स्कूलों में AI की नई उड़ान: 5 लाख छात्र सीखेंगे AI की बारीकियां, मार्च तक टीचर्स बनेंगे मेंटर

Akshara Verma
Dec 5, 2025, 12:33 IST

Artificial Intelligence: दिल्ली के स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की शिक्षा को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किया गया है। 'दिल्ली एआई ग्राइंड' नामक इस कार्यक्रम के तहत, दिसंबर से मार्च तक छठी से बारहवीं कक्षा के लगभग पांच लाख छात्र AI के मूलभूत सिद्धांतों और अनुप्रयोगों को सीखेंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के भविष्य के लिए तकनीक के बारे में बताना और उन पर तैयार करना हैं। साथ ही, उनमें प्रॉब्लम सॉल्विंग और नए-नए इनोवेशन करने की समझ प्रदान करना है।

'दिल्ली एआई ग्राइंड' नामक कार्यक्रम सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में लागू किया जाएगा। यह दिल्ली के सभी एजुकेशन डिस्ट्रिक्ट में भी लागू होगा। साथ ही, इसमें जरूरत के हिसाब से फॉलो-अप से जुड़ी गतिविधियां भी शामिल होंगी

यह प्रोग्राम डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन, हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन की लीडरशिप में की ओर से VISV फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है। 'दिल्ली एआई ग्राइंड' प्रोग्राम में ओरिएंटेशन सेशन, स्कूल-लेवल मिनी ग्राइंड, जिला स्तर पर मूल्यांकन, और कई अन्य गतिविधियां शामिल होंगी। यह प्रोग्राम शिक्षा निदेशालय के पहले से चल रहे नींव प्रोग्राम (न्यू एरा ऑफ एंटरप्रेन्योरल इकोसिस्टम एंड विजन) के तहत चलाया जाएगा।

टीचर्स बनेंगे 'एआई मेंटर'

इस कार्यक्रम की सफलता में टीचर्स की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। स्कूल इनोवेशन काउंसिल और 'नींव प्रोग्राम' (न्यू इरा ऑफ एंटरप्रेन्योरल इकोसिस्टम एंड विजन) के टीचर्स, जहां भी जरूरत होगी, छात्रों की टीमों को मेंटर के रूप में मदद करेंगे। वे न केवल छात्रों को AI के इस्तेमाल में सहायता करेंगे, बल्कि उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को AI का उपयोग करके हल करने के लिए भी प्रेरित करेंगे।

'दिल्ली एआई ग्राइंड' अभियान के मुख्य लक्ष्य

यह इनोवेशन चैलेंज-आधारित कार्यक्रम छात्रों को केवल थ्योरी सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें कई रचनात्मक तरीके से AI का उपयोग करने में मदद करेंगे। 

लक्ष्य  डिटेल्स  छात्रों के लिए लाभ 
AI जागरूकता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी समझ और महत्व का विकास करने में मदद। नई तकनीक को समझने और स्वीकार करने की क्षमता।
प्रॉब्लम सॉल्विंग के लिए कौशल AI का उपयोग करके दुनिया की चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान खोजना। क्रिटिकल थिंकिंग और तार्किक शक्ति में वृद्धि।
भविष्य के कौशल 21वीं सदी के लिए आवश्यक तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स का निर्माण। करियर के लिए बेहतर तैयारी, विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्रों में।

दिसंबर से मार्च तक का सफर

यह कार्यक्रम दिसंबर 2025 से मार्च 2026 तक चलेगा, जिसमें छात्रों को कई तरीकों से AI के बारे में बताया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों को छात्रों की भागीदारी के लिए निर्देश दिए है।

  1. ओरिएंटेशन सेशन : छात्रों और टीचर्स को कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी देना।
  2. स्कूल-लेवल मिनी ग्राइंड: स्कूलों के अंदर छोटे लेवल पर AI से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करना।
  3. जिला स्तर पर मूल्यांकन: सर्वश्रेष्ठ नए-नए इनोवेशन का चयन करना और उन्हें अगले लेवल के लिए तैयार करना।
  4. फॉलो-अप गतिविधियां: कार्यक्रम के बाद छात्रों के कौशल को विकसित करने के लिए आगे की योजनाएं बनाना। 

स्कूली शिक्षा में AI क्यों जरूरी है?

