हाईस्कूल की बात करें या इंटरमीडिएट ये दोनों ही एग्जाम छात्रों के लिए काफ़ी एहमियत रखते हैं | क्यूंकि यह ही एक ऐसा आधार है, जिसमें यदि छात्र अच्छे मार्क्स प्राप्त करें तो आगे भी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने में आसानी होती है, क्युकि अच्छे कॉलेज की कट ऑफ बहुत ऊँची जाने लगी है | ऐसे में तैयारी अच्छी होना काफी ज़रूरी है, और इसके लिए प्री बोर्ड एग्जाम काफी हद तक बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने में सहायक होता है | कहने का सीधा मतलब यह है, कि अगर प्री बोर्ड में कम अंक प्राप्त हुए तो छात्र को कहाँ सुधार करना है पता चलता है, और अच्छे मार्क्स आने पर छात्र का कॉन्फिडेंस बढ़ता है | यहाँ हम आपको यह बतायेंगे की प्री बोर्ड एग्जाम की तैयारी किस तरह करनी चाहिए जिससे बोर्ड एग्जाम में छात्रों को फायदा मिले |
(1) प्री बोर्ड से पहले पूरा सिलेबस कवर करें-
पूरा सिलेबस ही एग्जाम के तैयारी का बेस है, सबसे ज़रूरी यह है की बोर्ड द्वारा निर्धारित सिलेबस अच्छी तरह पूरा पढ़ लिया जाये | आम तौर पर स्कूल में प्री बोर्ड से पहले सिलेबस पूरा करा दिया जाता हैं, लेकिन अगर किसी वजह से आपका सिलेबस पूरा नहीं हुवा है तो कोशिश करें की उसे खुद से या टीचर की मदद से पूरा करें |
(2) टाइम लिमिट के साथ करें पुराने प्रश्न पत्र हल-
एग्जाम की सबसे अच्छी तैयारी करने का तरीका यह भी है कि छात्र पुराने प्रश्न पत्र की प्रक्टिस करें, लेकिन प्रक्टिस करते समय यह याद रहे की एक निर्धारित समय में ही पुरे प्रश्न पत्र को हल करना है | टाइम मेनेजमेंट की आदत सुधारना बहुत ज़रूरी है क्युकि इससे परीक्षा के समय टाइम मेनेज करना आसान होगा | यह तरीका सही माईनें में एग्जाम के माहौल के लिए छात्रों को तैयार करवाता है | इस तरीके से प्रश्न पत्र हल करने पर न केवल टाइम मेनेजमेंट करना आएगा बल्कि स्कोरिंग तकनीक पर भी पकड़ होगी |
(3) प्री-बोर्ड एग्जाम स्कोर से जाने अपनी क्षमता-
प्री बोर्ड में आने वाला स्कोर ही हमे बताता है, कि हमारी तैयारी बोर्ड एग्जाम के लिए कितनी अच्छी है, जिससे हम आसानी से यह जान सकतें हैं कि और कितनी आवश्यकता है हमे प्रेक्टिस की और किस क्षेत्र में हमे कितनी मेहनत और करनी है | यहाँ हम आसानी से अपनी क्षमता को जाँच कर, बोर्ड परीक्षा से पहले सुधर सकते हैं | इसी उद्देश्य से हम यहाँ आपको एक सरणी उपलब्ध कराएँगे जिसके ज़रिये आप आसानी से अपने मार्क्स की तुलना कर खुद को और अच्छे तरीके से तैयार कर सकतें हैं |
बोर्ड एग्जाम में अपनी क्षमता जाचने के लिए निचे दिए सारणी से करें खुद की तुलना-
90% से ज्यादा अगर प्री बोर्ड में 90% स्कोर किया है, तो घबराने की ज़रूरत नही आपकी तैयारी काफी अच्छी है | 75% - 90% यदि आपका स्कोर 75% - 90% के रेंज में आ रहा है तो आपकी तैयारी तो अच्छी है लेकिन जिस टॉपिक में औसत मार्क्स आयें हैं या जिन में कमज़ोर है उनपे अब धयान दें ताकि स्कोर रेंज बोर्ड एग्जाम में बढ़े | 60% - 75% अब अच्छे कॉलेज का कट ऑफ इतनी ऊँची होने के कारण इस रेंज के छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पद जाना है, हलाकि इस रेंज को किसी ज़माने में काफी अच्छा माना जाता था 50% - 60% इस रेंज में यदि आपके मार्क्स हैं तो यह चिंता का विषय है |आपको काफी अभ्यास की ज़रूरत है | अपने पढ़ने के तरीके में बदलाव लायें हो सके तो अपने टीचर से भी सुझाव लें |
