क्या है नंदिनी मिल्क का इतिहास और कैसे बना ब्रांड, जानें

Apr 10, 2023, 18:49 IST

इन दिनों इंटरनेट पर नंदिनी ब्रांड चर्चाओं में शामिल है। नंदिनी ब्रांड डेयरी उत्पाद का मशहूर ब्रांड है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि क्या है नंदिनी मिल्क का इतिहास और कैसे बना ब्रांड। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

नंदिनी मिल्क
नंदिनी मिल्क

इन दिनों इंटरनेट पर नंदिनी मिल्क चर्चाओं में आ गया है। दरअसल,  बीते दिनों अमूल मिल्क द्वारा कर्नाटक में डेयरी उत्पाद की आपूर्ति की घोषणा की गई है। हालांकि, कर्नाटक में पहले से ही नंदिनी मिल्क उपलब्ध है। ऐसे में स्थानीय लोग नई घोषणा को लेकर विरोध जता रहे हैं। इन दिनों दोनों कंपनियां सोशल मीडिया पर ट्रेंड में हैं। आप लोगों को अमूल मिल्क बारे में पता ही होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको दूध के बड़े ब्रांड में शामिल नंदिनी मिल्क के बारे में बताने जा रहे हैं, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 



किस कंपनी का ब्रांड है नंदिनी

कर्नाटक में डेयरी को-ऑपरेटिव के लिए सबसे प्रमुख कंपनी कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड(KMF) है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, दक्षिण भारत में यह कंपनी खरीद और ब्रिकी के मामले में पहले स्थान पर है। फेडरेशन का सबसे प्रमुख काम दूध और दूध उत्पाद की मार्कटिंग करना है। कर्नाटक में दूध व अन्य डेयरी उत्पाद नंदिनी के नाम से बिकते हैं, जिस पर कंपनी का हाउसहोल्ड है। इस कंपनी की 16 मिल्क यूनियन हैं, जो कि प्राइमरी डेयरी कॉपरेटिव सोसायटी से दूध लेकर कर्नाटक के अलग-अलग गांव व शहरों में दूध की आपूर्ति करती है। 

 

कब स्थापित हुई थी पहली डेयरी

कर्नाटक में कंपनी ने साल 1955 में कोडगू जिले में अपनी पहली डेयरी को स्थापित किया था। वहीं, साल 1965 तक आते-आते दूध की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य में प्रतिदिन के हिसाब से 50,000 लीटर दूध को प्रोसेस करने की यूनिट को स्थापित किया गया था, जिसे साल 1994 में 3.5 लाख लीटर तक बढ़ाया गया था।  

 

कर्नाटक डेयरी डेवलेमेंट प्रोजेक्ट हुआ लागू

साल 1974 में कर्नाटक डेयरी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट लागू हुआ था। यह World  Bank/International Development Agency द्वारा फंडेड प्रोजेक्ट था। इसकी मदद से कर्नाटक में ग्रामीण स्तर पर डेयरी डेवलपमेंट प्रोग्राम को बढ़ाया गया। राज्य में तब डेयरी कोऑपेरेटिव के लिए अमूल पैटर्न को अपनाया गया। वहीं, तीन श्रेणी व्यवस्था के लिए आनंद पैटर्न को अपनाया गया, जिसके तहत ग्रामीण स्तर पर डेयरी कॉपेरेटिव सोसायटी, जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट मिल्क यूनियन और राज्य स्तर पर तकनीकी सहायता देने के साथ अन्य मदद के लिए फेडरेशन को शामिल किया गया था। 



22 हजार से अधिक गांवों तक है पहुंच 

नंदिनी मिल्क वर्तमान में कर्नाटक का बड़ा ब्रांड है, जिसकी राज्य में 22 हजार से अधिक गांवों तक पहुंच है। इसके साथ ही इससे 24 लाख से अधिक मिल्क प्रोड्यूसर मेंबर जुड़े हुए हैं।

 

84 लाख किलों से अधिक दूध की खरीद

नंदिनी मिल्क ब्रांड प्रतिदिन विभिन्न मिल्क यूनियन की मदद से प्रतिदिन 84 लाख किलो से अधिक दूध की खरीद करता है, जिसे मार्कटिंग कर अलग-अलग गांव व शहरों तक पहुंचाया जाता है। 

 

65 से अधिक हैं मिल्क उत्पाद

वर्तमान में कंपनी  65 से अधिक मिल्क उत्पाद बेचती हैं। इसके डबल टोंड दूध की कीमत 38 रुपये, जबकि टोंड दूध की कीमत 39 रुपये है। इसका टोंड दूध राज्य में सबसे अधिक बिकने वाला दूध है। 



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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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