देश-दुनिया में इंजीनियरिंग की विभिन्न ब्रांचेज में अनेक आकर्षक करियर ऑप्शन्स और जॉब ऑफर्स हमेशा ही उपलब्ध रहेंगे. अगर आपको स्पेस रिसर्च और स्पेस एक्सप्लोरेशन से संबंधित किसी करियर के बारे में पता चले और आपके पास जरुरी स्किल-सेट, टैलेंट के साथ जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी हो फिर तो ‘सोने पे सुहागा’ क्योंकि तब आप भारत में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की फील्ड में कोई मनचाहा करियर शुरु कर सकते हैं. इस आर्टिकल में हम स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सेज और भारत में उपलब्ध बेहतरीन करियर्स से संबंधित सारी जरुरी जानकारी पेश कर रहे हैं.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का परिचय
दरअसल, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की एक ऐसी ब्रांच है जिसका संबंध ‘स्पेस रिसर्च और स्पेस एक्सप्लोरेशन’ से है. यह एक बड़ी दिलचस्प इंजीनियरिंग फील्ड है. इंजीनियरिंग की इस फील्ड में एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट्स की स्टडी और डेवलपमेंट से संबंधित सभी कार्य शामिल होते हैं. भारत में अभी इस फील्ड में काफी विकास कार्य और संभावनाएं शेष हैं. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में हाई-टेक सिस्टम्स की डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग शामिल होती है इसलिए, एयरोस्पेस इंजीनियर्स के पास बेहतरीन मैन्युअल, टेक्निकल, मैकेनिकल टैलेंट और कार्य-क्षमता होनी चाहिए.
एयरोस्पेस इंजीनियर
आमतौर पर एयरोस्पेस इंजीनियर्स विभिन्न मिलिट्री और सिविल एयरक्राफ्ट्स, रॉकेट्स, मिसाइल्स, वेपन सिस्टम्स और सैटेलाइट्स को डिज़ाइन, डवेलप और टेस्ट करते हैं ताकि उनकी परफॉरमेंस को मेंटेन रखा जा सके. ये पेशेवर पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर्स में जॉब ज्वाइन कर सकते हैं. इन पेशेवरों के लिए भारत सहित विदेशों में भी जॉब के अनेक अवसर उपलब्ध हैं जैसेकि ये लोग दुनिया-भर में प्रसिद्ध NASA में भी अपना करियर शुरू कर सकते हैं.
आपको यह जानकर काफी ख़ुशी होगी कि 22 जुलाई, 2019 को चंद्रयान - 2 के सफल लॉन्च के बाद मिनिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (MoHRD), भारत सरकार 29 जुलाई, 2019 से अपने “स्वयं” पोर्टल के माध्यम से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ऑनलाइन कोर्सेज ऑफर करेगी. MoHRD का ‘स्वयं’ पोर्टल एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में 6 ऑनलाइन कोर्स ऑफर करेगा ताकि स्टूडेंट्स को स्पेसक्राफ्ट, एयरक्राफ्ट, मिसाइल्स और वेपन्स सिस्टम्स की डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और मेंटेनेंस के बारे में जानकारी के साथ जरुरी स्किल्स हासिल हो जायें. इन कोर्सेज का विवरण निम्नलिखित है:
- एयरक्राफ्ट स्टेबिलिटी एंड कंट्रोल –IIT कानपुर (ड्यूरेशन 12 सप्ताह)
- डिजाइन ऑफ़ फिक्स्ड विंग अनमैंड एरियल व्हीकल्स – IIT कानपुर (ड्यूरेशन 8 सप्ताह)
- इंट्रोडक्शन और एनशियेंट इंडियन टेक्नोलॉजी – IIT कानपुर (ड्यूरेशन 8 सप्ताह)
- इंट्रोडक्शन ऑफ़ रॉकेट प्रोपल्जन – IIT कानपुर (ड्यूरेशन 12 सप्ताह)
- इंट्रोडक्शन टू एयरोस्पेस इंजीनियरिंग/ फ्लाइट – IIT बॉम्बे (ड्यूरेशन 12 सप्ताह)
- वाइब्रेशन एंड स्ट्रक्चरल डायनामिक्स – IIT खड़गपुर – (ड्यूरेशन 8 सप्ताह)
भारत में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए जरुरी एजुकेशनल और एलिजिबिलिटी
- डिप्लोमा
यह 3 साल की अवधि का कोर्स है और किसी एजुकेशनल बोर्ड से कम से कम 10वीं पास स्टूडेंट्स इस डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
- अंडरग्रेजुएट कोर्सेज
किसी एजुकेशनल बोर्ड से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स सब्जेक्ट्स सहित 12 वीं पास स्टूडेंट्स एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और/ या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में 4 साल की अवधि के बीटेक और बीई कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं.
- पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज
किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से बीटेक/ बीई की डिग्री हासिल करके स्टूडेंट्स एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और/ या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में 2 साल की अवधि के एमटेक/ एमई कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. आप एयरोस्पेस/ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं.