दुनिया तेजी से बदल रही है। साथ ही, AI हर क्षेत्र में बेहद क्रांति ला रहा है। स्कूली स्तर पर AI की शिक्षा को शामिल करना छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल दिल्ली को एक 'फ्यूचर-रेडी' शिक्षा प्रणाली की ओर ले जाने में एक मील का पत्थर साबित होगी।

Artificial Intelligence in Delhi Schools
Artificial Intelligence in Delhi Schools

Artificial Intelligence: दिल्ली के स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की शिक्षा को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किया गया है। 'दिल्ली एआई ग्राइंड' नामक इस कार्यक्रम के तहत, दिसंबर से मार्च तक छठी से बारहवीं कक्षा के लगभग पांच लाख छात्र AI के मूलभूत सिद्धांतों और अनुप्रयोगों को सीखेंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के भविष्य के लिए तकनीक के बारे में बताना और उन पर तैयार करना हैं। साथ ही, उनमें प्रॉब्लम सॉल्विंग और नए-नए इनोवेशन करने की समझ प्रदान करना है।

'दिल्ली एआई ग्राइंड' नामक कार्यक्रम सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में लागू किया जाएगा। यह दिल्ली के सभी एजुकेशन डिस्ट्रिक्ट में भी लागू होगा। साथ ही, इसमें जरूरत के हिसाब से फॉलो-अप से जुड़ी गतिविधियां भी शामिल होंगी

यह प्रोग्राम डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन, हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन की लीडरशिप में की ओर से VISV फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है। 'दिल्ली एआई ग्राइंड' प्रोग्राम में ओरिएंटेशन सेशन, स्कूल-लेवल मिनी ग्राइंड, जिला स्तर पर मूल्यांकन, और कई अन्य गतिविधियां शामिल होंगी। यह प्रोग्राम शिक्षा निदेशालय के पहले से चल रहे नींव प्रोग्राम (न्यू एरा ऑफ एंटरप्रेन्योरल इकोसिस्टम एंड विजन) के तहत चलाया जाएगा।

टीचर्स बनेंगे 'एआई मेंटर'

इस कार्यक्रम की सफलता में टीचर्स की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। स्कूल इनोवेशन काउंसिल और 'नींव प्रोग्राम' (न्यू इरा ऑफ एंटरप्रेन्योरल इकोसिस्टम एंड विजन) के टीचर्स, जहां भी जरूरत होगी, छात्रों की टीमों को मेंटर के रूप में मदद करेंगे। वे न केवल छात्रों को AI के इस्तेमाल में सहायता करेंगे, बल्कि उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को AI का उपयोग करके हल करने के लिए भी प्रेरित करेंगे।

'दिल्ली एआई ग्राइंड' अभियान के मुख्य लक्ष्य

यह इनोवेशन चैलेंज-आधारित कार्यक्रम छात्रों को केवल थ्योरी सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें कई रचनात्मक तरीके से AI का उपयोग करने में मदद करेंगे। 

लक्ष्य  डिटेल्स  छात्रों के लिए लाभ 
AI जागरूकता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी समझ और महत्व का विकास करने में मदद। नई तकनीक को समझने और स्वीकार करने की क्षमता।
प्रॉब्लम सॉल्विंग के लिए कौशल AI का उपयोग करके दुनिया की चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान खोजना। क्रिटिकल थिंकिंग और तार्किक शक्ति में वृद्धि।
भविष्य के कौशल 21वीं सदी के लिए आवश्यक तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स का निर्माण। करियर के लिए बेहतर तैयारी, विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्रों में।

दिसंबर से मार्च तक का सफर

यह कार्यक्रम दिसंबर 2025 से मार्च 2026 तक चलेगा, जिसमें छात्रों को कई तरीकों से AI के बारे में बताया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों को छात्रों की भागीदारी के लिए निर्देश दिए है।

  1. ओरिएंटेशन सेशन : छात्रों और टीचर्स को कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी देना।
  2. स्कूल-लेवल मिनी ग्राइंड: स्कूलों के अंदर छोटे लेवल पर AI से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करना।
  3. जिला स्तर पर मूल्यांकन: सर्वश्रेष्ठ नए-नए इनोवेशन का चयन करना और उन्हें अगले लेवल के लिए तैयार करना।
  4. फॉलो-अप गतिविधियां: कार्यक्रम के बाद छात्रों के कौशल को विकसित करने के लिए आगे की योजनाएं बनाना। 

स्कूली शिक्षा में AI क्यों जरूरी है?

दुनिया तेजी से बदल रही है। साथ ही, AI हर क्षेत्र में बेहद क्रांति ला रहा है। स्कूली स्तर पर AI की शिक्षा को शामिल करना छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल दिल्ली को एक 'फ्यूचर-रेडी' शिक्षा प्रणाली की ओर ले जाने में एक मील का पत्थर साबित होगी।

Akshara Verma
Akshara Verma

Content Writer

    Akshara Verma is an Executive Content Writer at Jagran Josh, specializing in authoritative content focused on Education, Current Affairs, and General Knowledge. A graduate of Bharati Vidyapeeth's Institute of Computer Applications and Management (BVICAM) with a Bachelor of Journalism and Mass Communication, Akshara leverages her 1.5 years of experience to create impactful pieces, building on her previous roles in content writing and Public Relations at both Genesis BCW and Dainik Bhaskar. She can be reached at akshara.verma@jagrannewmedia.com.

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