आप जब भी किसी बड़े या छोटे ट्रक को देखते हैं, तो उसके पीछे आपको रंग-बिरंगे शब्दों से ‘Horn Ok Please’ लिखा दिखता होगा। इसे देखकर हम लगता है कि ट्रक ड्राइवर हमें यह बताना चाहता है कि आप कृपया हॉर्न बजाएं।
हालांकि, इसके पीछे की कहानी कुछ और है। खास बात यह है कि यह कहानी दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ी हुई है, जब से ट्रकों के पीछे ‘Horn Ok Please’ लिखना शुरू हुआ था। हालांकि, इतिहासकारों ने इसके पीछे अन्य कारणों को भी जोड़ा है। क्या है पूरी कहानी, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ी है कहानी
दुनिया में दूसरा विश्व युद्ध 1939 में शुरू हुआ था और 1945 में खत्म हुआ था। ऐसे में एक थ्योरी यह है कि उस समय भारत में डीजल की कमी थी। ऐसे में ट्रक ड्राइवर डीजल में केरोसीन मिलाकर चलते थे। वहीं, केरोसीन बहुत ही जल्दी आग पकड़ लेता है।
ऐसे में अन्य गाड़ियों से दूरी बनाकर चलने के लिए ट्रक ड्राइवर अपने ट्रकों के पीछे ‘Horn On Kerosene Please’ लिखकर चलते थे, जिससे अन्य गाड़ी चालक सतर्क हो सके। हालांकि, बाद में इसे छोटा कर ‘Horn Ok Please’ लिखा जाने लगा। इसके बाद से ट्रकों के पीछे यही लिखा जा रहा है।
साबुन से भी जुड़ी हुई है थ्योरी
‘Horn Ok Please’ की एक थ्योरी साबुन से भी जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि उस समय टाटा कंपनी की ओर से एक साबुन Ok लांच किया गया था, जिसका प्रचार करने के लिए ट्रकों को चुना गया था। क्योंकि, ट्रक लंबी दूरी तय करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में ट्रकों के पीछे यह लिखा जाने लगा।
यह है तीसरी थ्योरी
ट्रकों के पीछे ‘Horn Ok Please’ के पीछे की एक थ्योरी यह भी है कि पहले ट्रकों में साइड मीरर नहीं होते थे। ऐसे में ट्रक चालकों को अधिक ऊंचाई पर बैठे होने के कारण अपने पीछे से आने वाले वाहनों का नहीं पता चल पाता था। इस वजह से ‘Horn Ok Please’ ट्रेंड में आ गया, जिसका मतलब था कि आप आगे निकलने से पहले हॉर्न बजाएं और निकलें।
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