IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। इसे पास करने के लिए युवा दिन-रात तैयारी करते हैं। इसके बाद भी सफलता सुनिश्चति नहीं होती है। हालांकि, फिर भी कई सालों तक युवा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं। आज हम आपको राधिका गुप्ता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और कॉर्पोरेट की नौकरी भी की, लेकिन अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और सिविल सेवा की तैयारी करने के बाद आईएएस अधिकारी बन गईं।
राधिका गुप्ता का परिचय
राधिका गुप्ता मूलरूप से मध्यप्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अलीराजपुर से ही पूरी की, जिसके बाद राधिका ने इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
नौकरी के बाद एक बड़ी कार कंपनी में लगी नौकरी
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद राधिका गुप्ता की एक बड़ी कार कंपनी में नौकरी लगी, जहां उन्होंने करीब एक साल तक काम किया। हालांकि, इस दौरान उनका मन नौकरी में नहीं लगा।
दिल्ली आने पर सिविल सेवा में हुई दिलचस्पी
राधिका गुप्ता ने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्हें अपने कॉलेज के समय तक सिविल सेवा के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। हालांकि, नौकरी के दौरान जब वह दिल्ली पहुंची, तो यहां राजेंद्र नगर में मुखर्जी नगर में कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं के माहौल के बीच राधिका की सिविल सेवा में रूचि बढ़ी। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया।
Felicitation ceremony for candidates selected jn UPSC CSE 2020 by the honorable CM sir @OfficeofSSC , Govt of MP
— Radhika Gupta (@radhika_g441) October 14, 2021
Honoured and grateful 🙏 pic.twitter.com/aWCxhh5NWs
नौकरी छोड़ इंदौर जाकर तैयारी करने का निर्णय लिया
राधिका गुप्ता ने पहले नौकरी करते हुए ही सिविल सेवा की तैयारी की और जब उन्हें इसके सिलेबस के बारे में ठीक जानकारी हो गई, तब उन्होंने कार्पोरेट जॉब को छोड़ इंदौर जाकर सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया। राधिका गुप्ता के मुताबिक, उन्होंने जेईई मेंस के लिए कोटा में तैयारी की थी, ऐसे में उन्हें कोचिंग और वहां के माहौल के बारे में जानकारी थी। यही वजह रही कि उन्होंने तैयारी के लिए कोचिंग का विकल्प नहीं चुना।
लगातार दो बार मिली सफलता
राधिका गुप्ता ने तैयारी के बाद सिविल सेवा में पहला प्रयास किया, जिसमें उन्हें सफलता मिली और वह आईआरपीएस अधिकारी बनीं। हालांकि, वह इससे खुश नहीं थी। ऐसे में उन्होंने फिर से परीक्षा में शामिल होने का निर्णय लिया और अपनी तैयारी को जारी रखा। राधिका गुप्ता ने अपना दूसरा प्रयास किया, जिसमें उन्होंने 18 रैंक प्राप्त की और आईएएस टॉपर भी बन गईं।
तनाव दूर करने के लिए प्रतिदिन खेला करती थी टेबल टेनिस
राधिका गुप्ता की खेलों में भी रूचि है। ऐसे में उन्होंने तैयारी के दौरान तनाव को दूर करने लिए इसे ही माध्यम बनाया। वह तनाव दूर करने के लिए प्रतिदिन थोड़ा समय निकालकर टेबल टेनिस भी खेला करती थी, जिससे बोरियत भी दूर हो सके।