आम्र्ड फोर्सेज
आम्र्ड फोर्सेज में करियर बनाना प्रतिष्ठा व गरिमा की बात तो होती है, लेकिन इसकी राहें बहुत ही कठिन है। यही कारण है कि इसमें उन्हीं युवाओं को वरीयता दी जाती है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ ही जोश से भरे हुए हों और देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा उनके अंदर हो। देश की सीमाओं की दुश्मनों से रक्षा करने का दायित्व मुख्य रूप से आम्र्ड फोर्सेज के कंधे पर ही होता है। इंडियन आर्मी के किसी भी ऑफिस में एक प्रेरक पंक्ति पर आपकी नजर जरूर पड़ेगी - Be and Army man - Be a winner for life. अगर आपके अंदर चुनौतियों से जूझने और उनसे पार पाने का जज्बा है, तो आपके लिए इंडियन आर्मी से बेहतर और कोई विकल्प नहीं हो सकता है। आर्मी में आप न केवल एक काबिल ऑफिसर बनने का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, बल्कि एक अच्छा इंसान बनने का हुनर भी हासिल कर लेते हैं। दरअसल, यही वह क्षेत्र है, जहां सही मायने में आपको एक सफल लीडर बनने की ट्रेनिंग दी जाती है, भाई-चारे का पाठ पढ़ाया जाता है और देशभक्ति का फलसफा भी सिखाया जाता है, जिससे अनुशासित जीवनशैली विकसित करने में मदद मिलती है।
आवश्यक योग्यता
आम्र्ड फोर्सेज में वैसे ही उम्मीदवारों की तलाश होती है, जिनके अंदर देशभक्ति का जज्बा व अदम्य साहस होता है और जो ज्ञान के साथ-साथ जिंदगी के उच्च आदर्शों से लैस होते हैं। ऐसे व्यक्ति को खासतौर पर वरीयता दी जाती है, जिसके अंदर नेतृत्व प्रदान करने व दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता होती है।
सिलेक्शन क्राइटेरिया
साइंस वर्ग में मैथ्स, फिजिक्स व केमिस्ट्री से 10+2 उत्तीर्ण करने के बाद पुणे के पास खडग़वासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी में दाखिला लिया जा सकता है। यहां चार साल की ट्रेनिंग दी जाती है। तीनों सर्विसेज- आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के कैडेट्स एकेडमी में तीन साल बिताते हैं और फिर सेना के तीनों अंगों में अलग-अलग एक साल के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इसके बाद आर्मी, नेवी या एयर फोर्स में ऑफिसर बनते हैं। ग्रेजुएशन के बाद आप यूपीएससी द्वारा आयोजित कम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन (साल में दो बार-मई व अक्टूबर) में सफलता प्राप्त करने के बाद आईएमए-देहरादून, नेवल एकेडमी-गोवा या एयर फोर्स एकेडमी-हैदराबाद में दाखिला ले सकते हैं।
एनडीए
हर साल दो बार (अप्रैल व सितंबर) एनडीए में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित होती है। एनडीए के लिए आवेदन करने वाले अविवाहित पुरुष उम्मीदवार की आयु साढ़े 16 से 19 वर्ष के बीच होनी चाहिए। मैथ्स, फिजिक्स व केमिस्ट्री से 10+2वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र इसमें आवेदन कर सकते हैं। विभिन्न चरणों में आयोजित परीक्षा के माध्यम से उम्मीदवारों के संपूर्ण व्यक्तित्व यानी कि स्वस्थ शरीर व तेज दिमाग की जांच की जाती है। उम्मीदवारों की ऊंचाई कम से कम 157.5 सेमी. (एयरफोर्स के लिए 162.5 सेमी. ) होनी चाहिए। हालांकि, गोरखा व लक्षद्वीप, गढ़वाल, कुमाऊं पहाड़ी तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए ऊंचाई के मामले में छूट का विशेष प्रावधान है। चश्मा पहनने वाले उम्मीदवार एयरफोर्स के लिए उपयुक्त नहीं होते।
परीक्षा का स्वरूप
