आज के तेजी से बदलते जमाने में जहाँ सफलता के लिए प्रोफेशनल होना आवश्यक हो गया है, स्टेनोग्राफी ऐसा ही आर्ट है जिसमे भारी संख्या में रिक्तियां आज भी उपलब्ध है. स्टेनोग्राफर या आशुलिपिक आज भी एक हॉट जॉब का माध्यम है जिसकी जरूरत न केवल सरकारी बल्कि निजि संस्थानों में भी होती है.
स्टेनोग्राफर बनने के लिए व्यक्ति को हिंदी और अंग्रेजी टाइपिंग का ज्ञान होना आवश्यक है. टाइपिंग के साथ ही शॉर्टहेंड (लिखने की एक विधि जिसमें सामान्य लेखन की अपेक्षा तेज गति से लिखा जा सकता है. इसमें छोटे प्रतीकों का उपयोग किया जाता है.) का ज्ञान भी जरूरी है. शॉर्टहेंड हिंदी या अंग्रेजी में बोली गई वाक्यों को शॉर्टहेंड भाषा में लिखना है.
जहां एक तरफ सरकार की ओर से समय-समय पर विभिन्न मंत्रालयों और संस्थानों में स्टेनोग्राफर की रिक्तियां निकलती हैं वहीं निजि संस्थानों में भी स्टेनोग्राफर के पद पर भर्तियां की जाती हैं.
आपको यह पता होना चाहिए कि स्टेनोग्राफर (ग्रेड ‘सी’ और ग्रेड ‘डी’) पद के लिए एक स्किल टेस्ट यानि कि कौशल परीक्षण का आयोजन किया जाता है, जिसमें आवेदक को ग्रेड-डी पद के लिए 80 शब्द प्रति मिनट की दर से अंग्रेजी या हिंदी (जो भी विषय आवेदक ने चुना हो) में एक डिक्टेशन दी जाती है. स्टेनोग्राफर ग्रेड-सी के लिए यह सीमा 100 शब्द प्रति मिनट की होती है. दोनों ही के लिए इस कार्य को पूरा करने की अवधि 10 मिनट की होती है. दी गई डिक्टेशन का ट्रांसक्रिप्शन केवल कंप्यूटर पर ही मान्य होता है. स्टेनोग्राफर की परीक्षा दो चरणों में पूरी होती है.
स्टेनोग्राफी के स्किल टेस्ट में सफल होना अत्यंत आवश्यक है जहाँ टाइम फैक्टर काफी महत्वपूर्ण होता है. वहां आपको अपने असाइनमेंट को सिर्फ पूरा करना काफी नहीं है बल्कि समय सीमा के अन्दर और गलतियों से रहित होना चाहिए.
इसके लिए हम दे रहे हैं 10 टिप्स जो स्टेनोग्राफी के स्किल टेस्ट में सफल होने में काफी सहायक होगा.
1- स्टेनोग्राफी टेस्ट में पास होने के लिए समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) बेहद जरूरी है, तैयारी करते वक्त प्रत्येक खंड को हल करने के लिए समय का निर्धारण करें जिससे टेस्ट देते समय नियत वक्त में टेस्ट पूरा हो सके.
2- रिविजन पर भी बेहद ध्यान दें, भले ही आपकी तैयारी पूरी हो चुकी हो लेकिन हर विषय का रिविजन बार-बार करें.
3- कांफीडेंस लेवल बढ़ाने के लिए पिछले वर्षों में आए प्रश्न पत्रों को हल करें। ऐसा करने से आपकी विषय पर पकड़ मजबूत होगी साथ ही किस विषय में आपकी कितनी तैयारी है, यह भी जान पाएंगे.
4- प्रश्न पत्र हल करने की रणनिति भी बनाएं, जिससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा प्रश्न हल किए जा सकें.
5- रोजाना हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के अखबार पढ़ने की आदत डालें साथ ही ऐसी मैग्जीन और किताबें भी पढ़ें जिससे समसामयिक जानकारी बढ़े.
6- हर रोज कुछ नए अंग्रेजी के शब्दों की सूची तैयार करें. पढ़ते वक्त जो भी नए शब्द सामने आएं उन्हें अपनी नोटबुक में लिखें और याद करें. इससे अंग्रेजी भाषा में निपुण होने में सहायता मिलेगी.
7- किसी विषय में यदि आप कमजोर हैं, तो उस पर ज्यादा ध्यान दें. अंग्रेजी में अच्छे अंक लाने के लिए पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों से वन वर्ड सब्टीट्यूशन, मुहावरे व वाक्यांश आदि की अच्छी तैयारी करें साथ ही बोध खंड को हमेशा हल करें क्योंकि, गद्यांश आसान होते हैं और इनमें आसानी से अधिक अंक हासिल किए जा सकते हैं.
8- जिस विषय पर आपकी पकड़ ज्यादा मजबूत है, उस विषय की बेहतर तैयारी करें जिससे यदि किसी अन्य विषय में आप अच्छा स्कोर न कर पाएं तो इस विषय से आप अपना स्कोर बढ़ा सकें.
9- तार्किक शक्ति से संबंधित प्रश्नों को हल करने में ज्यादा समय लगता है, इसलिए बेहतर रहेगा कि इन्हें सबसे बाद में करें जिससे आपको दूसरे प्रश्नों को हल करने का पर्याप्त समय मिल जाए. बचे हुए समय में खास ट्रिक अपनाकर इन प्रश्नों को हल करें.
10- प्रश्नों को हल करने के दौरान यह बात ध्यान रखें कि वही प्रश्न करें जिनके उत्तर आपको वाकई पता हों. किसी भी उत्तर पर तुक्का न लगाएं, क्योंकि एक भी गलत उत्तर निगेटिव मार्किंग के लिए जिम्मेदार होगा. ऐसे में इन प्रश्नों को छोड़ना ज्यादा बेहतर है जिससे आपने जिन प्रश्नों के उत्तर सही लिखें हैं उनके पूरे नंबर आपको मिल सकें.
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