भारतीय रेलवे को देश की आर्थिक रीढ़ भी कहा जाता है, जिसकी रफ्तार से भारतीय आर्थिक विकास के पहिये को भी रफ्तार मिल रही है। साल 1853 से शुरू हुआ यह सफर आज कई हजारों किलोमीटर आगे निकल चुका है।
कभी इस सफर को महाराष्ट्र के दो स्टेशनों के बीच शुरू किया गया था, हालांकि आज भारतीय रेलवे के ट्रैक अमूमन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिछे हुए हैं। आपने भी भारतीय रेलवे में कभी-न-कभी सफर किया होगा। हालांकि, इस दौरान क्या आपने कभी गौर किया है कि आखिर ट्रेनों के कोच पर G कोच क्यों लिखा होता है। क्या है इसकी प्रमुख वजह और क्या होता है इसका मतलब,जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
भारतीय रेलवे का नेटवर्क
भारतीय रेलवे की नेटवर्क की बात करें, तो यह 67 हजार किलोमीटर से अधिक है। इस नेटवर्क पर प्रतिदिन 13 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है, जो कि 7 हजार से अधिक स्टेशनों से गुजरती हैं। इन स्टेशनों से प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। भारतीय रेलवे में कुल लोकमोटिव की बात करें, तो इनकी संख्या 14,800 है, जो कि भारतीय रेलवे कोच को खींचने के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास को भी रफ्तार दे रहे हैं।
ट्रेनों के कोच पर क्यों लिखा होता है कोड
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारतीय रेलवे की ओर से ट्रेनों के कोच पर अंग्रेजी के कोड क्यों लिखे होते हैं ? दरअसल, लोगों की सहूलियत के साथ-साथ रेलवे कर्मचारियों की सुविधा के लिए रेलवे की ओर से ट्रेनों के कोच पर अंग्रेजी कोड लिखे जाते हैं। इसके तहत अलग-अलग वर्ग के कोच पर अलग-अलग अंग्रेजी के अक्षरों से पहचान दी जाती है, जिसमें कोच की श्रेणी भी शामिल होती है।
क्यों लिखा होता है G कोच
अब हम यह जान लेते हैं कि रेलवे को कोच पर G कोच क्यों लिखा होता है, तो आपको बता दें कि रेलवे कोच पर G श्रेणी के लिए लिखा जाता है। दरअसल, यह इकोनॉमी क्लास के लिए होता है। यह रेलवे की थर्ड टीयर श्रेणी को दर्शाता है। इसमें भी रेलवे की तीन श्रेणियां होती हैं। थर्ड टीयर श्रेणी के यात्री इस कोड से अपने कोच को पहचान लेते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation