भारत में इंजीनियरिंग को पहला करिअर विकल्प चुनने के कई कारणों में से एक है उत्कृष्ट नौकरी के अवसर और इंजीनियरों को दिया जाने वाला अच्छा वेतन पैकेज। लेकिन जब बात इंजीनियरिंग की सर्वश्रेष्ठ शाखा या सबसे अधिक वेतन वाले शाखाओं के चयन की आती है तो छात्र अक्सर भ्रमित हो जाते हैं। करिअर विशेषज्ञ और सलाहकार छात्रों को हमेशा उनके व्यक्तिगत रूचि और योग्यता के आधार पर इंजीनियरिंग डोमेन को चुनने की सलाह देते हैं। बात जब सभी महत्वपूर्ण फैसलों की आती है तो उच्च वेतन पैकेज अब भी अंतिम कारक बना हुआ है। इंजीनियरिंग की कई नई एवं आने वाले डोमेन जो इंजीनियरों के लिए उत्कृष्ट पे–मास्टर्स के तौर पर सिद्ध हुए हैं, ने इंजीनियरिंग की सही शाखा का चुनाव करना बहुत मुश्किल बना दिया है।
छात्रों के लिए जो अभी भी सबसे अधिक वेतन पैकजों वाले इंजीनियरिंग की शाखा के बारे में भ्रमित हैं, हमने भारत में सबसे अधिक वेतन देने वाले शीर्ष पांच इंजीनियरिंग नौकरियों की सूची तैयार की है। इस सूची को नौकरी के अवसरों, स्थिरता और उम्मीदवारों को दिए जाने वाले वेतन पेशकश जैसे कई कारकों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है।

कंप्यूटर साइंस/ आईटी इंजीनियर्स
पिछले दशक में कंप्यूटर प्रौद्योगिकी और आईटी भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार के रूप में उभरा है। इसलिए भारत के अग्रणी ब्रांडों में शीर्ष वेतन वाले एग्जीक्युटिव्स के तौर पर कंप्यूटर साइंस का उभरना आश्चर्यजनक तथ्य नहीं है । इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपेक्षाकृत नवीन प्रवेशी होने के बावजूद कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (कंप्यूटर प्रौद्योगिकी) देश के लगभग प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में अपनी पैठ बना चुका है और नौकरी के उत्कृष्ट अवसर दे रहा है। ये नौकरियां न सिर्फ वेतन और भत्तों के लिहाज से बल्कि स्थिरता और दीर्घकालीक करिअर प्रगति के लिहाज से भी सबसे अच्छी हैं। कंप्यूटर इंजीनियरों के लिए यह क्षेत्र अभी भी अपने विकास के चरण में है इसलिए यह न सिर्फ अनुसंधान एवं विकास के मामले में बल्कि उत्पादन, गुणवत्ता मूल्यांकन, परीक्षण और आजीवन सेवा समर्थन के मामले में भी उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
दिए जाने वाले वित्तीय पारिश्रमिक यानि वेतन की बात करें तो एक औसत संस्थान का फ्रेश (नए) कंप्यूटर इंजीनियर 2.4 लाख रुपये सालाना से 8.5 लाख रुपये सालाना की रेंज में वेतन की उम्मीद कर सकता है। हालांकि, गुगल, ट्विटर और फेसबुक जैसी शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनियां आईआईटी जैसी प्रमुख संस्थानों के असाधारण इंजीनियरों को 1 करोड़ रुपये सालाना का वेतन देने की पेशकश के लिए भी जानी जाती हैं। इनके अलावा कंप्यूटर साइंस इंजीनियरों के लिए अन्य बड़े वेतन देने वालों में शामिल हैं– एचएसबीसी, सिटी बैंक, मेरिल एंड लिंच, पुअर एंड स्टैंडर्ड, मूडीज एवं सैमसंग । ये कंपनियां इंजीनियरिंग स्नातकों को 10-30 लाख रुपये सालाना की रेंज में वेतन देती हैं।
यांत्रिक इंजीनियर (मैकनिकल इंजीनियर)
ऑटोमोबाइल, खनन, इस्पात, धातु और फोर्जिंग जैसे भारी निर्माण उद्योगों में गहरी पैठ वाले यांत्रिक अभियांत्रिकी (Mechanical Engineering) को इंजीनियरिंग को अधिक परंपरागत विषय माना जाता है। इंजीनियरिंग के सबसे पुराने विषयों में से एक होने के बावजूद यांत्रिक इंजीनियरों के लिए अलग– अलग प्रकार के औद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की नौकरियों के अवसर उपलब्ध हैं। इनमें कुछ तो कंप्यूटर प्रौद्योगिकी और रोबोटिक्स से भी संबंधित है। भारतीय संदर्भ में यांत्रिक इंजीनियरों को निजी क्षेत्र की तुलना में सरकारी क्षेत्र में कहीं अधिक रोजगार के अवसर मिलते हैं। यह प्रवृत्ति तेजी से बदल रही है लेकिन सरकारी एजेंसियां अभी भी यांत्रिक इंजीनियरों के लिए सबसे अधिक पसंदीदा नियोक्ताओं में से एक बनी हुईं हैं। भारतीय रेलवे, रक्षा बलों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, मेट्रो रेल निगम, शिपयार्ड, पत्तन/ बंदरगाहों जैसे अन्य सरकारी क्षेत्र के भारी उद्योग भारत में योग्य एवं प्रशिक्षित यांत्रिक इंजीनियरों को नौकरी देने के लिए जाने जाते हैं। वेतन के मामले में नए यांत्रिक इंजीनियरिंग किए स्नातक को आरंभिक नौकरी में 1.8 से 5 लाख रुपये सालाना के वेतन की उम्मीद करनी चाहिए। इसमें कौशल एवं अनुभव के साथ धीरे– धीरे बढ़ोतरी होती है । आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के यांत्रिक अभियांत्रिकी के छात्रों को उनके अकादमिक उत्कृष्टता और कौशल के आधार पर करीब 7 से 10 लाख रुपये सालाना वाले अच्छे वेतन पैकज मिलते हैं।
सिविल इंजीनियर
1990 के दशक में इंजीनियरिंग का प्रतीक माना जाने वाला सिविल इंजीनियरिंग ने उथल– पुथल भरी यात्रा का सामना करते हुए एक लंबा सफर तय किया है। राष्ट्रीय स्तर के संरचनात्मक परियोजनाओं की अगुआई के साथ– साथ आवासीय, व्यावसायिक संपत्ति के मामले में ढांचागत विकास से जुड़ा सिविल इंजीनियरिंग का क्षेत्र निश्चित रूप से उच्च वेतन वाली नौकरियों की क्षमता वाले क्षेत्र के तौर पर देखा जाता है। खासकर वर्तमान परिदृश्य में जब रीयल इस्टेट बाजार (अचल संपत्ति बाजार) व्यक्तिगत संपत्ति वर्ग और भविष्य के बुनियादी ढ़ाचे के विकास के लिए हाल ही में सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहनों से, तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में सिविल इंजीनियरिंग निश्चित तौर पर इंजीनियरिंग की एक ऐसी शाखा है जिसे किसी छात्र को अपने शीर्ष विकल्पों में से एक मानना चाहिए। सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों ही कंपनियों में सिविल इंजीनियरों के लिए नौकरी के अच्छे विकल्प मिल जाते हैं। सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियर्स सड़कों, पुलों, सार्वजनिक भवनों, सिंचाई और अन्य ऐसी ही परियोजनाओं जैसी सार्वजनिक संरचनाओं के विकास का नेतृत्व करते हैं। निजी क्षेत्र में आवासीय एवं निजी संपत्तियों के लिए डिजाइनिंग, विकास, निर्माण, पर्यवेक्षण, निगरानी, गुणवत्ता का मूल्यांकन एवं अन्य संबंधित कार्यों जैसी अलग– अलग जिम्मेदारियां सिविल इंजीनियरों के जिम्मे होती है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार विकासशील देशों में सिविल इंजीनियरों की बहुत कमी है और इसलिए विदेश में अपना करिअर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए सिविल इंजीनियरिंग एक बेहतरीन विकल्प भी है।
वेतन के मामले में नए इंजीनियर 3 से 5 लाख रुपये सालाना के वेतन पैकेज की उम्मीद कर सकते हैं। नियोजन और ढांचागत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में 3-4 वर्षों का अनुभव रखने वाले सिविल इंजीनियर 70,000 से 90,000 रुपये मासिक वेतन की उम्मीद कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियर
