द्र सरकार के कर्मचारियों की भर्ती के नियमों को संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत वैयक्तिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के वैयक्तिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी किये गये हैं. अनुच्छेद 309 भारतीय संसद एवं राज्य विधानमंडलों को शक्ति देता है कि वे लोक सेवाओं के लिए ऐसे नियमों को बनाए एवं लागू करे जो केंद्र या राज्य के मामलों को पूरा करने के लिए आवश्यक पदों के अनुरूप हों.
अनुच्छेद 309 राष्ट्रपति या राज्यपाल को भी इन्हीं उद्देश्यों के लिए संसद या राज्य के विधानमंडलों की ओर से नियम बनाने की शक्ति प्रदान करता है.
भर्ती नियमों की आवश्यकता क्यों?
भर्ती नियमों को इसलिए बनाया गया है क्योंकि जैसे ही किसी नये पद के सृजन का निर्णय लिया जाता है या किसी सेवा का पुनर्गठन किया जाता है तो इन नियमों या सेवा नियमों की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए कोई भी पद जिस पर आवेदन स्वीकार किये गये हैं या कोई सेवा जिसे सृजित किया जा रहा है उनके लिए भर्ती नियमों की आवश्यकता होगी.
भर्ती नियम कैसे बनाए जाते हैं?
ग्रुप ‘ए’ एवं ‘13’ पदों/सेवाओं के लिए भर्ती नियमों को वैयक्तिक एवं प्रशिक्षण विभाग, संघ लोक सेवा आयोग एवं कानून मंत्रालय (विधि निर्माण विभाग) की सलाह और मंत्रालय/विभाग में सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग द्वारा बनाया/संशोधित किया जाता है.
प्रावधानों के अनुसार, सभी भर्ती नियमों, उनके संशोधन समेत, को प्रभारी मंत्री, यदि मंत्री को सामान्य या विशिष्ट आदेशों के अनुरूप इस उद्देश्य हेतु प्रत्यायुक्त किया गया हो, द्वारा अनुमोदित होना चाहिए.
ग्रुप ‘सी’ पदों के लिए, प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग को शक्ति प्रदान की गयी है कि वे विभिन्न मामलों में विभाग के द्वारा जारी आदर्श भर्ती नियमों या दिशा-निर्देशों के अनुरूप भर्ती नियमों को बनाये. यदि व्याप्त दिशा-निर्देशों या आदर्श भर्ती नियमों से किसी भी प्रकार भिन्नता आती है तो वैयक्तिक एवं प्रशिक्षण विभाग की सहमति आवश्यक है.
जब भी ग्रुप ‘सी’ पदों के लिए भर्ती नियमों में छूट की आवश्यकता होती है तो मंत्रालय या विभाग ही ऐसा कर सकता है. सीधी भर्ती के संदर्भ में ऊपरी आयु सीमा में छुट वैयक्तिक एवं प्रशिक्षण विभाग की सहमति के बिना नहीं दी जा सकती.
क्या होते हैं आदर्श भर्ती नियम?
आदर्श भर्ती नियम संघ लोक सेवा आयोग के परामर्श से, जहां भी आवश्यक हो, सामान्य श्रेणी के पदों के लिए बनाये गये हैं. इन पदों के लिए भर्ती नियमों के सृजन या संशोधन के समय आदर्श भर्ती नियमों को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है.
आरक्षण, छूट व भर्ती नियमों में रियायतें
किसी भर्ती अधिसूचना में भर्ती नियमों में आरक्षण एवं छूट निम्नलिखित रक्षात्मक शर्तों के साथ लागू किये जाते हैं:-
“भर्ती नियमों में केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, भूतपूर्व कर्मचारियों एवं अन्य विशेष श्रेणियों के व्यक्तियों के लिए समय-समय पर जारी आदेश किसी भी प्रकारी से भर्ती नियमों को प्रभावित नहीं करेंगे.”
कैसे निर्धारित होती है सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा?
विभिन्न पदों के लिए ऊपरी आयु सीमा वैयक्तिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा निर्देशित दायित्वों की प्रकृति, शैक्षणिक योग्यता एवं आवश्यक अनुभव पर निर्भर करती है. सीर्धी भर्ती के मामले में ऊपरी आयु सीमा में छूट, विशेषतौर पर या विभागीय उम्मीदवार के मामले में, ग्रुप ‘सी’ पदों के लिए 40 वर्ष और सरकारी कर्मचारी के मामले में ग्रुप ‘ए’ ‘बी’ पदों की भर्ती में 5 वर्ष की छूट मान्य है.
संघ लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भर्ती के मामले में आयु सीमा के लिए गणना तिथि को यूपीएससी/एसएससी द्वारा विज्ञापित किया जाएगा. अन्य भर्ती के मामलों में उम्र-सीमा का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण तारीख में भारत में उम्मीदवारों से आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि (और नहीं अंतिम तिथि असम में आदि उन लोगों के लिए निर्धारित) हो जाएगा.
सीधी भर्ती के लिए शैक्षणिक व अऩ्य योग्यता कैसे निर्धारित की जाती है?
