ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को हाल ही में NASA और ISRO के संयुक्त मिशन AXIOM Mission 4 के लिए चुना गया है। इस मिशन के तहत वह करीब दो माह तक अंतरराष्ट्रीय स्पेशन स्टेशन(ISS) का रूख करेंगे और वहां रहेंगे।
यह पहली बार है, जब कोई भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्पेशन स्टेशन पर कदम रखेगा। वहीं, राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। वह भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी क्षमताओं के आधार पर इस महत्त्वपूर्ण मिशन के लिए चुना गया है। इस लेख में हम शुभांशु शुक्ला के जीवन परिचय के बारे में जानेंगे।
लखनऊ के रहने वाले हैं शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था।
कहां से की है पढ़ाई
शुभांशु शुक्ला ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी की है। आपको बता दें कि यह स्कूल पूरी दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल है, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे पढ़ते हैं।
पास की NDA परीक्षा
शुभांशु शुक्ला की शुरू से ही आसमान की तरफ नजर थी। वह कारगील युद्ध से प्रभावित थे, जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना में शामिल होने का मन बनाया। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी(NDA) की परीक्षा पास की और वायु सेना में शामिल हो गए।
भारतीय वायुसेना में करियर
शुभांशु शुक्ला को 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन मिला। उन्हें करीब 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने वायु सेना में सुखोई-30एमकेआई (Su-30MKI), मिग-21 (MiG-21), मिग-29 (MiG-29), एएन-32 (An-32), डोर्नियर (Dornier), हॉक (Hawk) और जगुआर (Jaguar) उड़ाए हैं। आपको बता दें कि शुक्ला सिर्फ कॉम्बैट पायलट ही नहीं, बल्कि एक टेस्ट पायलट भी हैं।
गगनयान मिशन में शामिल होने वाले भारतीय
आपको बता दें कि शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान मिशन में शामिल होने वाले चार भारतीयों में से एक हैं। वहीं, अब वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने वाले पहले भारतीय के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
राकेश शर्मा के बाद बनेंगे दूसरे भारतीय
आपको बता दें कि अंतरिक्ष में पहुंचने पर शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के सोयुज टी-11 मिशन के तहत अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। इसके बाद से अब तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष में नहीं पहुंचा है। ऐसे में शुभांशु शुक्ला के लिए यह भी बड़ी उपलब्धी होगी।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेंः भारत का सबसे पुराना जिला कौन-सा है, यहां पढ़ें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation