अच्छी तरह से वेल ऑर्गेनाइज्ड थॉट प्रोसेस से गुजरना, सही डिसिज़न लेने के लिए बहुत ही ज़रूरी है, खासकर तब,जब कोई अपने करियर के बारे में फैसले ले रहा हो. क्योंकि, एक छोटी से भी चूक का फल आपको जीवनभर भुगतना पड़ सकता है. लेकिन, सही दिशा में सोचना और फैसला लेना उतना आसान नहीं जितना कि ये दिखता है. दूसरे शब्दों में यह एक जटिल और दिमाग घुमा देने वाला काम है, जिसमें किसी खास विकल्प से जुड़े तमाम पहलुओं का पता लगाने के साथ-साथ, उनको एक्जामिन भी करना होता है. सही फैसला न ले पाने की स्थिति में आपको जीवनभर तकलीफ और चिंता से घिरा रहना पड़ सकता है. इससे आपकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ, दोनों पर संकट और दुःख के बादल मंडरा सकते हैं. इसलिए, विकल्प के बारे में सोचते समय वेल ऑर्गेनाइज्ड थॉट प्रोसेस से गुजरना चाहिए. इस लेख में हमने वेल ऑर्गेनाइज्डथॉट थॉट प्रोसेस के बारे में समझाने का प्रयास किया है जो कि सही विकल्प चुनने में आपकी मदद कर सकता है.
सेल्फ असेसमेंट
जो खुद को नहीं जानता है, वह किसी चीज के बारे में सही फैसला नहीं ले सकता है. खासकर तब, जब ये फैसले उसके इंटरेस्ट, वैल्यूज, पर्सनालिटी, और अप्तितुदेएप्टीट्यूड से जुड़ी हों. इसलिए, यह जानने के लिए कि वास्तव में आपको क्या चुनना चाहिये या हासिल करना चाहिए? आपको सबसे पहले सेल्फ असेसमेंट करना होगा. इसमें आप नीचे दिए गए तथ्यों की मदद ले सकते हैं.
अपना इंटरेस्ट जानें
वह कौन सा काम है जिसको करते हुए, आप नहीं थकते हैं? यह किसी खास तरह का काम भी हो सकता है जिसको आप थकान महसूस करने से ज्यादा एनज्वाय करते हों. तो सबसे पहल ऐसे काम के बारे में पता लगायें और करियर के बारे में फैसला उसी काम के हिसाब से लें.
वैल्यूज
ढेरों सुविधाएँ मिलने के बावजूद,ढेरों प्रोफेशनल्स अपने वर्कप्लेस में ख़ुश और संतुष्ट नहीं रहते. यह आपके साथ भी हो सकता है यदि आप सही कैरियर विकल्प या कंपनी चुनने में थोड़ी भी चूक करते हैं. इसका कारण, कंपनी या जॉब के वैल्यूज हो सकते. वैल्यूज के विरूद्ध काम करना ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है, जिसमें सर्वाईव कर पाना मुश्किल हो सकता है. इसलिए, करियर सेलेक्शन करते समय कंपनी, इंडस्ट्री, या ऑक्यूपेशन से जुड़ी वैल्यूज का अपनी वैल्यूज से मिलान करें. इससे आपको अपने लिए एक ऐसे करियर विकल्प को चुनने में मदद मिलेगी जो सफलता और विकास की सीढ़ी बन सकता है.
व्यक्तित्व
आपकी बातचीत का तरीका,दूसरों के साथ व्यव्हार, आपकी पर्सनालिटी पर निर्भर करता है. जो कि आपके हैबीचुअल और विहैवियर पैटर्न से इन्फ्लुएंस हो सकता है. अगर आप अपनी पर्सनालिटी के विरुद्ध करियर ऑप्शन का चुनाव करते हैं तो इसका बुरा असर आपके पूरी पर्सनालिटी पर पड़ सकता है. जिसके चलते आपकी प्रोडक्टिविटी, क्रिएटिविटी और वर्क परफॉरमेंस प्रभावित हो सकती है. इसलिए, करियर के बारे में निर्णय लेते समय, अपनी पर्सनालिटी नज़रंदाज़ न करें. बल्कि उसके अनुसार ही करियर का चुनाव करें.
एप्टीट्यूड
यदि आप किसी खास काम में दक्ष हैं तो जॉब के लिए इंडस्ट्री या करियर को चुनते समय उसको ध्यान में रखें. साथ ही साथ यह भी ध्यान रखें कि किस तरह की जॉब, फील्ड या ऑफिस जॉब, करने में आप संतुष्टि महसूस करते हैं. इसके अलावा,इनडोर या आउटडोर, कार्यालय या फैक्ट्री और शोरगुल या शांतिपूर्ण जैसे कार्यस्थल के प्रकारों पर भी ध्यान दें और अपनी रूचि के अनुसार ही चुनाव करें. इसका आपकी वर्क परफॉरमेंस पर असर पड़ सकता है. इसलिए, करियर चुनते समय इनके प्रति सावधान रहें.
