अकबर एक महान विस्तारवादी शासक था. उसने अपने साम्राज्य का विस्तार पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर पश्चिम में कंधार तक और उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में नर्मदा तक किया था. वास्तव में उसका साम्राज्य अलाउद्दीन खिलजी के साम्राज्य के बराबर था. फिर भी अकबर हालांकि, अकबर के दृष्टिकोण पूरी तरह से अलग थे. उसने अपने साम्राज्य के अंतर्गत अनेक हिन्दू सरदारों को शामिल किया. हिन्दुओ ने उसके साम्राज्य का पुरजोर समर्थन किया था.
अकबर ने अपने अधिकारियों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न की अनुमति कभी नहीं दी.
अकबर के प्रमुख विजय निम्नलिखित हैं:
• 1573 ईस्वी में अकबर ने गुजरात जीता. इस अभियान में खान-ए-आजम मिर्जा को गुजरात के सूबेदार के रूप में नियुक्त किया गया था.
• 1574-75 ईस्वी में उसने बंगाल जीता.
• 1581 ईस्वी में उसने अफगानिस्तान में एक विद्रोह को दबा दिया.
• 1595 ईस्वी में उसने कश्मीर, उड़ीसा, सिंध और कंधार पर विजय प्राप्त की.
• दक्कन के अधिकांश भागों में उसने बरार, खानदेश और अहमदनगर के कुछ हिस्सों पर विजय प्राप्त की.
बुलंद दरवाजा
अकबर नें गुजरात पर विजय के उपलक्ष्य में फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा बनवाया.
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