सही एमबीए प्रोग्राम चुनने के 10 आसान स्टेप्स

पिछले कुछ वर्षों से  मैनेजमेंट प्रोग्राम काफी लोकप्रिय प्रोग्राम बनता जा रहा है. अधिकांश छात्र ग्रेजुएशन की डिग्री के बाद मैनेजमेंट प्रोग्राम का चयन कर रहे हैं.छात्रों तथा माता-पिता एवं अभिभावकों की ऐसी मान्यता है कि अच्छी सैलरी और सुनहरे करियर के लिए एमबीए एक सही ऑप्शन है.

10 Step Guide To Choosing the Right MBA Program
10 Step Guide To Choosing the Right MBA Program

पिछले कुछ वर्षों से  मैनेजमेंट प्रोग्राम काफी लोकप्रिय प्रोग्राम बनता जा रहा है. अधिकांश छात्र ग्रेजुएशन की डिग्री के बाद मैनेजमेंट प्रोग्राम का चयन कर रहे हैं.छात्रों तथा माता-पिता एवं अभिभावकों की ऐसी मान्यता है कि अच्छी सैलरी और सुनहरे करियर के लिए एमबीए एक सही ऑप्शन है. यह बात तो बिलकुल सही है कि करियर में फास्ट ग्रोथ के लिए मैनेजमेंट बिलकुल उपयुक्त करियर ऑप्शन है लेकिन इसके लिए छात्रों को सही एमबीए प्रोग्राम तथा उसके स्कोप के बारे में पता होना चाहिए. उन्हें हर हाल में अपने लिए एक सही एमबीए प्रोग्राम का चयन करना चाहिए तभी उनका या फिर उनके माता-पिता का सपना पूरा हो सकेगा.

मार्केट,स्कूल,कॉलेज,इंस्टीट्यूट तथा यूनिवर्सिटी में एमबीए प्रोग्राम्स की भरमार है. ऐसे में अपने लिए किसी उपयुक्त एमबीए प्रोग्राम का चयन वाकई मुश्किल काम हो जाता है और उस दौरान कन्फ्यूजन स्वाभाविक है.

इसलिए छात्रों को इस विषय में पर्याप्त और सही जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से एमबीए प्रोग्राम चुनते समय जरुरी 10 बातें जिनका ध्यान उन्हें रखना चाहिए, का वर्णन नीचे किया जा रहा है ताकि उन्हें अपने मनपसंद और भावी जीवन में प्रगति दिलाने वाले कोर्स के चयन में कोई परेशानी न हो-

चरण 1: मान्यता / मान्यता प्राधिकरण

प्रवेश लेने से पहले कॉलेज / स्कूल के प्रमाणीकरण की जांच करना सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक पहलू है.यदि आप किसी बहुत बड़े कॉलेज में बहुत अधिक रकम देकर तथा 2 साल तक कठिन परिश्रम कर एमबीए की डिग्री हासिल करते हैं और बाद में आपको पता चले कि मार्केट में आपके डिग्री की वैल्यू नहीं है तो सोचिए कि आपको इस बात का कितना पछतावा होगा कि मैंने एडमिशन लेने से पहले इसकी जाँच क्यों नहीं की ? इसलिए हमेशा एमबीए में एडमिशन लेने से पहले स्कूल या कॉलेज की मान्यता तथा उसके डिग्री की वैलिडिटी की जाँच अवश्य करें. जिस कॉलेज या इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने जा रहे हैं उसके पूर्व छात्रों से भी इस विषय में बात करें. पूरी तरह छानबीन करने के बाद ही एडमिशन लें. इस सन्दर्भ में दो बातों का ख्याल रखें

1. एआईसीटीई मान्यता :

यह उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत टेक्निकल एजुकेशन के लिए एक वैधानिक निकाय और राष्ट्रीय स्तर की परिषद है. एआईसीटीई अपने चार्टर के अनुसार भारतीय संस्थानों में विशिष्ट श्रेणियों के तहत ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स को मान्यता देता है. इसलिए इस बात की अवश्य जाँच करें कि आप जहां एडमिशन ले रहे हैं वह इंस्टीट्यूट एआईसीटीई से अप्रूव्ड है या नहीं.

2. एआईयू : ( एसोसियेशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज)

एसोसियेशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज एक नोडल एजेंसी है जो मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालयों / संस्थानों द्वारा प्रदान की गई डिग्री को एकेडमिक इक्वीवैलेंस (एकेडमिक रूप से समकक्ष) की मान्यता देता है. इसलिए सरकारी वेबसाइट के जरिये आपके द्वारा चुने गए इंस्टीट्यूट को इससे मान्यता मिली है या नहीं इसकी पूरी तरह से जाँच कर लें.

