आजकल पूरी दुनिया में सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स स्टूडेंट्स सहित उन सभी लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आजकल सभी लोग इन नेटवर्किंग साइट्स पर बड़ी संख्या में रोजाना व्यस्त रहते हैं. लेकिन जहां ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स स्टूडेंट्स सहित अन्य सभी यूजर्स को ढेरों फायदे देते हैं, इनकी कुछ ऐसी प्रमुख कमियां भी हैं जिन्हें नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है. हम लोग आजकल अपने फेसबुक अकाउंट, वर्ड्सएप और इन्स्टाग्राम आदि पर रोज़-रोज़ अपना लेटेस्ट स्टेटस अपडेट करते रहते हैं. लेकिन, तब बहुत मुसीबत में पड़ जाते हैं जब लोग हमारी किसी पोस्ट को लेकर हमें ट्रोल करना शुरू कर दें. अगर आपकी सोशल मीडिया प्रजेंस है और आप इसके काफी एक्टिव यूजर हैं तो आपको आज या कल ट्रोल किया जा सकता है. ट्रोलिंग अब सोशल मीडिया परिवेश का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है जिसका शिकार देश-दुनिया के सेलिब्रिटीज़ तो रोज़ाना ही होते हैं लेकिन कोई साधारण व्यक्ति भी इनसे लंबे समय तक नहीं बच सकता है. बहुत बार ये ट्रोल्स आपको अनचाही परिस्थितियों में धकेल देते हैं. हरेक व्यक्ति सार्वजनिक मजाक बनाये जाने को सकारात्मक तौर पर नहीं ले सकता और बड़ी आसानी से निराशा का शिकार बन जाता है. कई बार किसी व्यक्ति को इससे बहुत चोट पहुंचती है और वह आत्महत्या की कोशिश भी कर बैठता है. हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जहां स्टूडेंट्स सहित अन्य कई ट्रोलिंग का शिकार हुए लोगों ने ऐसी किसी घटना का शिकार होने पर बहुत अधिक मानसिक पीड़ा झेली है क्योंकि वे उस घटना से जुड़ी शर्मिंदगी नहीं उठा सके और हमेशा के लिए अवसाद और निराशा के गहरे गड्ढे में गिर गये. इस आर्टिकल में कुछ ऐसे असरदार टिप्स आपके लिए पेश हैं जिन्हें फ़ॉलो करके आप इस ट्रोलिंग का आसान शिकार बनने से खुद को ब्खुनी बचा सकते हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की यह है मुख्य वजह
अधिकांश लोग केवल मनोरंजन या मजाक उड़ाने के लिए ट्रोल करते हैं. बहुत से लोग अपनी ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. ट्रोल्स अक्सर बड़े ब्रांड्स और मशहूर व्यक्तियों को ही अपना शिकार बनाते हैं. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि केवल मशहूर व्यक्ति ही ट्रोल का शिकार बनते हैं. असल में, उनके ट्रोल्स पर सबका ध्यान बहुत जल्दी जाता है और बड़े पैमाने पर समाचारों में उन्हें शामिल किया जाता है. हकीकत तो यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को कोई भी ट्रोल कर सकता है. चिंता की बात तो यह है कि युवा कॉलेज छात्र इस ट्रेंड में जकड़ गये हैं और वे अपने दोस्तों तथा सहपाठियों को अपना शिकार बना रहे हैं. यह समस्या तब गंभीर रूप से सामने आती है जब ट्रोल का शिकार बना व्यक्ति इस पोस्ट से शर्मिंदगी महसूस करता है और फिर उस पीड़ा से उबर नहीं पाता है. इसके काफी गंभीर परिणाम सामने आते हैं और छात्र अवसाद के शिकार बन जाते हैं या उनके आत्म-सम्मान को काफी चोट पहुंचती है. ऐसे मामले इस बात की आवश्यकता पर बल देते हैं कि युवा छात्रों को इंटरनेट ट्रोल्स के निपटने के तरीके पता होने चाहियें. हम इस आर्टिकल में आपकी सहूलियत के लिए कुछ उपयोगी टिप्स पेश कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग से बचने के कुछ असरदार टिप्स
जहां तक हो सके, इग्नोर करें ट्रोलिंग
ट्रोल्स से निपटने का सबसे अच्छा एक तरीका तो यह है कि आप इन्हें नज़रंदाज़ करें. याद रखें कि जो आपको ट्रोल कर रहे हैं, वे आपका ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते हैं. अक्सर वे आपको गुस्सा दिलवाना चाहते हैं, आपको निराश और बेचैन करना चाहते हैं. यकीनन, बहुत बार ट्रोल्स को नज़रंदाज़ करना बहुत मुश्किल होता है किंतु आपको यह अवश्य समझना चाहिए कि भले ही ट्रोल्स को नज़रंदाज़ करना काफी मुश्किल हो लेकिन ट्रोल्स से निपटने का इससे अच्छा कोई अन्य तरीका नहीं है. ट्रोल के साथ किसी भी तरह का संपर्क करने से आप खुद उसके जाल में फंस जायेंगे. ऐसा हो सकता है कि जब आप कोई प्रतिक्रिया न करें तो वे कुछ असफल कोशिशें करने के बाद खुद ही पीछे हट जायें.
