तेज रफ़्तार वाली आज की इस जिंदगी में हर कोई रियल टाइम न्यूज़ को पढ़कर या सुनकर देश दुनिया की खबरों से अपने आप को अपडेट रखने का आदि हो चला है.वैसे तो जर्नलिज्म और न्यू मीडिया का सम्बन्ध ही राउंड-द-क्लॉक न्यूज से होता है लेकिन रियल टाइम न्यूज के कॉन्सेप्ट ने जर्नलिज्म के एक नए क्षेत्र डिजिटल जर्नलिज्म को जन्म दिया है.
डिजिटल जर्नलिज्म के तहत दुनिया की हर प्रासंगिक घटनाओं की जानकारी दी जाती है. अन्य उद्योगों पर हावी होने वाले टीवी, रेडियो और न्यू मीडिया इंटरनेट प्लेटफार्म जैसे नए-नए समाचार माध्यमों के बीच डिजिटल जर्नलिज्म इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए एक बहुत ही आकर्षक करियर विकल्प के रूप में उभरा है. तो, आइए डिजिटल जर्नलिज्म से जुड़े कुछ विशेष पहलुओं पर चर्चा करते हैं.
डिजिटल जर्नलिज्म है क्या ?
डिजिटल जर्नलिज़्म कोर पत्रकारिता का ही एक हिस्सा है जिसका सीधा सीधा संबंध समाचार और मीडिया इंडस्ट्री से होता है. डिजिटल जर्नलिस्ट को खबरों को कवर कर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत कर आम लोगों को नवीनतम घटनाओं की जानकारी देना होता है.

प्रिंट / रेगुलर जर्नलिज़म से यह कैसे अलग है?
आजकल डिजिटल जर्नलिज्म कोर जर्नलिज्म है या फिर यह प्रिंट मीडिया से बिलकुल अलग है, इस बात को लेकर पूरे देश में बड़ी बहस चल रही है. हालांकि कुछ प्रतिष्ठित जर्नलिस्ट का मानना है कि दोनों के बीच कोई खास फर्क नहीं है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो डिजिटल जर्नलिज्म को प्रिंट मीडिया से काफी अलग मानते हैं. उनका यह मानना है कि डिजिटल जर्नलिज्म में विभिन्न कौशल और ज्ञान की आवश्यक्ता होती है.
अगर सच पूछा जाय तो दोनों के बीच एकमात्र अंतर दोनों क्षेत्रों में काम करने की स्पीड को लेकर है. डिजिटल जर्नलिज्म रियल टाइम न्यूज पर जोर देता है और किसी भी घटना की तत्काल जानकारी देता है जबकि प्रिंट मीडिया किसी भी जानकारी को देने में अपेक्षित समय लेती है.
डिजिटल जर्नलिज्म की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
यह पहले ही बताया जा चुका है कि डिजिटल जर्नलिज्म का सम्बन्ध रियल टाइम न्यूज से होता है.इसलिए इस क्षेत्र की मुख्य चुनौती समय को लेकर होती है.नई घटनाओं और खबरों को सत्यापित करने का बहुत कम समय मिलता है. हर जर्नलिस्ट को आ रही घटनाओं को तत्काल प्रकाशित करना होता है और बहुत कम समय में सभी घटनाओं या समाचारों का सही सत्यापन एक कठिन चुनौती होती है.
एक डिजिटल जर्नलिस्ट बनने के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेज और कोर्सेज
भारत में डिजिटल जर्नलिज्म के लिए कोई अलग से कॉलेज नहीं हैं. एक नवीन क्षेत्र होने के साथ-साथ इसका सम्बन्ध कोर जर्नलिज्म से होने के कारण वैसे संस्थान जहाँ जर्नलिज्म की पढ़ाई कराई जाती है, वहां से पढ़ाई करना सही रहेगा. आईआईएमसी - दिल्ली, जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ़ कम्यूनिकेशन, एमआईसीए और अन्य इंस्टीट्यूट जर्नलिज्म करने वाले छात्रों के पसंदीदा इंस्टीट्यूट हैं.
डिजिटल जर्नलिस्ट के लिए नौकरी की संभावनाएं
न्यूज मीडिया इंडस्ट्री के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि डिजिटल मीडिया में नौकरी की संभावना बहुत अच्छी है. टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस जैसे स्थापित पब्लिकेशन हाउस के अलावा क्विंट, द वायर और रायटर जैसे कई अन्य इंटरनेट आधारित समाचार एजेंसियां हैं जो भारत में डिजिटल जर्नलिस्ट को हायर करती हैं. आम तौर पर इस प्रोफाइल की शुरुआत रिपोर्टिंग से होती है और अनुभव के साथ आप एडिटिंग की तरफ बढ़ कर चीफ एडिटर के पद तक पहुँच सकते हैं.
एक डिजिटल जर्नलिस्ट की सैलरी
डिजिटल जर्नलिस्ट की सैलरी लगभग प्रिंट जर्नलिस्ट के बराबर ही होती है. कभी-कभी, डिजिटल मीडिया के विस्तार और विकास के कारण, वेतन थोड़ा बढ़िया भी हो सकता है. शुरूआती दौर में डिजिटल जर्नलिस्ट को तक़रीबन 3 लाख रूपये सालाना मिल सकते हैं. लेकिन एक बार आपके पास इस क्षेत्र का व्यापक अनुभव होने के साथ विस्तृत नेटवर्क और चैनल हो तो सैलरी की कोई निर्धारित सीमा नहीं है.
दरअसल डिजिटल जर्नलिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिससे इसे एक आदर्श करियर विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है. अतः मीडिया में अपना करियर बनाने की चाह रखने वाले छात्र इसे निः संदेह अपना सकते हैं.
इन सारे पहलुओं को जानने के बाद क्या आप एक डिजिटल जर्नलिस्ट बनना पसंद करेंगे ? अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें. अगर यह वीडियो आपको अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों तथा रिश्तेदारों के बीच शेयर करना न भूलें. ऐसे ही कुछ अन्य रोचक वीडियो के लिए www.jagranjosh.com. पर लॉग इन करें.