भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे। नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को ब्रिटिश भारत में हुआ था। देश आजाद होने पर उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसके बाद वह 1964 तक इस पद पर रहे। उन्होंने कुल 16 साल 286 दिन तक प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।
नेहरू को हम सभी चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आखिर पंडित जवाहर लाल नेहरू का चाचा नेहरू क्यों कहा जाता है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
नेहरू का जीवन परिचय
भारत सरकार की प्रधानमंत्री आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। पंद्रह साल की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।
इस विश्वविद्यालय से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली। वहीं, 1912 में वह भारत लौटे और राजनीति से जुड़ गए। वह छात्र जीवन के दौरान भी विदेशी हुकूमत के अधीन देशों के स्वतंत्रता संघर्ष में रुचि रखते थे। उन्होंने आयरलैंड में हुए सिनफेन आंदोलन में गहरी रुचि ली थी। उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनिवार्य रूप से शामिल होना पड़ा।
1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने। 1916 में वे महात्मा गांधी से पहली बार मिले, जिनसे वे काफी प्रेरित हुए। उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा’।
क्यों कहा जाता है चाचा नेहरू
अब सवाल है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू को चाचा नेहरू क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि पंडित जवाहर नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था। ऐसे में हमेशा से बच्चों के साथ घिरे रहते थे। उन्हें बच्चों द्वारा प्यार से चाचा नाम से पुकारा जाता था, जिससे उनका नाम चाचा नेहरू पड़ा। यही वजह है कि उन्हें चाचा नेहरू नाम से भी जाना जाता है।
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