(4) प्लान के साथ सभी विषयों की प्रियारिटी करें सेट-
प्लान बना कर पढ़ना अच्छे मार्क्स लाने के लिए काफी ज़रूरी है | लेकिन उसके साथ- साथ यह भी तय करना ज़रूरी है, कि किस सब्जेक्ट के टॉपिक को पहले पढ़ना शुरू करें | अगर आप खुद नही समझ पा रहे की कैसे टॉपिक को विभाजित कर पढ़ना हैं तो इसके लिए आप अपने टीचर से पूरी मदद लें और उसके साथ साथ गतवर्ष के प्रश्न पत्र के आधार पर तैयारी शुरू करें | इससे सबसे बड़ा यह फायदा होगा की एग्जाम से पहले वह सारे टॉपिक कवर हो जायेंगे जिनके पूछे जाने की उम्मीद ज्यादा है |
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(5) खुद से बनाएं अपने सभी टॉपिक्स के नोट्स-
खुद से नोट्स बनाने का सीधा मतलब यह है कि अगर आप अपने नोट्स खुद से बनायेंगे तो आपको उन्हें एग्जाम के समय रिविजन करने में आसानी होगी | पर्सनलाइज्ड नोट्स का सबसे अच्छा फायदा है कि यह टॉपिक को ज्यादा याद रखने की क्षमता को बढ़ाता है | अपने अनुसार आसानी से इन नोट्स के ज़रिये हैडिंग या टॉपिक में दिए स्ट्रक्चर को याद रख सकतें हैं | इसके साथ- साथ गणित और विज्ञान के फोर्मुलों को भी याद रखने में आसानी होती है | क्युकि खुद से बनाये पर्सनलाइज्ड नोट्स हम एक-एक पॉइंट ठीक तरीके से समझ के बनातें है और यह ही सबके बड़ा कारण है की जब हम इस नोट्स के रिविजन करते हैं तो वह चीज़ आसानी से और जल्दी समझ आ जाती है |
(6) प्री बोर्ड एग्जाम को बोर्ड एग्जाम समझ कर दें-
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अक्सर छात्र प्री बोर्ड एग्जाम के समय ज्यादा मेहनत नहीं करते, क्यूंकि छात्रों को लगता है कि प्री बोर्ड सिर्फ एक एग्जाम है | जिसके कारण छात्र प्री बोर्ड में अच्छा स्कोर नहीं कर पते | टीचर्स और एक्सपर्ट की मानें तो छात्रों को प्री बोर्ड की तैयारी बोर्ड एग्जाम समझ कर ही करना चाहिए, और तैयारी बिलकुल पूरी होनी चाहिए ताकि बोर्ड एग्जाम का एक पूरा ट्रायल हो सकें और छात्र अपनी कमियां जानकर और अच्छी तैयारी कर सकें | सही माने में प्री बोर्ड एग्जाम करवाने का मकसद ही यही होता है कि छात्रों को बोर्ड एग्जाम को लेकर जो भी घबराहट ये दर हो वह बोर्ड परीक्षा से पहले ही समाप्त होजाए |
निष्कर्ष - प्री बोर्ड एग्जाम छात्रों को बोर्ड एग्जाम का दबाव कम करने में काफी हद तक सहायक होता है | इसीलिए प्री बोर्ड की तैयारी में कोई कसर न छोड़ें | आलस्य में चीजों को आगे के लिए मत टालें, इससे सिर्फ नुकसान ही होगा | जो भी पढ़े उसे अच्छी तरह पढ़ें ताकि उसे बार-बार पढ़ने की आवश्यकता न पड़े और बाकि सिलेबस का नुकसान न हो | सवस्थ आहार और व्यायाम को अपने दिनचर्या में शामिल करें | टाइम मनेजमेंट पर खास ध्यान दें |
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