उत्तर प्रदेश का इतिहास उठाकर देखें, तो इसका इतिहास भारत के हजार सालों पहले के महाजनपदों से जुड़ा हुआ है। कोसल, काशी, पांचाल, चेदी, अंग व वस्त आदि यहां स्थित प्राचीनतम महाजनपदों में शामिल हैं। वहीं, कुछ पूर्व सालों के इतिहास पर गौर करें, तो यहां शर्की, मुगल व ब्रिटिश की हुकूमत रही।
इस कड़ी में हमें यहां कई प्राचीन मकबरे देखने को मिलते हैं। ऐसे में क्या आपने बहू बेगम के मकबरे के बारे में सुना है। क्या आप जानते हैं कि यह किसका मकबरा है और उत्तर प्रदेश के किस जिले में स्थित है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
उत्तर प्रदेश का इतिहास
उत्तर प्रदेश राज्य का गठन 24 जनवरी, 1950 को किया गया था। इससे पहले यह संयुक्त प्रांत नाम से जाना जाता था, जो कि अंंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। अंग्रेजों ने सुंयक्त प्रांत बनान के लिए अवध और उत्तर-पश्चिम प्रांत का एकीकरण कर दिया था। इससे पहले यहां अवध सूबा और जौनपुर हुआ करता था। जौनपुर शहर को शर्कियों द्वारा बसाया गया था, जबकि अवध सूबे को मुगलों द्वारा बसाया गया था।
क्या है बहू-बेगम का मकबरा
बहू बेगम का मकबरा यूपी में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह नवाब शुजा-उद-दौला की रानी उम्मतुज्जुहरा उर्फ बहू बेगम के लिए बनाया गया था। यह मकबरा अपने आप में गैर-मुगल मुस्लिम वास्तुकला का एक उल्लेखनीय उदाहरण के तौर पर भी जाना जाता है।
कौन थे नवाब शुजा-उद-दौला
शुजाउद्दौला अवध के नवाब थे। मुगल शासक औरंगजेब की मौत के बाद मुगल साम्राज्य का पतन होने लगा था। इस दौरान अवध सूबा कमजोर पड़ गया था और यह छोटी रियासत तक सीमित हो गया था। यहां के नवाब के रूप में शुजाउद्दौला ने कमान संभाल रखी थी।
उन्हें भारत के दो महत्त्वपूर्ण युद्धों के लिए जाना जाता है। पहला युद्ध पानीपत की तीसरी लड़ाई, जिसमें मराठा साम्राज्य का वर्चस्व खत्म हो गया था। वहीं, दूसरा युद्ध बक्सर का युद्ध है, जिसके बाद से अंग्रेजी हुकूमत स्थापित हो गई थी।
किस जिले में है बहू बेगम का मकबरा
बहू बेगम का मकबरा उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित है। पूर्व में इसे फैजाबाद के नाम से जाना जाता था और यह यहां की सबसे ऊंची इमारतों में शामिल है। शुजाउद्दौला इसे ताजमहल की तरह बनवाना चाहते थे, लेकिन उनकी मौत के बाद यह जिम्मेदारी उनकी पत्नी बहू बेगम ने खुद संभाली। हालांकि, उनकी भी मौत हो गई और शुजाउद्दौला के सिपहसालार दाराब अली खान ने इस 42 मीटर ऊंचे मकबरे का निर्माण करवाया।
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