सिविल सेवा परीक्षा

सिविल सेवा देश की सबसे प्रतिष्ठत सेवा मानी जाती है। इसमें नियुक्ति के लिए संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) हर वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा का आयोजन करता है। इस परीक्षा के आधार पर ही आईएएस, आईपीएस, आईएफएस तथा एलायड सर्विसेज के क्लास वन अधिकारी चुने जाते हैं।

Jul 27, 2011, 14:30 IST

सिविल सेवा परीक्षा


सिविल सेवा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा मानी जाती है। इसमें नियुक्ति के लिए संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) हर वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा का आयोजन करता है। इस परीक्षा के आधार पर ही आईएएस,आईपीएस, आईएफएस तथा एलायड सर्विसेज के क्लास वन अधिकारी चुने जाते हैं। यदि आप भी इस सेवा से जुड़कर समाज में प्रशासनिक रुतबा हासिल करना चाहते हैं, तो यह सेवा आपके लिए बेहतर है। राज्य सरकारें भी हर वर्ष अपने-अपने राज्यों में इस तरह की परीक्षा लेती हैं। यदि आप बड़ा ओहदा प्राप्त करना चाहते हैं, तो सिविल परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।

शैक्षिक योग्यता

सिविल सर्विस परीक्षा देने के लिए किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट के लिए उम्र-सीमा 21 से 30 वर्ष निर्धारित है। इस परीक्षा के तीन चरण प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिसका मकसद नॉन-सीरियस अभ्यर्थियों की छंटनी करना होता है। इस परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं-सामान्य अध्ययन का अनिवार्य और एप्टीट्यूड टेस्ट का एक प्रश्नपत्र। एप्टीट्यूड टेस्ट 2011 की परीक्षा से शामिल किया जा रहा है। इसे उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी दूसरे चरण में मुख्य परीक्षा में बैठ सकता है।


मुख्य परीक्षा
 सिविल सेवा में अभ्यर्थी की क्षमता की असली परीक्षा मुख्य परीक्षा द्वारा होती है, जिसका स्वरूप निबंधात्मक होता है। इसमें अनिवार्य और ऐच्छिक सहित कई प्रश्नपत्र होते हैं। अनिवार्य प्रश्रपत्रों में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किसी भारतीय भाषा या हिन्दी और अंग्रेजी (दोनों 300-300 अंक के) के प्रश्रपत्र शामिल होते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन दोनों प्रश्रपत्रों में न्यूनतम अर्हक अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों के ही शेष प्रश्रपत्रों के उत्तर पत्रकों की जांच की जाएगी। अनिवार्य प्रश्रपत्रों में निबंध और सामान्य अध्ययन के दो प्रश्रपत्र भी शामिल हैं। इसके अलावा अभ्यर्थी द्वारा चुने गए दो ऐच्छिक विषयों (जिनका उल्लेख मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरते समय करना होता है) के दो-दो प्रश्रपत्र भी होते हैं। इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों का सर्वाधिक योगदान होता है।

इंटरव्यू
इसके लिए कुल 300 अंक निर्धारित हैं। इंटरव्यू यानी साक्षात्कार सिविल सेवा आयोग के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय धौलपुर हाउस में आयोजित किया जाता है। इंटरव्यू एक बोर्ड द्वारा लिया जाता है, जिसका अध्यक्ष आयोग का सदस्य होता है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। इंटरव्यू बोर्ड द्वारा अभ्यर्थी से उसकी शैक्षिक पृष्ठïभूमि तथा समसामयिक मुद्दों पर आधारित प्रश्र पूछे जाते हैं। इसके माध्यम से अभ्यर्थी की एक भावी अधिकारी के रूप में समझ-बूझ की परख की जाती है। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में प्राप्त अंकों के आधार पर अंतिम मेरिट लिस्ट बनाई जाती है और रिक्तियों के अनुपात में सफल अभ्यर्थियों के नामों की घोषणा की जाती है।

सोच-समझकर करें विषय का चुनाव
ऐच्छिक विषय के लिए वही विषय चुनें, जिसमें आपके माध्यम में पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध हों। साथ ही, उस विषय में आपकी रुचि हो और वह सिविल सेवा परीक्षा की दृष्टिï से स्कोरिंग हो। वैसे आप ग्रेजुएशन के दौरान पढ़ा गया विषय भी ले सकते हैं, बशर्ते कि वह इस परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुरूप हो। मित्रों की देखा-देखी विषय का चयन न करें, तो बेहतर होगा। सफलता के लिए एक वर्ष पूर्व से मुख्य परीक्षा की तैयारी आरंभ कर देनी चाहिए। यदि प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन करने के बाद इसकी तैयारी करते हैं और इसमें सफल रहते हैं, तो इसके बाद मुख्य परीक्षा के लिए मात्र 2 से 3 महीने का समय ही मिल पाता है, जो पर्याप्त नहीं है। बेहतर होगा कि प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ मुख्य परीक्षा की तैयारी करते रहना चाहिए। यदि आपके आसपास कोई ऐसा मित्र या परिचित है, जो इस परीक्षा में पहले सफलता हासिल कर चुका है, तो उससे मशविरा लेकर अपनी तैयारी की स्ट्रेटेजी बनाना लाभप्रद हो सकता है। अच्छी तैयारी के लिए किसी अच्छे कोचिंग संस्थान के टच में रहने से तैयारी बेहतर हो सकती है। इससे आपको अपने कमजोर पहलुओं को जानने और उन्हें दूर करने में मदद मिलेगी। आप इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि कभी भी अधिक किताब पढऩे के चक्कर में न पड़कर कम और महत्वपूर्ण पुस्तक पढें। एनसीईआरटी की बारहवीं तक की पुस्तक का यदि आप गहन अध्ययन करते हैं, तो आपको इस परीक्षा में काफी आसानी हो सकती है।

राज्य सिविल सेवा
यूपीएससी की तरह हर राज्य में भी प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा होती है। इस परीक्षा का पैटर्न कुछ फेरबदल के बाद लगभग सिविल सर्विस की तरह ही होता है। हालांकि अभी राज्यों की सिविल सेवा में कुछ जगह प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के साथ वैकल्पिक विषय हैं, तो कुछ राज्यों की प्रारंभिक परीक्षा में सिर्फ सामान्य अध्ययन का पेपर होता है। यदि आप तैयारी बेहतर तरीके से करते हैं, तो आपको सिविल या प्रांतीय सेवा में अवश्य सफलता मिल सकती है। जरूरी है कि आप अभी से इसके लिए योजना बनाएं और उसकी तैयारी के लिए जुट जाएं।

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Education Desk

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