एनडीए कैडेट्स के लिए चयनित होने के लिए आपको तीन चरणों में आयोजित परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। सबसे पहले यूपीएससी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा, इसके बाद सर्विस सिलेक्शन बोर्ड द्वारा आयोजित इंटरव्यू (इंटेलिजेंस व पर्सनैल्टी टेस्ट) और फिर सर्विस मेडिकल बोर्ड द्वारा आयोजित मेडिकल एग्जाम।
किस तरह के होते हैं प्रश्न
एनडीए व नेवल एकेडमी एग्जामिनेशन में मैथमेटिक्स, इंग्लिश व जनरल नॉलेज पर जोर दिया जाता है और प्रश्न मुख्य रूप से इंटरमीडिएट के सिलेबस पर ही आधारित होते हैं। ध्यान रहे, अगर आपने गलत जवाब दिया, तो इसके लिए निगेटिव मार्किंग होती है। 300 अंकों के गणित के पेपर अल्जेब्रा, मैट्रिसेज व डिटरमिनेंट्स, ट्रिगोनोमेट्री, एनैलिटिकल ज्योमेट्री, टू तथा थ्री डाइमेंशन, डिफरेंशियल कैलकुलस, इंटीग्रल कैलकुलस व डिफरेंशियल इक्वेशन, वेक्टर अल्जेब्रा, स्टैटिस्टिक्स व प्रॉबेबिलिटी आदि पर आधारित होते हैं। जनरल एबिलिटी पेपर 600 अंकों का होता है। पार्ट ए में 200 अंकों के वैकल्पिक प्रश्न होते हैं, जिससे अंग्रेजी की दक्षता आंकी जाती है। पार्ट बी 400 अंकों का होता है, जिसमें जनरल साइंस व जनरल नॉलेज से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। लिखित परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा इंटेलिजेंस व पर्सनैल्टी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। एनडीए प्रवेश-परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के इंटरव्यू से होकर गुजरना पड़ता है, जो कि पांच दिनों तक चलता है। एसएसबी इंटरव्यू के दौरान ग्रुप डिस्कशन, फिजिकल एन्ड्योरेंस टेस्ट (PAT) व ग्रुप टास्क आदि का सामना करना पडता है। अंत में मेडिकल टेस्ट लिया जाता है। चयनित उम्मीदवार को पुणे स्थित एनडीए संस्थान में तीन साल तक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसकी सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद उम्मीदवारों को अलग-अलग अकादमियों - इंडियन मिलिट्री एकेडमी यानी आईएमए, नेवॅल या एयरफोर्स में प्रशिक्षण के लिए भेज दिया जाता है और यहीं से सेवा की शुरुआत भी हो जाती है।
सीडीएस
अगर आप ग्रेजुएट हैं, तो इसमें दाखिला के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा सीडीएसई (कम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन) के लिए आवेदन कर सकते हैं। हर साल दो बार (फरवरी व सितंबर में) सीडीएसई प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 19 और अधिकतम आयु सीमा है 24 वर्ष है।
परीक्षा
सीडीएस की परीक्षा विश्लेषणात्मक होती है और इसमें उम्मीदवार की रीजनिंग पॉवर को जांचा-परखा जाता है। बेसिक एग्जामिनेशन क्लियर करने के बाद चयनित उम्मीदवारों को एसएसबी की इंटरव्यू प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। मानसिक व शारीरिक दक्षता के अलावा, नेतृत्व क्षमता की भी जांच की जाती है। उम्मीदवारों को विभिन्न प्रकार के साइकोलॉजिकल टेस्ट यानी कि एसआरटी (सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट), सेल्फ-अप्रेजल टेस्ट व ग्रुप डिस्कशन आदि से भी गुजरना पड़ता है। एनडीए व सीडीएस के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप यूपीएससी की वेबसाइट www.upsc.gov.in देख सकते हैं।
और भी हैं राहें टेक्निकल एंट्री
फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथमेटिक्स विषयों के साथ अगर आपने 10+2 की परीक्षा कम से कम 70 फीसदी अंकों से पास की है, तो आप आम्र्ड फोर्सेज में टेक्निकल एंट्री के लिएड्ड आवेदन कर सकते हैं। अगर आप आवश्यक योग्यता व दक्षता की शर्र्तों को पूरा करते हैं, तो आपको एसएसबी इंटरव्यू के लिए बुलाया जा सकता है। इसमें चयनित उम्मीदवारों को आईएमए में एक साल की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद पुणे स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग, सिकंदराबाद स्थित कॉलेज ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग या मध्य प्रदेश के महू स्थित मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन में चार साल का डिग्री कोर्स करना पड़ता है।
परमानेंट व शॉर्ट सर्विस कमीशन
परमानेंट या शॉर्ट सर्विस कमीशंड ऑफिसर के तौर पर आप आम्र्ड फोर्सेज से जुड़ सकते हैं। परमानेंट कमीशन का मतलब यह है कि रिटायरमेंट तक आपका कॅरियर सेना के साथ ही जुड़ा रहेगा। हालांकि, 20 साल तक सेवा प्रदान करने के बाद वालंटरी रिटायरमेंट का विकल्प भी खुला रहता है। दूसरी ओर, इस सेवा में जूनियर ऑफिसर की मांग को शॉर्ट सर्विस कमीशन यानी एसएससी के माध्यम से पूरा किया जाता है। इसके माध्यम से सेना में शामिल होने वालों को 7-10 साल तक काम करने के बाद रेगुलर कमीशन के तौर पर कार्यरत रहने या इस सेवा से अवकाश लेने की स्वतंत्रता होती है।
महिलाओं के लिए भी खुला क्षेत्र
कुछ वर्ष पहले तक आम्र्ड फोर्स में केवल पुरुषों के लिए ही कॅरियर का स्कोप हुआ करता था, मगर अब इस क्षेत्र में महिलाओं का भी प्रवेश होने लगा है। खासतौर पर, मेडिकल कोर या मिलिट्री नर्र्सिंग सर्विसेज में महिलाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। सबसे पहले नेवी ने लॉजिस्टिक्स, लॉ व एयर ट्रैफिक कंट्रोल के नॉन-कॉम्बाटेंट कैडर्स में महिलाओं के लिए प्रवेश के द्वार खोले थे। इसके बाद से बड़ी संख्या में महिलाओं ने टेक्निकल व फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर अपना योगदान दिया है। इन सबके अलावा, आर्मी सर्विस कोर, ऑर्डिनेंस कोर, एजुकेशन कोर, जेएजी, सिग्नल्स व आर्मी इंटेलिजेंस आदि में महिलाओं ने अपनी खास जगह बनाई है। एयर फोर्स में महिलाओं को केवल शॉर्ट सर्विस कमीशन के तौर पर ही नियुक्ति मिलती है।
विशेष सुविधाएं आर्मी के करियर में एकोमोडेशन, फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट, ग्रुप-इंश्योरेंस, कन्वेएंस अलाउंसेस, हाउस बिल्डिंग अलाउंसेस, कैैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट फेसिलिटीज, क्लब की सुविधाएं आदि ढेरों सुविधाएं मिलती हैं। महिला अधिकारियों को मेटरनिटी और पोस्ट-मेटरनिटी दोनों तरह की छुट्टियों का लाभ मिलता है। सच तो यह है कि आर्मी की नौकरी रोमांचक जिंदगी के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर तरक्की करने का भरपूर मौका प्रदान करती है। और इन सबसे ऊपर आप आर्मी की नौकरी ज्वाइन करने के बाद समाज में उच्चस्तरीय सम्मान प्राप्त कर सकते हैं, जो आपको किसी अन्य कॅरियर में नहीं मिल सकता।
स्पेशल फोर्सेज
विभिन्न प्रकार की आपातकालीन परिस्थितियों में उच्च दक्षता प्राप्त व विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडोज को नियुक्त किया जाता है। इसके तीन अंग हैं-मरीन कमांडो, पैरा कमांडो व एनएसजी या ब्लैक कैट्स कमांडो। आम्र्ड फोर्सेज के ऑफिसर को ही स्पेशल फोर्स में भेजा जाता है। इस सेवा के लिए चयनित अफसरों में से महज 10 फीसदी को ही कमांडो प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। इसके बाद शुरू होता है कठोर प्रशिक्षण का दौर। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यदि आप डिफेंस सेक्टर में नौकरी करना चाहते हैं, तो अवसरों की कमी नहीं है।
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