंग्रेजों ने बंगाल के शासक सिराज-उद-दौला को हराया। बंगाल पर विजय प्राप्त करने के बाद अंग्रेज बंगाल की जनता से कर वसूलना चाहते थे। लेकिन, उस समय नक्शों की कमी के कारण अंग्रेजों को बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र की ठीक से जानकारी नहीं थी। इसलिए उन्होंने भारत का मानचित्र तैयार करने का निर्णय लिया। इस कार्य के लिए उन्होंने ज्यामिति विशेषज्ञ "जैक विलियम लैम्बटन" को नियुक्त किया, जो ब्रिटिश सेना में कार्यरत थे।

विलियम लैम्बटन: विलियम लैम्बटन ने मानचित्र बनाने का कार्य भारत के सबसे दक्षिणी क्षेत्र मद्रास से प्रारम्भ किया। इसके लिए उन्होंने "सरल त्रिभुज विधि" का प्रयोग किया। लगातार 18 वर्षों तक काम करने के बावजूद लैंबटन भारत के मानचित्र का एक तिहाई हिस्सा भी पूरा नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने सेवानिवृत्ति ले ली और उनके स्थान पर जॉर्ज एवरेस्ट को नियुक्त किया गया।

जॉर्ज एवरेस्ट: जॉर्ज एवरेस्ट ने भारत का संपूर्ण मानचित्र बनाया और उत्तर में हिमालय क्षेत्र तक पहुंचे। चूंकि, हिमालय का विस्तार नेपाल और तिब्बत में भी है, लेकिन नेपाल ने अंग्रेजों को अपने देश में घुसने नहीं दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि अंग्रेज भारत की तरह उनके देश पर भी कब्जा कर लेंगे।

इसलिए, जॉर्ज एवरेस्ट ने त्रिकोणमिति की सरल तकनीकों का उपयोग करके एवरेस्ट की ऊंचाई मापी। जॉर्ज एवरेस्ट द्वारा किया गया माप लगभग 99.75% सटीक था। यही कारण है कि जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का नाम माउंट एवरेस्ट रखा गया।

अतः हम कह सकते हैं कि विलियम लैम्बटन और जॉर्ज एवरेस्ट ने भारत का पहला सटीक मानचित्र बनाया।

आइए अब जानते हैं कि पृथ्वी का पहला भौगोलिक मानचित्र किसने बनाया था

पृथ्वी का पहला भौगोलिक मानचित्र महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास ने बनाया था। पृथ्वी का पूरा नक्शा हजारों साल पहले महाभारत में दिया गया था। महाभारत में उल्लेख है कि चन्द्रमा की कक्षा से पृथ्वी को देखने पर वह खरगोश तथा पीपल के दो पत्तों के समान प्रतीत होती है।

उपरोक्त मानचित्र का निर्माण रामानुजाचार्य ने 11वीं शताब्दी में महाभारत के निम्नलिखित श्लोक को पढ़कर किया था-

“सुदर्शनं प्रवक्ष्यामि द्वीपं तु कुरुनन्दन। परिमंडलो द्वीप महाराजोऽसौ चक्रसंस्थितः॥

यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः। एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले॥

द्विरांशे पिप्पलस्तत्र द्विरांशे च शशो महान्।'' 

-वेद व्यास, भीष्म पर्व, महाभारत

अर्थात:

हे कुरुनन्दन! सुदर्शन नामक यह द्वीप एक गोलाकार वृत्त है, जैसे मनुष्य दर्पण में अपना चेहरा देखता है, उसी प्रकार यह द्वीप चंद्र कक्ष में दिखाई देता है। द्वीप के दो भागों में पीपल के दो पत्ते और महाशश (खरगोश) दिखाई देते हैं।

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

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