चरण 2: कॉलेज / इंस्टीट्यूट का स्थान

ग्लोबलाइजेशन की वजह से अब एमबीए प्रोग्राम्स कराने वाले इंस्टीट्यूट्स देश तथा विदेश के कोने कोने में उपलब्ध हैं. इसलिए अपने लोकेशन की गहराई से विश्लेषण करें और यह जानने कि कोशिश करें कि आप जहां जा रहे हैं वहां का प्लेसमेंट रिकॉर्ड क्या है तथा भविष्य में करियर की क्या संभावनाएं हैं?

चरण 3: प्रवेश सांख्यिकी (एडमिशन स्टेटिसटिक्स)

कन्फ्यूज होने की बजाय आपको यह सलाह दी जाती है कि आप जिस इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना चाहते हैं उसके एडमिशन कट ऑफ और अपने मार्क्स की तुलना करते हुए यह जानने का प्रयास करें कि किस कैटेगरी में आपको एडमिशन मिल सकता है और उसी दिशा में प्रयास करें अन्यथा आपके सारे प्रयास असफल सिद्ध होंगे.

चरण 4: कार्यक्रम की उपलब्धता और रैंकिंग

प्रत्येक बी-स्कूल के पास एक यूनिक और अलग करिकुलम होता है, कुछ ग्लोबल इंटर्नशिप प्रदान करते हैं, कुछ सामान्य प्रबंधन, तकनीकी कौशल जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों पर जोर देते हैं. एडमिशन लेकर आगे बढ़ने से पहले, अपनी आवश्यकताओं और कोर्सेज के विषय को जानने तथा उसका विश्लेषण करने में कुछ समय व्यतीत करें. बिना किसी डाउट्स के इस बात पर गौर करें कि एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद आखिर आप क्या बनना चाहते हैं ? बेहतर जॉब तथा भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने प्रोग्राम तथा इंस्टीट्यूट की रैंकिंग को जानना बहुत महत्वपूर्ण है. एक बात ध्यान रखिये कि हम सिर्फ ओवरऑल रैंकिंग की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि आपको यह भी जानना होगा कि वह बी स्कूल किस स्टडी या प्रोग्राम विशेष के क्षेत्र में अपनी रैंकिंग रखता है ?

 

चरण 5: छात्रों का अनुभव

पिछले वर्ष के छात्रों और पूर्व छात्रों की तुलना में किसी भी कार्यक्रम की स्पष्ट तस्वीर को कोई भी चित्रित नहीं कर सकता है. पिछले वर्ष के छात्रों से किसी विशेष प्रोग्राम के बारे में और जानने के लिए उनसे बातचीत करें. उनसे उनके अनुभव, ज्ञान वृद्धि, रिक्रूटमेंट प्रोसेस और बिजनेस स्कूल के बारे में विस्तृत रूप से पूछें.

सोशल मीडिया के जरिये पूर्व छात्रों के साथ बातचीत करना अब मुश्किल नहीं है.आप आसानी से अपने फेसबुक, लिंक्डइन और ट्विटर प्रोफाइल से उनका पता लगा सकते हैं.

चरण 6: फैकल्टी पर भी विचार करें

एक अच्छी फैकल्टी एक अच्छा लीडर और मैनेजर के निर्माण में मदद करती है. सीखने और सही मार्गदर्शन के लिए फैकल्टी के विषय में जानना अति आवश्यक है. इसके लिए आप कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर  फैकल्टी की प्रोफाइल के बारे में सावधानी से पढ़ें. आखिरकार फैकल्टी ही आपको सारे इंडस्ट्री स्किल्स सिखाएगी.इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है तथा आप इस तथ्य को गंभीरता से लें. छात्र के भविष्य निर्माण में फैकल्टी की भूमिका अद्वितीय होती है.

चरण 7:  वहां के माहौल तथा कल्चर को जानें

विभिन्न भौगोलिक संस्कृतियों के कारण हर जगह कुछ न कुछ विभिन्तायें पाई जाती हैं.एडमिशन लेकर पढ़ाई की शुरुआत करने से पहले आपको बी स्कूल्स के माहौल तथा कल्चर के विषय में जानने की जरुरत होती है.इससे आपको नए माहौल,कल्चर तथा पर्यवारण में सामंजस्य बैठाने में सुविधा होगी तथा आप बिना किसी कठिनाई के अध्ययन कर सकेंगे. आप पहले से ही उस जगह के बारे में रिसर्च कर वहां के खान पान,प्रथाओं तथा मौसम आदि के विषय में जान सकते हैं. यदि एक नार्थ का स्टूडेंट साउथ में स्टडी करने जाता है तो उसे थोड़ा बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है और यही बात अगर साउथ का कोई स्टूडेंट्स नॉर्थ में पढ़ने जाता है तो उस पर भी लागू होती है.

