इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए एनवायरनमेंटल साइंस के कोर्सेज और करियर स्कोप

इन दिनों भारत में भी नेचर लवर्स के लिए एनवायरनमेंटल साइंस में अनेक बेहतरीन करियर ऑप्शन्स उपलब्ध होने के साथ ही करियर ग्रोथ की भी काफी संभावना है. इस बारे में अधिक जानकारी के लिए जरुर पढ़ें यह आर्टिकल.  

Environmental Science: Career Options and Prospects of Career Growth
Environmental Science: Career Options and Prospects of Career Growth

इन दिनों विश्व ग्लोबल वॉर्मिंग, कई देशों के जंगलों में लगने वाली आग, दुनिया-भर के अधिकतर देशों में जंगलों के क्षेत्र में लगातार कमी और कई पशु-पक्षियों की नस्लों के हमारे प्लानेट से गायब होने के खतरे से जूझ रहा है जिसके मद्देनजर अब हमें एनवायरनमेंट साइंस का महत्व और योगदान बड़ी आसानी से समझ में आने लगा है. देश-दुनिया में नेचुरल रिसोर्सेज के अत्यधिक दोहन ने इस प्रॉब्लम को काफी पेचीदा बना दिया है. हालांकि विश्व स्तर पर  प्रत्येक वर्ष 05 जून को ‘वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे’ मनाया जाता है ताकि हमारी पृथ्वी के इस नेचुरल एनवायरनमेंट को मानव समाज की हानिकारक और गैर-ज़िम्मेदाराना एक्टिविटीज़ से बचाया जा सके. अनेक वर्षों से हमारा देश भारत भी एनवायरनमेंटल डीग्रेडेशन की प्रॉब्लम से जूझ रहा है. इसलिए, इन दिनों भारत में भी एनवायरनमेंटल साइंस में कई आकर्षक करियर ऑप्शन्स मौजूद हैं. हमारे देश में इस फील्ड में करियर स्कोप भी काफी आशाजनक हैं. इसलिए, इस आर्टिकल के माध्यम से भारत में एनवायरनमेंटल साइंस में उपलब्ध विभिन्न करियर्स और करियर स्कोप की चर्चा इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए की जा रही है. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:

भारत के लिएएनवायरनमेंटल साइंस’ का महत्त्व      

यह साइंस की एक ऐसी फील्ड है जिसमें एनवायरनमेंट की विभिन्न समस्याओं के लिए समाधान तलाशे जाते हैं. एनवायरनमेंटल साइंस के तहत बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, जियोलॉजी, जियोग्राफी और इनफॉर्मेशन साइंस की संबंधित फ़ील्ड्स का इस्तेमाल किया जाता है. कुल मिलाकर अर्थ प्लानेट पर साइंस के विभिन्न कंपोनेंट्स और प्रोसेसेज के प्रभाव की स्टडीज़ ही एनवायरनमेंटल साइंस का प्रमुख आस्पेक्ट है. दूसरे शब्दों में, हमारे अर्थ प्लानेट पर लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण, हमारे अर्थ प्लानेट के एटमॉसफेयर और एनवायरनमेंट पर प्रेशर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वास्तव में, पूरे विश्व की 7.7 अरब जनसंख्या के जीवन के लिए जरुरी 3 बेसिक नीड्स – फ़ूड, क्लोथ्स एंड शेल्टर को पूरा करने में अर्थ प्लानेट का नेचुरल एनवायरनमेंट लगातार नष्ट हो रहा है और इस एनवायरनमेंट को बचाने और सुरक्षित रखने का काम एनवायरनमेंटल साइंस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.

इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए एनवायरनमेंटल साइंस के कोर्सेज और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

सर्टिफिकेट कोर्सेज – एनवायरनमेंटल साइंस

स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से अपनी 12वीं क्लास साइंस स्ट्रीम में पास की हो. इन कोर्सेज की अवधि 6 महीने से 1 वर्ष तक हो सकती है.

ग्रेजुएशन लेवल कोर्सेज:

  • बीएससी/ बीई/ बीटेक – एनवायरनमेंटल साइंस - स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से अपनी 12वीं क्लास साइंस स्ट्रीम में पास की हो. इन कोर्सेज की अवधि 3 वर्ष है.

पोस्टग्रेजुएशन लेवल कोर्सेज:

  • एमएससी/ एमई/ एमटेक एनवायरनमेंटल साइंस  स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से साइंस स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो. इन कोर्सेज की अवधि 2 वर्ष है.

डॉक्टोरल कोर्सेज:

  • एमफिल – एनवायरनमेंटल साइंस –स्टूडेंट्स के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से साइंस की स्ट्रीम में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हो. इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है.
  • पीएचडी – एनवायरनमेंटल साइंस –स्टूडेंट्स के पास एमफिल की डिग्री हो और इस कोर्स की अवधि 3 – 5 वर्ष है.

एनवायरनमेंटल साइंस के कोर्सेज करवाने वाले टॉप इंडियन इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज़  

•    इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंसेज, बैंगलोर
•    इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुंबई/ खड़गपुर
•    वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया, उत्तरांचल
•    बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, मुंबई
•    इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली  
•    जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
•    अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
•    दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, दिल्ली
•    अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश

इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए एनवायरनमेंटल साइंस में करियर स्कोप

आइये अब एनवायरनमेंटल साइंस की फील्ड में उपलब्ध विभिन्न करियर ऑप्शन्स का जिक्र करें:

  • एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट

ये पेशेवर नेचुरल रिसोर्सेज को बचाने के लिए और इन रिसोर्सेज के अधिकतम इस्तेमाल के लिए सरकार या विभिन्न कंपनियों/ एजेंसियों द्वारा निर्धारित एनवायरनमेंटल गोल्स हासिल करने के लिए काम करते हैं. ये पेशेवर अर्थ प्लानेट के एनवायरनमेंट को सुरक्षित रखने के लिए ग्लोबल क्लाइमेट चेंज के असर, अल्टरनेटिव रिसोर्सेज एंड नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट और पोल्यूशन कंट्रोल आदि से संबंधित विभिन्न एक्टिविटीज़ और स्टडीज़ करते हैं.  