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और अनुभव की आवश्यकता दो भागों, अर्थात् "आवश्यक योग्यता" और "वांछनीय योग्यता, जितना संभव हो और यदि आवश्यक हो, भर्ती अधिसूचना में इंगित किया जा सकता है. इसमे वेतन बैंड / ग्रेड पे और कर्तव्यों की प्रकृति, और समान पदानुक्रम और इसी तरह के उच्च निचले पद के लिए अनुमोदित भर्ती नियम में प्रावधान को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है.
हालांकि, आम तौर पर गैर-तकनीकी प्रकृति के पदों पर पदोन्नति के मामले में शैक्षिक योग्यता पर जोर नहीं दिया जाता है; लेकिन वैज्ञानिक और तकनीकी पदों के लिए, इन पर प्रशासनिक दक्षता के हित में, जोर दिया जाता है, कम से कम में वेतन बैंड -3 ग्रेड वेतन (रुपये 6600 और ऊपर) वरिष्ठ ग्रुप ए पदों के मामले में. कभी कभी जूनियर ग्रुप ए पदों ग्रुप बी के पदों के लिए पूर्ण योग्यता पर जोर नहीं दिया जा सकता है, केवल इन मामलों में मूल योग्यता पर जोर दिया जा सकता है.
इसी तरह, जब तक कि वहाँ कोई भी विशिष्ट आधार हैं, सीधी भर्ती के लिए निर्धारित उम्र सीमा पर पदोन्नति के मामले में जोर नहीं दिया जाता है.
क्या होती है नियुक्ति के लिए परिवीक्षा (प्रोबेशन)?
परिवीक्षा का प्रावधान तब होता है जब सीधी भर्ती, एक समूह से दूसरे में पदोन्नति, उदाहरण के लिए ग्रुप 'ए' या अधिकारियों को ग्रुप बी के सेवानिवृत्ति की उम्र से पहले फिर से कार्यरत होना होता है। एक ही समूह के भीतर, जैसे समूह 'ग' समूह 'ग' में पदोन्नति देने के लिए और सेवानिवृत्ति और अवशोषण के बाद अनुबंध के आधार पर नियुक्ति, कार्यकाल आधार, फिर से रोजगार के लिए कोई परिवीक्षा मान्य होगी.
कैसे निर्धारित होती है भर्ती की प्रक्रिया?
भर्ती की प्रक्रिया पांच प्रकार की होती है: पदोन्नति, सीधी भर्ती, प्रतिनियुक्ति, समावेशन, पुन:रोजगार, अल्पकालीन संविदा. भर्ती प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए, रिक्त पदों को विधि द्वारा भरे जाने का प्रतिशत, जो कि विशेष पोस्ट या सेवा के लिए निर्धारित किया हो सकता है कई कारणों में से एक विवेकपूर्ण समावेशन पर निर्भर करता है, इन तथ्यों को ध्यान में रखा जाता है:-
(i) दायित्वों की प्रकृति, शैक्षणिक योग्यता एवं आवश्यक अनुभव.
(ii) कैडर में आवश्यक योग्यता व अनुभव रखने वाले उचित उम्मीदवारों की उपलब्धता.
(iii) यह सुनिश्चित करना कि उपयुक्त प्रोत्साहन संवर्ग में पर्याप्त दक्षता मानकों एवं जरूरत के अनुरूप है;
(Iv) इस प्रश्न को ध्यान में रखना कि, दायित्वों को ध्यान में रखते हुए एक निर्दिष्ट कैडर या सेवा जिसके द्वारा दक्षता पर विचार किया जा रहा है, यह अद्यतन ज्ञान और अनुभव के प्रदान करने के उद्देश्य से एक उचित स्तर पर अधिकारियों के सीधे नियुक्ति के लिए प्रदान करने के लिए आवश्यक है कि नहीं?हो सकता सामान्य रूप से एक विशेष सेवा या विभाग आदि में उपलब्ध हो,
(V) भर्ती के छह तरीकों का उचित मेल अर्थात, सीधी भर्ती, प्रतिनियुक्ति, समावेशन, पुन: रोजगार, और अल्पकालिक अनुबंध.
क्या होती है प्रतिनियुक्ति?
प्रतिनियुक्ति भर्ती करने की एक प्रक्रिया है, जिसमे केन्द्रीय सरकार के विभागों या राज्य / संघ राज्य सरकारों के अधिकारियों को एक सीमित अवधि के लिए नियुक्ति की जाती है, जो उनके अपने मूल कैडर हो सकते हैं. पृथक पदों के मामले में, यह, अन्यथा इस तरह के पदों के उम्मीदवार के रूप में प्रतिनियुक्ति / लघु अवधि के अनुबंध की भर्ती की पद्धति रखने के लिए अगर सीधी भर्ती, पदोन्नति / कैरियर में प्रगति का कोई भी अवसर नहीं होगा, वांछनीय है. प्रतिनियुक्ति के मामले में नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु आवेदन की अंतिम तिथि पर 56 वर्ष है.
क्या होती है अल्पकालीन संविदा?
अल्पकालीन संविदा भी प्रतिनियुक्ति का ही एक रूप है, जहां गैर-सरकारी निकायों, जैसे विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, शिक्षण, अनुसंधान, वैज्ञानिक और तकनीकी पदों के लिए केन्द्रीय सरकार के पदों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों की उम्मीदवारी पर विचार किया जाता है.
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