इंजीनियरिंग की एक और सदाबहार शाखा है– इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जो नौकरी के बाजार की बात आने पर हमेशा से सुर्खियों में रहा है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों को परंपरागत रूप से एनटीपीसी जैसी सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनियां नौकरी देती हैं। इन्हें मुख्य रूप से बिजली उत्पादन के विकास, बिजली संयंत्रों के विकास, बिजली वितरण नेटवर्क स्थापित करना और उसका विस्तार करना आदि से संबंधित काम करना होता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिल इंजीनियर पीएसयू, रक्षा बलों, विनिर्माण क्षेत्र एवं आयुद्ध उद्योगों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र की सबसे आधुनिक शाखा है इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग। इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियर्स वायरलेस कंपनियों और एयरटेल, आईडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों द्वारा, नेटवर्क की स्थापना करने, उनके रख–रखाव और निगरानी के काम के लिए नौकरी पर रखे जाते हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में भी नौकरी मिलती है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
भारत में इंजीनियरिंग के दुर्लभ और आला दर्जे का क्षेत्र माने जाने के बावजूद पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए अच्छे रोजगार अवसरों के लिए कोई कमी नहीं है। हालांकि पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए उपलब्ध नौकरी के अवसर आम नहीं हैं लेकिन इसमें मिलने वाली नौकरियां अन्य शाखाओं में मिलने वाली नौकरियों की तुलना में बेहतरीन वेतन वाली होती हैं। पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कमी और नए पेट्रोलियम संसाधनों की खोज में विस्तार ने इस क्षेत्र को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इसी वजह से पेट्रोलियम इंजीनियर के तौर पर करिअर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों में नई रुची पैदा हुई है। आज दुनिया भर के नौकरी बाजारों में पेट्रोलियम इंजीनियर्स सबसे अधिक वेतन प्राप्त करने वालों में से हैं। इसका मुख्य कारण है उद्योग के कार्यों का संचालन कर सकने वाले प्रशिक्षित और योग्य पेट्रोलियम इंजीनियरों की अनुपलब्धता, जिसका व्यापार, अर्थव्यवस्था, भूविज्ञान, रसायनशास्त्र और कई अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव है।
रोजगार के अवसर के मामले में पेट्रोलियम इंजीनियरों को ओएनजीसी, एचपीसीएल, ओवीएल और अन्य सरकारी कंपनियों में नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा कई निजी क्षेत्र की कंपनियां भी अन्वेषण, खुदाई कार्यों, अपतटीय और तटवर्ती कार्यों एवं पेट्रोलियम से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान में शामिल हैं। इसने पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। घरेलू बाजार के अलावा पेट्रोलियम इंजीनियरों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों खासकर विकसित देशों में बहुत मांग है। फ्रेशर पेट्रोलियम इंजीनियर को 3 से 7लाख रुपये सालाना का वेतन मिलता है। यदि आप अंतरराष्ट्रीय बाजार खासकर विकसित देश में जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको वहां 50,000 से 80,000 डॉलर के बीच सालाना वेतन किसी भी देश में मिल सकता है।