विदेश व्यापार नीति की समीक्षा
कई उत्पादों के निर्यातकों को होगा लाभ:
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने विदेश व्यापार नीति (2009-14) की समीक्षा करते हुए कई रियायतों की घोषणा की है। उनकी घोषणाओं से पूंजीगत वस्तुओं, वस्त्र, जूट आदि उत्पादों के निर्यातकों को विशेष रूप से लाभ मिला है।
बढ़ाई गईं कई योजनाएं
ड्यूटी इनटाइटलमेंट पासबुक योजना को एक बार फिर से जून 2011 तक बढ़ा दिया गया है। यह योजना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस योजना का उद्देश्य निर्यातित उत्पादों पर करों में छूट देकर निर्यात को प्रोत्साहन देना है। पिछले अगस्त में तकनीकी विकास के लिए शुरू की गई शुल्क रहित एक्सपर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स योजना को भी मार्च 2012 तक बढ़ा दिया गया। यह योजना बिना किसी सीमा कर के पूंजीगत माल के आयात पर भी लागू होती है।
व्यापार नीति समीक्षा: कुछ अन्य बिंदु
- 2010-11 में 200 अरब डॉलर के निर्यात की उम्मीद।
- रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों को ज्यादा रियायतें।
- स्टेटस होल्डर इन्सेंटिव स्कीम को मार्च 2011 तक के लिए बढ़ाया गया।
- चमड़ा उत्पाद, जूट, वस्त्र और इंजीनियरिंग उत्पादों पर 2 फीसदी शुल्क मुक्ति की घोषणा।
- वर्ष 2009-10 में विभिन्न निर्यात संवद्र्धन योजनाओं के रूप में 43,622 करोड़ रु. की राजस्व हानि हुई, जबकि वर्ष 2008-09 में यह 49,053 करोड़ रु. थी।
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