करियर एक्सप्लोरेशन
सेल्फ असेसमेंट के बाद करियर एक्सप्लोरेशन आपकी लाइफ के लिए सही करियर ऑप्शन चुनने के लिए सबसे अहम कदमों में से एक है. इसमें असफल होने की आपको भरी कीमत चुकानी पड़ सकती है. इसलिए, आपको करियर ऑप्शन से जुड़े हर संभव पहलू पर गौर करने कि ज़रूरत है. खासकर उस करियर ऑप्शन से जुड़े पहलुओं के बारे में जिसे आप अपने करियर के रूप में देखते हैं.
ऑक्यूपेशन
सेल्फ असेसमेंट के बाद जिस प्रोफेशन को आप अपने करियर के रूप में देखते हैं, उसमें समानताएं खोजें. यदि बिलकुल भी समानता नहीं है तो एक बार और विचार करें. क्योकि जल्दी में लिए गया फैसला आपको भारी पड़ सकता है
सैलरी स्ट्रक्चर
यदि किसी प्रोफेशन से आप इतना पैसा नहीं कमाते हैं जो आपके गुजारे के लिए पर्याप्त हो, तो आप सर्वाइव नहीं कर सकते. इस तथ्य के बावजूद किसी ऐसे करियर ऑप्शन का चुनाव करना जिससे आप सर्वाइव तक नहीं कर सकते, दुख, असफलता और अवसाद का कारण बन सकता है. यह आपकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है.
जॉब आउटलुक
दूसरों की तरह आप भी अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में सक्सेस और ग्रोथ हासिल करना चाहते होंगे. लेकिनयदि आप किसी ऐसे प्रोफेशन को चुन लेते हैं जिसमें वास्तव में सक्सेस और ग्रोथ के बहुत ही कम अवसर हैं तो आपका यह सपना भी टूट सकता है. इसलिए, किसी भी करियर ऑप्शन का चुनाव करने से पहले उसमें उपलब्ध सक्सेस और ग्रोथ के अवसरों के बारे में पता लगायें. यदि अवसर बहुत ही सीमित हों तो दोबारा विचार करें
फाइनल स्टेप
थॉट प्रोसेस के दो ज़रूरी स्टेज से गुजरने के बाद आपको प्रोफेशन, कंपनी, या इंडस्ट्री के बारे में लिए गए फैसले पर अमल करना चाहिए. इसके लिए खुद को तैयार रखें और कॉन्फिडेंस के साथ अपने करियर सेलेक्शन प्लान को इम्प्लीमेंट करें. नीचे समझाए गए ज़रूरी बातों का ध्यान रखें.
एक्शन प्लान
करियर पर निर्णय लेने के बाद आपको किसी खास प्रोफेशन, कंपनी या इंडस्ट्री में घुसने के लिए, एक वर्क-प्लान तैयार करना होगा. यह इफेक्टिव और ऑर्गेनाइज्ड तरीके से जॉब के एप्लीकेशन देने में आपकी मदद कर सकता है. जॉब पाने के लिए ऑर्गेनाइज्ड और इफेक्टिव जॉब एप्लीकेशन ज़रूरी है. इसके आभाव में आप जॉब का अवसर खो सकते हैं. इसलिए, वर्क-प्लान तैयार करने के बाद ही जॉब के लिए अप्लाई करें. इससे आपको अपने अगले कदम कि पूर्व जानकारी रहेगी जो प्रभावशाली तरीके से जॉब के लिए ज़रूरी कदम उठाने में आपकी मदद कर सकती है.
जॉब सर्च
वर्क प्लान तैयार करने के बादकुछ ऐसी कंपनियों के बारे में पता लगाना चाहिए जो बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स को अप्वाइंट कर रही हों. ऐसी कंपनियों की तलाश मेंआप ऑनलाइन जॉब बोर्ड,लिंक्डइन प्रोफ़ाइल वर्किंग प्रोफेशनल्स के साथ साथ कुछ अन्य सोर्सेज का भी ईस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपको जल्दी जॉब तलाशने में आसानी होगी.
इंटरव्यू प्रिपरेशन
यदि आप प्रिपरेशन नहीं करते हैं,तो आप जॉब इंटरव्यू भी क्रैक नहीं कर सकते. इसलिए, जॉब इंटरव्यू में जाने से पहले आपको अच्छी तरह से प्रिपरेशन करनी चाहिए. जॉब से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के जानने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपको किस तरह कि प्रिपरेशन की ज़रूरत है.
निष्कर्ष
आजकल जब कॉरपोरेट वर्ल्ड में सेक्टरों की गिनती बढ़ने के साथ-साथ करियर ऑप्शन भी बढ़ते जा रहे हैं, एक करियर ऑप्शन चुनना बेहद मुश्किल काम है. लेकिन, सेल्फ-असेसमेंट,करियर एक्सप्लोरेशन, और ऑर्गेनाइज्ड ढंग से प्रयास कर इसे भी आसानी से अंजाम दिया सकता है. इस लेख मेंहमने 3 स्टेप करियर सेलेक्शन प्रोसेस के बारे में समझाने की कोशिश की है,जो आपको सही ऑप्शन चुनने में मदद कर सकता है.
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