रेलवे में गुड्स गार्ड का पद काफी महत्वपूर्ण लेकिन चुनौतीपूर्ण होता है. टेक्निकल टर्म में गुड्स गार्ड किसी ट्रेन का इंचार्ज होता है. गुड्स गार्ड को सुनिश्चित करना होता है किसी रेलवे स्टेशन से ट्रेन स्टेशन मास्टर ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डिपार्चर के लिए अनुमति दे दी है. रेलवे गुड्स गार्ड को ट्रेन के ड्राइवर की निगरानी में ट्रेन को रोकने एवं कभी-कभी चलाना भी पड़ता है. आपात स्थिति में गार्ड ट्रेन ड्राइवर को आगे बढ़ने की लिखित अनुमति देता है. गार्ड रेल के सबसे आखिरी डिब्बे होता है और उसके पास इमरजेंसी ब्रेक सिस्टम भी होता है.
हालाँकि रेलवे में गुड्स गार्ड का वर्क मुश्किलों से भरा भी होता है...किसी ट्रेन के सबसे आखिर में वर्क-प्लेस जो कि गर्मी के दिनों बहुत उमस से भरा होता है और बारिश के दिनों में कभी-कभी पानी टपकने वाली छत के नीचे काम करने वाला होता है. कोई वाटर फैशिलिटी नहीं, घंटों अकेले सफर में बने रहना, ये सब होती है रेलवे में किसी गुड्स गार्ड की दिनचर्या. इंडियन रेलवे में गुड्स गार्ड की नौकरी सबसे कठिन जॉब्स में से एक होती है.
रेलवे में गार्ड की जॉब में जरूरत होती है कठिन परिस्थितियों में साहस एवं धैर्य बनाए रखने की, इसलिए रेलवे गुड्स गार्ड की नौकरी की आकांक्षा रखने वाले उम्मीदवारो के लिए आवश्यक है कि उनके अंदर अनुशासन, धैर्य, जिम्मेदारी, पंक्चुअलिटी, कमिटमेंट, ऑनेस्टी, करेज और इन सबसे अधिक सेल्फ-कॉन्फिडेंस होना बहुत जरूरी है.
कैसे मिलती है रेलवे गुड्स गार्ड की नौकरी?
रेलवे गुड्स गार्ड की भर्ती देश के अलग-अलग क्षेत्रों में फैले विभिन्न रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड्स (आरआबी) के द्वारा समय-समय पर की जाती है. इन वेकेंसियों की विज्ञापन इम्प्लॉयमेंट न्यूज और डेली न्यूजपेपर्स में निकाला जाता है. आजकल तमाम सरकारी नौकरी वेबसाइट, मोबाइल अप्लीकेशन भी आपको रलवे में निकली वाली सरकारी नौकरियों के लिए अपडेट करते रहते हैं.
रेलवे गुड्स गार्ड बनने के लिए क्या चाहिए योग्यता?
शैक्षणिक योग्यता: रेलवे में गुड्स गार्ड बनने के लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी विषय में बैचलर्स डिग्री या ग्रेजुएट होना चाहिए. इसके अतिरिक्त इंस्टीट्यूट ऑफ रेल ट्रांसपोर्ट, रेल भवन, नई दिल्ली द्वारा संचालित रेल ट्रांसपोर्ट (कंटेनराइजेशन) में डिप्लोमा रखने वाले उम्मीदवारों को प्रीफ्रेंस दिया जाता है.
आयु सीमा: रेलवे में गुड्स गार्ड बनने के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 33 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को केद्र सरकार के नियमानुसार छूट भी दी जाती है.
दृष्टि: रेलवे में गुड्स गार्ड के लिए आवश्यक है कि उम्मीदवारों की बिना चश्में के दूर दृष्टि 6/9 और निकट दृष्टि एसएन:0.6 बिना चश्में के होनी चाहिए.
कैसे होता है रेलवे गुड्स गार्ड का सेलेक्शन?
रेलवे में गुड्स गार्ड बनने की चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा का होती है. लिखित परीक्षा में जनरल नॉलेज, एप्टीट्यूड, मैथमेटिक्स एवं जनरल इंग्लिश से संबंधित कुल 150 प्रश्न होते हैं. लिखित परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को संबंधित रेलवे बोर्ड के जोनल ट्रेनिंग स्कूल में और फिर किसी निर्धारित रेलवे स्टेशन पर ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है.
कितनी मिलती है रेलवे गुड्स गार्ड को सैलरी और एलाउंसेस?
रेलवे में गुड्स गार्ड की नियुक्ति सातवें वेतन आयोग के अनुसार लेवल-5 पर की जाती है जो कि छठें वेतन आयोग के पे-बैंड रु.5200-20200 + ग्रेड पे 2800 के समकक्ष होती है. नियुक्ति के समय रेलवे गुड्स गार्ड की बेसिक पे रु.29200 होती है. इसके अतिरिक्त रेलवे गुड्स गार्ड को डियरनेस एलाउंस, हाउस रेंट एलाउंस, सिटी कंपेंसेट्री एलाउंस, नाइट ड्यूटी एलाउंस, रनिंग एलाउंस, आदि लाभ दिये जाते हैं.
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