नदियों का महत्त्व मानव जीवन और सभ्यता के लिए महत्त्वपूर्ण है। नदियां न केवल जल का स्रोत होती हैं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक, और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी इनका महत्त्व है। साथ ही, नदियां पेयजल और कृषि के लिए भी पानी का प्रमुख स्रोत हैं।
वहीं, जलविद्युत परियोजनाओं में भी नदियों का अधिक महत्त्व रहा है। यही वजह है कि भारत की कई प्रमुख नदियों पर हमें महत्त्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाएं देखने को मिलती हैं। आपने भारत की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में किस नदी को दो राज्यों की लाइफलाइन कहा जाता है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
किस नदी को कहा जाता है दो राज्यों की लाइफलाइन
भारत में यूं तो अलग-अलग नदियों का प्रवाह होता है। हालांकि, इसमें एक नदी ऐसी भी है, जिसे दो राज्यों की लाइफलाइन कहा जाता है। आपको बता दें कि तीस्ता नदी को दो राज्यों की लाइफलाइन कहा जाता है।
किन दो राज्यों की है लाइफलाइन
अब सवाल है कि आखिर किन दो राज्यों की लाइफलाइन है तीस्ता नदी, तो आपको बता दें कि तीस्ता नदी सिक्किम और पश्चिम बंगाल की लाइफलाइन कही जाती है।
क्यों कही जाती है लाइफलाइन
तीस्ता नदी सिक्किम राज्य के मैदानी इलाकों में पानी की आपूर्ति करती है। ऐसे में यह नदी यहां महत्त्वपूर्ण नदी है। वहीं, तीस्ता नदी पश्चिम बंगाल के छह उत्तरी जिलों में कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण नदी है। यही वजह है कि इस नदी को हम दो राज्यों की लाइफलाइन भी कहते हैं।
कहां से निकलती है तीस्ता नदी
तीस्ता नदी का उद्गम भारत के सिक्किम राज्य से होता है। यह नदी विशेष रूप से पौहुनरी पर्वत से निकलती है। यहां से निकलने के बाद यह नदी पश्चिम बंगाल राज्य में पहुंचती है। तीस्ता नदी की कुल लंबाई 414 किलोमीटर है, जिसमें से कुल 300 किलोमीटर का सफर का यह भारत में पूरा करती है और शेष सफर यह बांग्लादेश में पूरा करती है।
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