Abhiyanta Divas 2024: भारत में इंजीनियरों की कमी नहीं है। सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सॉफ्टवेयर व ऑटो इंजीनियरिंग से लेकर विभिन्न वर्गों में हमें इंजीनियर देखने को मिल जाते हैं। देश में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर दिवस का आयोजन किया जाता है।
यह दिन भारत के उन सभी इंजनीयिरों को समर्पित हैं, जो विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपने कौशल से इस सपने को आकार दे रहे हैं। इस दिन हम अपने सभी इंजीनियर दोस्तों, भाईयों व अन्य लोगों को इंजीनियर दिवस की शुभकामनाएं भेजते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में इंजीनियर दिवस किसकी याद में मनाया जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
Happy Engineers Day 2024: किसकी याद में मनाया जाता है इंजीनियर दिवस
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि इंजीनियर दिवस किसकी याद में मनाया जाता है ? आपको बता दें कि भारत में इंजीनियर दिवस सिविल इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरय्या के जन्मदिवस के उपलक्ष्य के तौर पर मनाया जाता है। उन्हें भारत में महान इंजीनियर के तौर पर भी जाना जाता है।
Happy Engineers Day 2024: कौन थे विश्वेश्वरय्या
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या का जन्म 15 सितंबर 1881 में कर्नाटक के मैसूर में कोलार जिले में हुआ था। वह एक तेलुगु परिवार से संबंध रखते थे। उन्हें बचपन में लोग विश्वा के नाम से बुलाते थे। उनके पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था, जो कि पेशे से आयुर्वेद होने के साथ-साथ संस्कृत के विद्वान भी थे। हालांकि, विश्वेश्वरय्या की सिर्फ 12 साल की उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ गया था।
Abhiyanta Divas 2024: सहायक इंजीनियर के पद पर मिली नौकरी
विश्वेश्वरय्या का शुरू से ही साइंस विषय के प्रति लगाव था। उन्होंने 1883 में पूना के साइंस डिग्री कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और इसके बाद उन्हें सहायक इंजीनियर के पद पर नौकरी मिल गई। साल 1909 में वह राज्य के चीफ इंजीनियर के पद नियुक्त हुए। वहीं, बाद में वह मैसूर के प्रमुख इंजीनियर बने।
Happy Engineers Day 2024: बाढ़ आपदा प्रबंधन और सिंचाई तकनीक में माहिर
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या बाढ़ आपदा प्रबंधन और सिंचाई तकनीक में माहिर थे। उन्होंने कई जलाशयों और जलविद्युत परियाजनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कावेरी नदी पर बना कृष्णराज सागरबांध उनके प्रयासों की देन है, जिससे लाखों किसानों को लाभ मिल रहा है। साथ ही, उन्होंने मैसूर ऑयल और सॉप फैक्ट्री, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स और बैंक ऑफ मैसूर को स्थापित करने में अपने कड़े प्रयास किए। साल 1955 में उन्हें भारत सरकार की ओर से भारत रत्न से सम्मानित किया गया। साल 1962 में 102 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। साल 1968 से भारत में इंजीनियर दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
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