- डॉक्टोरल डिग्री
पीएचडी – एयरोस्पेस इंजीनियरिंग. इस कोर्स की अवधि आमतौर पर 5 – 6 वर्ष है और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग या किसी संबंधित सब्जेक्ट में किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
भारत में इन टॉप इंस्टीट्यूट्स से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के कोर्सेज
अगर आप भारत में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की फील्ड में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल के विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित टॉप इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन ले सकते हैं:
- IIT – बॉम्बे, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस
- अमृता यूनिवर्सिटी
- PEC यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज़
- हिंदुस्तान यूनिवर्सिटी
एयरोस्पेस इंजीनियर्स के लिए जरुरी प्रोफेशनल स्किल्स
इस फील्ड में अपना करियर शुरू करने के लिए पेशेवरों के पास कुछ जरुरी वर्किंग/ प्रोफेशनल स्किल्स होने ही चाहिए ताकि वे अपने करियर में कामयाबी हासिल कर सकें. ये वर्किंग स्किल्स हैं:
- टेक्निकल स्किल्स –इस फील्ड में ज्यादातर काम मैन्युफैक्चरिंग और मेंटेनेंस से संबंधित होता है इसलिए, इन प्रोफेशनल्स के पास बढ़िया टेक्निकल वर्क स्किल्स होने चाहिए.
- प्रोफेशनल स्किल्स –इस फील्ड के लिए कैंडिडेट के पास प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, सिस्टम इंजीनियरिंग और कमर्शियल लॉज़ की अच्छी जानकारी जैसे प्रोफेशनल स्किल्स जरुर होने चाहिए.
- प्रॉब्लम सॉल्विंग एटीट्यूड और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स –एयरोस्पेस इंजीनियर्स के पास बढ़िया प्रॉब्लम सॉल्विंग और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स होने चाहिए क्योंकि इन स्किल्स की सहायता से ये पेशेवर अपने रोज़मर्रा के ऑफिशियल कामकाज के दौरान आने वाली सभी प्रॉब्लम्स का प्रैक्टिकल सॉल्यूशन जल्दी ही तलाश लेंगे.
- मैथ्स मैजिक –ये पेशेवर अपने कामकाज के लिए ट्रिग्नोमैट्री और कैलकुलेशन के साथ-साथ मैथ्स के बेसिक प्रिंसिपल्स का इस्तेमाल करते हैं.
- हरेक डिटेल्स पर हो फोकस करने में माहिर –इस फील्ड में कोई भी गलती हो जाने से काफी अधिक मात्रा में जान-माल का नुकसान हो सकता है इसलिए. इन पेशेवरों को अपने प्रोजेक्ट्स तैयार करते समय छोटे से छोटे पॉइंट्स का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए.
- मानसिक शक्ति –इस फील्ड में कामयाबी की पहली शर्त ही मानसिक शक्ति और दिमाग की स्थिरता है ताकि अजीबोगरीब हालात का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके.
- पर्सनैलिटी ट्रेट्स –इस फील्ड में सफलता पाने के लिए कैंडिडेट्स में जोश, कुछ नया सीखते रहने की इच्छा और काबिलियत, जिज्ञासा, सहनशक्ति और एडजस्टमेंट जैसे गुण होने चाहिए.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग: टॉप इंडियन जॉब प्रोवाइडर्स
भारत में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की फील्ड से संबंधित जॉब्स के लिए पेशेवर निम्नलिखित सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
- इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO)
- मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स, भारत सरकार
- डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO)
- नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेट्रीज (NAL)
- हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
- इंडियन एयरफोर्स
- इंडियन एयरलाइन्स/ एयर इंडिया
- सिविल एविएशन डिपार्टमेंट
- कॉर्पोरेट रिसर्च कंपनियां
- टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स
- तनेजा एयरोस्पेस
- महिंद्रा एयरोस्पेस
- एविएशन कंपनियां
- एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी
- एयरोस्पेस एंड एयरोइंजन कंपनियां
- पवन हंस हेलीकाप्टर्स
- टीम इंडस
- एयरबस
- अर्थ टू ऑर्बिट
- बोइंग
- L&T
भारत में एयरोस्पेस इंजीनियर्स के लिए उपलब्ध करियर्स
हमारे देश में एयरोस्पेस इंजीनियर्स निम्नलिखित करियर ऑप्शन्स या जॉब प्रोफाइल्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
- मैकेनिकल डिज़ाइन इंजीनियर
- थर्मल डिज़ाइन इंजीनियर
- ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी
- एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन मैनेजर
- एयरोस्पेस इंजीनियर
- सीनियर एयरोस्पेस इंजीनियर
- थर्मल एयरोस्पेस इंजीनियर
- एयरोस्पेस डिज़ाइन चेकर
- एयरोस्पेस टेक्नोलॉजिस्ट
- असिस्टेंट टेक्निकल ऑफिसर
- कंसलटेंट
भारत में एयरोस्पेस इंजीनियर्स का सैलरी पैकेज
भारत में इस फील्ड में फ्रेशर कैंडिडेट्स को आमतौर पर 4 लाख – 6 लाख का सालाना सैलरी पैकेज मिलता है. किसी सुप्रसिद्ध IIT से ग्रेजुएट एयरोस्पेस इंजीनियर्स को 15 लाख रुपये तक सालाना का एवरेज सैलरी पैकेज भी मिल सकता है. भारत के सरकारी क्षेत्र के साथ प्राइवेट सेक्टर्स में भी इस फील्ड के प्रोफेशनल्स को काफी आकर्षक सैलरी पैकेज सालाना दिया जाता है.
अगर आपको भी स्पेस रिसर्च और स्पेस एक्सप्लोरेशन की फ़ील्ड्स में दिलचस्पी है और आपके पास बेहतरीन मैथमेटिक्स, टेक्निकल और मैकेनिकल स्किल्स हैं तो आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की फील्ड में सूटेबल डिग्रीज़ लेकर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से संबंधित जॉब/ करियर ऑप्शन्स चुनकर देश की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. ऑल दी वैरी बेस्ट!
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