जानें “ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान” कौन थे?

“ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान” क्या लुटेरे, डकैत, चोर इत्यादि थे. अगर नहीं तो कौन थे. क्या आपने ठग पंथी के बारे में पढ़ा या सुना है, ये लोग कहां रहते थे, किसकी पूजा किया करते थे, कैसे ठग बदनाम हुए. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Sep 19, 2018, 14:18 IST

ठग्स (Thugs) शब्द सुनकर हमारे दिमाग में अकसर चोर, डकैत, लुटेरे, खून करने वाले इत्यादि आता है. लेकिन सच कुछ और है जिसे जानकार आप भी हैरान हो जाएँगे. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि हिन्दुस्तान के ठग्स कौन थे, क्यों इनको लुटेरा, डकैत, खूनी इत्यादि कहा जाता है.

“ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान” कौन थे?

भारत में एक आदिवासी जाति घने जंगलों में रहती थी और काली मां की पूजा करती थी, उनका नाम था ठग. ये कोई चोर, लुटेरे, डकैत, डाकू नहीं थे. क्या आप जानते हैं कि जब भारत पर अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपना कब्जा जमाना शुरू किया था तो ये ठग ही थे, जिन्होनें अंग्रेजों का पूरी ताकत के साथ विरोध किया था. क्योंकि अंग्रेज अपना साम्राज्यवाद बढ़ाने के लिए जंगलों को खत्म कर रहे थे, जिनमें ठग की पीढियां रह रही थीं. ये आप जानते ही हैं कि अगर कोई किसी के घर को खत्म करने की कोशिश करेगा तो प्रतिरोध उत्पन्न होना सामान्य है.

आइये अब अध्ययन करते हैं कि ठग पंथ आखिर बदनाम कैसे हुआ?

Who were the Thugs in India

Source: www.navrangindia.blogspot.com

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अंग्रेज़ ठगों की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने एक चाल चली और इनकी छवि खराब करने के लिए ऐसी किताबें छापी, जिसमें इन्हें डकैत, लुटेरे और हत्यारा बताया गया. यानी अंग्रेजों ने साहित्य मतलब किताबों के माध्यम से ठगों की बुरी छवि प्रोजेक्ट करने की कोशिश की. इस तरह के  साहित्य को Atrocity Literature कहते हैं. इन्हीं किताबों में से एक किताब का नाम “Confessions of a Thug” है, जिसे 1839 में फिलीप मेडोज टेलर ने लिखा था जिसमें ठग्स को कुख्यात लुटेरा, हत्यारा और डकैत बताया गया है. इसे आज तक ठग जाती से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भो से जोड़कर देखा जाता है.

इतना ही नहीं ब्रिटिश संसद ने 1871 में आपराधिक जनजाति अधिनियम (Criminals Tribe Act) पारित किया. जिसके तहत भारत की कुछ चिन्हित आदिवासी जनजातियों को सामूहिक रूप से मारने का अधिकार अंग्रेजों को दिया गया. इन जनजातियों को अपराधी घोषित करते हुए प्रत्येक सदस्यों को यहां तक कि नवजात शिशुओं को अपराधी के रूप में घोषित किया गया था. इसी एक्ट के तहत ठग के अलावा कई आदिवासी जनजातियों पर जमकर जुल्म ढाए. हैना हैरान करने वाली बात! बड़े पैमाने पर इनकी सामूहिक हत्या की गई. अंग्रेजों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि ये आदिवासी अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे और अंग्रेजों की नज़र में अपराधी थे. इसलिए इन जनजातियों को खत्म करने के लिए मनमाने कानून बनाए और भारत पर कब्जा करने की मंशा को पूरा किया.

अपनी चालों को सही साबित करने के लिए अंग्रेजों ने बहुत सारे विश्वविद्यालयों को फण्ड दिया ताकि वे कुछ ऐसी किताबों को लिख सके जिनमें ठगों की गलत छवि को प्रकट किया जा सके.  यानी इस सामूहिक हत्याओं को सही साबित करने के लिए ब्रिटिश संसद ने कई लेखकों को आर्थिक सहयोग दिया, ताकी वे ठगों के खिलाफ किताबों को लिख सकें, उनको बदनाम कर सकें ताकि समाज इन लोगों को कभी अपना ही न सके. इसी कारण से आज ठगों की छवि दुनिया के सामने गलत बन चुकी है. इन्हें हिंसा और अपराध के साथ ही जोड़कर देखा जाता है. जबकि इतिहास को अगर खंगोला जाए तो सच्चाई कुछ और ही सामने आएगी.

तो अब आप जान गए होंगें कि “ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान” कौन थे और कैसे अंग्रेजों ने इन्हें बदनाम किया था.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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