  • एनवायरनमेंटल इंजीनियर

सिविल, केमिकल, जनरल इंजीनियरिंग या एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में डिग्री होल्डर स्टूडेंट्स एक एनवायरनमेंटल इंजीनियर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं. इन पेशेवरों का प्रमुख काम एनवायरनमेंट के अनुकूल इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स तैयार करना होता है.

  • एनवायरनमेंटल जर्नलिस्ट

ये पेशेवर नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर विभिन्न एनवायरनमेंटल इश्यूज के बारे लोगों को जागरुक बनाते हैं. ये लोग देश-विदेश के एनवायरनमेंट से संबंधित न्यूज़-व्यूज़, रिपोर्टिंग और स्टोरी-टेलिंग को प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचारित-प्रसारित करते हैं.

  • एनवायरनमेंटल कंसलटेंट

ये पेशेवर अपने क्लाइंट्स और/ या कंपनी को एनवायरनमेंट फ्रेंडली सलाह देते हैं ताकि हवा, पानी या भूमि प्रदूषण तथा क्लाइमेट चेंज को रोका जा सके और रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम/ प्रोजेक्ट्स और प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जा सके.

  • एनवायरनमेंटल मैनेजर

ये पेशेवर प्राइवेट, पब्लिक और वोलंटरी सेक्टर ऑर्गेनाइजेशन्स की एनवायरनमेंटल जिम्मेदारियों को पूरा करने से संबंधित सभी काम करते हैं. ये पेशेवर स्थाई विकास के लिए स्ट्रेटेजीज़ बनाते और लागू करते हैं.

भारत में एनवायरनमेंटल साइंस के अन्य विशेष करियर्स

•    फ़ॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ मैनेजर
•    एनवायरनमेंटल बायोलॉजिस्ट
•    एनवायरनमेंटल मॉडलर
•    एनवायरनमेंटल टेक्नीशियन
•    एनवायरनमेंटलिस्ट
•    प्रोफेसर
•    रिसर्च असिस्टेंट
•    वाटर रिसोर्स मैनेजर
•    ओशनोग्राफर
•    हाइड्रोलॉजिस्ट
•    अर्बोरिस्ट/ फ़ॉरेस्ट कार्बन स्पेशलिस्ट
•    एजुकेशन ऑफिसर
•    नेचर कंजरवेशन ऑफिसर
•    रीसाइक्लिंग ऑफिसर
•    वेस्ट मैनेजमेंट ऑफिसर
•    प्लांट ऑपरेटर
•    लैब टेक्नीशियन
•    एयर एमिशन टेस्टर
•    विंड पॉवर एनालिस्ट

यहां आपको बता दें कि एनवायरनमेंटल साइंस में डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के अनेक विभागों जैसेकि, एग्रीकल्चर, वाटर रिसोर्सेज, विंडमिल, इकोलॉजी, बायोइनफॉर्मेटिक्स, जूलॉजी, क्लाइमेटोलॉजी, आर्कियालॉजी, अर्बन प्लानिंग, फ़ॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट, पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड्स, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट्स में काम कर सकते हैं.

इसी तरह, भारत के विभिन्न कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज़, एनजीओज़, फर्म्स, इंडस्ट्रीज़, डिस्टिलरीज़, फ़र्टिलाइज़र प्लांट्स, माइंस, रिफाइनरीज़, टेक्सटाइल मिल्स और पब्लिक एंड प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस में भी एनवायरनमेंटल साइंस की फील्ड से संबंधित विभिन्न जॉब प्रोफाइल्स पर ये प्रोफेशनल काम कर सकते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर IPCC (इंटर-गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज), UNEP (यूनाइटेड नेशन्स एनवायरनमेंट प्रोग्राम), अर्थ सिस्टम गवर्नेंस प्रोजेक्ट और एम्बेसी जॉब्स के साथ ही एनवायरनमेंट से संबंधित अन्य इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन्स में भी इन प्रोफेशनल्स के लिए कई करियर ऑप्शन्स और करियर ग्रोथ के अवसर मौजूद हैं.

इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए एनवायरनमेंटल साइंस का सैलरी पैकेज

हमारे देश में इस फील्ड में काम करने वाले वर्कर्स के सैलरी पैकेज पर उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स, वर्क एक्सपीरियंस, वर्किंग लोकेशन और संबंधित कंपनी आदि का सीधा असर पड़ता है. इस फील्ड में किसी फ्रेशर को अपने करियर की शुरुआत में एवरेज 3-4 लाख रुपये सालाना मिलते हैं. इस फील्ड में कुछ वर्षों के अनुभव के बाद प्रोफेशनल्स एवरेज 6-8 लाख रुपये सालाना तक कमा सकते हैं. हायर लेवल की नेशनल-इंटरनेशनल कंपनियों और इंस्टीट्यूशन्स में इन प्रोफेशनल्स को अपने टैलेंट और एजुकेशनल स्किल्स के मुताबिक और भी बढ़िया सैलरी पैकेज सालाना मिलता है.

जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.

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