Ram Janmabhoomi: अयोध्या, भगवान राम की नगरी के नाम से जानी जाती है. तुलसीदास की रामचरितमानस भगवान राम की कहानी बताती है जो स्थानीय बोली अवधी में लिखी गई थी. अयोध्या को साकेत के नाम से भी जाना जाता है जो भारत का एक प्राचीन शहर था. यह भगवान राम की जन्मभूमि है. यह प्राचीन कोसल साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी. यह सात पवित्र शहरों में से एक मानी जाती है और भारत में हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है. यह स्थान देश भर के तीर्थयात्रियों को भी आकर्षित करता है.
जैसा कि हम जानते हैं कि 5 अगस्त, 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने का कार्यक्रम हुआ है. यह भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्पन्न हुआ. समारोह में लगभग 175 मेहमानों को आमंत्रित किया गया था. 5 अगस्त, 2020 को दोपहर 12:30 बजे से भूमि पूजन समारोह शुरू हुआ.
शहर को पीला रंग दिया गया जो ज्ञान और सीखने के रंग का प्रतिनिधित्व करता है. समारोह का दूरदर्शन द्वारा सीधा प्रसारण किया गया. समारोह में, COVID-19 मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, बैठने की व्यवस्था इस तरह से की गई कि सभी आमंत्रित अतिथि छह फीट की दूरी पर बैठें.
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अयोध्या कहां है?
यह भारत के उत्तरी क्षेत्र में, उत्तर प्रदेश राज्य के केंद्र में स्थित है. यह सरयू नदी के तट पर स्थित है और महान उत्तरी मैदानों का एक हिस्सा है. अयोध्या की जलवायु उष्णकटिबंधीय है जो गर्मियों में गर्म होती है और सर्दियाँ ठंडी होती है. दक्षिण-पश्चिमी मानसून की बारिश लगभग जुलाई-सितंबर में अयोध्या में होती है. यह लखनऊ के पूर्व से लगभग 130 किमी और फैजाबाद से लगभग 7 किमी दूर है.
अयोध्या में दर्शनीय स्थल कौन-कौन से हैं?
भगवान राम का जन्मस्थान और एक प्राचीन शहर होने के कारण, अयोध्या में कई मंदिर, और ऐतिहासिक स्थान हैं. यहाँ भगवान राम की जन्मभूमि है. अन्य स्थान इस प्रकार हैं: राम की पैड़ी, जैन मंदिर, बिड़ला मंदिर, गुलाब बाड़ी, बहू बेगम का मकबरा, कनक भवन, नया घाट, गुप्तार घाट, और सैन्य मंदिर, इत्यादि.
अयोध्या: संस्कृति और विरासत
सूर्यवंशियों के राज्य से, जिले की सांस्कृतिक विरासत की उत्पत्ति हुई. सूर्यवंशी क्षत्रियों के वंश में राजा रघु के कारण, सूर्यवंश रघुवंश के रूप में लोकप्रिय हुआ. भगवान राम का जन्म राजा रघु की तीसरी पीढ़ी में हुआ था. इसमें कोई संदेह नहीं कि प्राचीन भारत के इतिहास में, रामायण का काल सबसे गौरवशाली काल था. यह युग न केवल पवित्रतम शास्त्रों, वेदों और अन्य साहित्य की रचना के लिए प्रसिद्ध था, जिसने भारतीय संस्कृति और सभ्यता की नींव रखी, बल्कि इसके कानून और सत्यता के अनुकरणीय शासन के लिए भी. भगवान राम रामायण के 'आदर्श पुरुष' थे. रामायण की सबसे बड़ी घटना भगवान राम का वनवास जाना है. इसके अलावा फैजाबाद का भी भारतीय इतिहास में विशेष स्थान है. इसमें कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान शामिल हैं.
अयोध्या कैसे पहुंचे?
अयोध्या सड़क के माध्यम से अन्य स्थानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और मुख्य राजमार्ग पर स्थित है, जो फैजाबाद से गोरखपुर के रास्ते पर शहर से गुजरता है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों की सेवाएं प्रत्येक दिन 24 घंटे उपलब्ध हैं. कई स्थानों से बसें भी उपलब्ध हैं जो वाराणसी, इलाहाबाद, इत्यादि से अपने शेड्यूले के अनुसार हैं.
फैजाबाद से निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. गोरखपुर, इलाहाबाद और वाराणसी हवाई अड्डे से भी लोग पहुँच सकते हैं.
जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन फैजाबाद और अयोध्या हैं और लगभग सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं. रेल मार्ग द्वारा फैजाबाद 128 कि.मी. लखनऊ से, 171 कि.मी. गोरखपुर से, 157 कि.मी. इलाहाबाद से, और वाराणसी से 196 कि.मी. रेल मार्ग द्वारा अयोध्या 135 किलोमीटर है. लखनऊ से, 164 कि.मी. गोरखपुर से, 164 कि.मी. इलाहाबाद से और वाराणसी से 189 कि.मी. है.
तो अब आपको अयोध्या, उसकी विरासत और संस्कृति, दर्शनीय स्थलों और अयोध्या तक कैसे पहुंचा जा सकता है के बारे में ज्ञात हो गया होगा.
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