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अपनी ट्रोलिंग की सच्चाई परखें
किसी ट्रोल पोस्ट पर कोई भी कारवाई करने से पहले आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपको वाकई ट्रोल किया जा रहा है. बहुत बार यह देखा गया है कि युवा वर्ग किसी रचनात्मक आलोचना को भी ट्रोल मानने की भूल कर बैठते हैं. हरेक व्यक्ति आलोचना को अच्छी तरह से नहीं ले पाता है, चाहे फिर वह सकारात्मक नजरिये से ही की गई हो. युवा अक्सर आवेग में आकर निर्णय लेते हैं, आप यह सुनिश्चित करें कि आप ऐसी कोई गलती नहीं कर रहे हैं. कुछ देर शांत बैठें और गहरी सांस लें, फिर शांति से सोच-विचार करें कि किसी अन्य व्यक्ति से कोई पहले की नाराजगी होने के कारण तो कहीं गुस्से और ज्यादा भावुकता के कारण आप ऐसा दोष नहीं लगा रहे हैं? यह आप अपने अनुभव और अपनी ऑनलाइन कम्युनिटी की बेहतर जानकारी रखने पर ही समझ सकेंगे. कई बार, किसी के खिलाफ कोई कारवाई करने से पहले उसे शक का लाभ देना कहीं ज्यादा बेहतर होता है.
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आपके लिए अन्य बहुत से काम हैं फोकस करने के लिए
जब एक बार आप ट्रोल्स को नज़रंदाज़ करने का फैसला कर लेते हैं तो फिर, आप अपना ध्यान अन्य अधिक महत्वपूर्ण मामलों की तरफ लगायें क्योंकि अगर आपके पास सोचने के लिए कोई अन्य विषय नहीं होता तो फिर, आप ट्रोल्स के बारे में ही बार-बार सोचते रहेंगे और अंत में उनसे उलझ जायेंगे. इसका कोई भी नतीजा निकल सकता है, आप उस व्यक्ति को हरा भी सकते हैं जिसने आपको ट्रोल का शिकार बनाया है या फिर, आप उसके जाल में पहले से कहीं अधिक उलझ सकते हैं. यदि आप इस मामले में पहले से कहीं ज्यादा उलझ जाते हैं तो आपको काफी नुकसान पहुंच सकता है. अपनी शक्ति का उपयोग अपनी कम्युनिटी मजबूत बनाने में करें क्योंकि अगर आपके पास विश्वसीय फॉलोअर्स हैं तो ट्रोल्स आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकते क्योंकि आपके फॉलोअर्स हर हाल में आपका समर्थन करेंगे.
एक और महत्त्वपूर्ण पॉइंट
सोशल मीडिया वेबसाइट्स अपने प्लेटफॉर्म्स पर ट्रोल्स को नियंत्रित करने के लिए आजकल कई तरीके अपना रही हैं. लेकिन लोगों के अति विशाल नेटवर्क को देखते हुए, इन सोशल मीडिया वेबसाइट्स से अपने प्लेटफार्म पर पूरी तरह से ट्रोल्स को ख़त्म करने की उम्मीद रखना अनुपयुक्त है. युवा वर्ग को खुद सावधान रहना होगा और किसी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय पूरी चौकसी बरतनी होगी.
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