चरण 8:  लर्निंग मॉडल

प्रत्येक कॉलेज या इंस्टीट्यूट भिन्न भिन्न प्रोग्राम्स के लर्निंग मॉडल के तहत विषय को समझाने के उद्देश्य से कई तरह के प्रोटोकॉल जैसे लेक्चर्स,केस स्टडीज, गेस्ट स्पीकर्स,फील्ड प्रोग्राम्स,गेस्ट प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप आदि का पालन करते हैं.इसलिए आप सबसे पहले यह पता लगाएं कि कौन सी विधि आपके लिए सबसे अच्छी तरह से काम करती है और उसके अनुरूप अपने बी स्कूल का चयन करें. इन दिनों, सभी बी-स्कूल / इंस्टीट्यूट आमतौर पर पमैनेजमेंट की शिक्षा प्रदान करने के व्यावहारिक तरीके पर भरोसा करते हैं. आप यूट्यूब वीडियो देख सकते हैं और इन इंस्टीट्यूट्स / बी-स्कूलों द्वारा जारी कुछ सूचनात्मक पत्रिकाओं को पढ़ सकते हैं ताकि उनके द्वारा अपनाई गई लर्निंग मॉडल की जानकारी आपको हो सके.

चरण 9: वित्तीय सहायता

स्कॉलरशिप,लोन असिस्टेंस और फेलोशिप जैसे वित्तीय सहायता कार्यक्रम का बी स्कूल का चयन करने में एक महत्वपूर्ण रोल होता है.कुछ बी-स्कूल प्रोग्राम के दौरान व्यावसायिक प्रतियोगिताओं या क्षेत्र आधारित काम के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं.अपनी वित्तीय जरूरतों तथा स्कॉलरशिप द्वारा प्रदान की गयी राशि तथा इसे प्राप्त करने के तरीकों और इसमें होने वाली परेशानियों को समझते हुए इस विषय पर गहराई से चिंतन करते हुए अपने बी स्कूल का चुनाव करें.

चरण 10 : प्लेसमेंट

अंततः सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आप शॉर्टलिस्टेड कॉलेजों / इंस्टीट्यूट्स / बी-स्कूलों के प्लेसमेंट रुझानों की जांच करें. आखिर एमबीए की पढ़ाई का मकसद क्या है ? एक अच्छे प्लेसमेंट के लिए ही तो हम इतनी मेहनत करते हैं.

आम तौर पर अच्छे बी-स्कूल प्लेसमेंट पैकेज के साथ अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर प्लेसमेंट आंकड़े प्रदान करते हैं. कुछ कॉलेजों ने तो छात्रों के प्लेसमेंट प्रोफाइल को अपने सोशल मीडिया पेज पर भी शेयर करने का अभ्यास शुरू कर दिया है. किसी भी स्पेशलाइज्ड स्टडी या प्रोग्राम का महत्व तभी है जब उससे अधिक से अधिक स्टूडेंट्स प्लेसमेंट पा सकें तथा अधिकांश कम्पनियां उस विषय के ग्रेजुएट्स को हायर करना चाहें.

साथ ही आप यह भी समझने की कोशिश करें कि कुछ लिमिटेड जॉब्स के लिए कई वेंचर्स आते हैं तथा कई बी स्कूल्स भी इसमें भागीदार होते हैं और सभी का प्रयास उस जॉब को लेने की होती है. इस प्रयास में कोई पीछे नहीं हटना चाहता है. इसलिए किसी बी स्कूल के चयन में प्लेसमेंट एक मुख्य फैक्टर है. 

हम उम्मीद करते हैं कि ऊपर बताये गए सभी सुझाव तथा तथ्य स्टूडेंट्स के करियर ग्रोथ से जुड़े उनकी आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करने में मददगार साबित होंगे.

एक उपयुक्त एमबीए प्रोग्राम चुनने में अपने साथी मित्रों की मदद करने के लिए इस आर्टिकल को शेयर करना ना भूलें. आप इस विषय में अपना विचार या अनुभव कमेन्ट बॉक्स में लिखकर पोस्ट कर सकते हैं.

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