जेएनएम - यूएनओडीसी की कोविड - 19 वेबिनार सीरीज़
इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस (कोविड - 19) महामारी से जूझ रही है और इस महामारी का सभी देशों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाओं पर सीधा असर पड़ा है. इतना ही नहीं, इस कोविड - 19 संकट के दूरगामी हानिकारक प्रभाव शिक्षा सहित हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों पर साफ़-साफ़ देखे जा सकते हैं जिनसे कई चुनौतियां हमारे सामने उत्पन्न हो गई है. दुनिया के अधिकतर देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी कोविड - 19 के ख़िलाफ़ एकजुट हो गए हैं ताकि दुनिया को इस महामारी के कारण उत्पन्न सभी संकटों से छुटकारा दिलवाया जा सके. जागरण न्यू मीडिया (जेएनएम) और यूनाइटेड नेशन्स ड्रग्स एंड क्राइम ऑफिस (यूएनओडीसी) ने भी मिलकर एक समर्पित वेबिनार सीरीज़ शुरू की है ताकि समाज के कमजोर वर्गों को कोविड - 19 से उत्पन्न संकटों से बचाने के लिए शिक्षकों, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों को एक ऐसा मंच मिल सके जहां वे सभी एक साथ मिलकर कोविड - 19 से जुड़ी चुनौतियों पर सकारात्मक विचार-विमर्श कर सकें.
वेबिनार सीरीज़ का विषय
इस वेबिनार सीरीज़ के विषय “कोविड -19 प्रतिक्रिया: कमजोर वर्गों पर प्रभाव, उभरते जोखिम और सतत विकास लक्ष्य (SDGs)” पर ही भारत के प्रमुख मीडिया ग्रुप दैनिक जागरण के डिजिटल स्वरुप जागरण न्यू मीडिया और यूनाइटेड नेशन्स ड्रग्स एंड क्राइम ऑफिस की यह वेबिनार सीरीज़ आधारित है. इस वेबिनार सीरीज़ में कोविड - 19 तथा इसके विभिन्न प्रभावों और चुनौतियों के बार में गहन विचार-विमर्श किया जायेगा. कोविड - 19 से उत्पन्न चुनौतियों में ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से युवा वर्ग की शिक्षा, साइबर क्राइम और ऑनलाइन सुरक्षा तथा लिंग आधारित विभिन्न मामलों पर चर्चा की जायेगी. इस वेबिनार सीरीज़ में विश्व कल्याण के लिए सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को बनाये रखने के लिए महत्त्पूर्ण व्यक्ति, प्रतिभाएं, नीति निर्माता और स्कॉलर्स चयनित मुद्दों पर सार्थक विचार-विमर्श करके सकारात्मक समाधान निकालेंगे.
जीवन में शिक्षा का है विशेष महत्त्व
यूएनओडीसी की “न्याय के लिए शिक्षा” पहल को ध्यान में रखकर हमने (जागरण न्यू मीडिया) शिक्षा को पहले वेबिनार के प्रमुख विषय के तौर पर चुना है ताकि एक्टिविटी पर आधारित लर्निंग के साथ ही वैल्यूज़ के आधार पर शिक्षा प्रदान करने को बढ़ावा मिले और विश्व शांति एवं कानून के शासन के लिए युवा वर्ग अपना सहयोग देने के लिए तैयार हो सके. अप्रैल, 2020 से यूएनओडीसी ने कोविड - 19 महामारी के खिलाफ़ भारत में “लॉकडाउन लर्नर्स” नामक अत्यंत प्रभावी शिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. इससे छात्रों और शिक्षकों को कोविड - 19 और इसके कमजोर वर्गों पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जायेगी ताकि वे अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकें. इसके अलावा, साइबर क्राइम, गलत/ असत्य जानकारी, लिंग आधारित हिंसा, भेदभाव, मानसिक स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार सहित अन्य कई महत्त्वपूर्ण मसलों पर ही इस वेबिनार सीरीज़ में चर्चा की जायेगे. लेकिन, शिक्षा सही अर्थों में इस वेबिनार सीरीज़ में पहले चुना जाने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण विषय है.
कोविड - 19 के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में जारी हैं नवीन प्रयास
इस 17 जून को जेएनएम - यूएनओडीसी वेबिनार सीरीज़ का पहल सेशन जागरण न्यू मीडिया के एजुकेशन और करियर पोर्टल जागरणजोश.कॉम पर आयोजित किया गया जिसमें यूएनओडीसी के प्रतिनिधियों के साथ कई शिक्षाविद और नीति निर्माता भी शामिल हुए. इस वेबिनार का विषय - कोविड -19 और शिक्षा में अभिनव प्रयास: शांति, जोखिम और सतत विकास लक्ष्य (SDGs) और कानून के शासन के लिए युवा वर्ग की भागीदारी को प्रोत्साहन देना” था जिसकी अध्यक्षता श्री परीक्षित भारद्वाज, प्रमुख - कंटेंट, जागरणजोश.कॉम ने की. उनके साथ इस वेबिनार में मौजूद अन्य प्रमुख हस्तियों में श्री समर्थ पाठक (कम्युनिकेशन ऑफिसर और फोकल प्वाइंट - न्याय के लिए शिक्षा पहल, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय कार्यालय, यूएनओडीसी), डॉ. सुरुचि पंत (डिप्टी रिप्रेजेन्टेटिव, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय कार्यालय, यूएनओडीसी), डॉ. अमरेंद्र बेहेरा (जॉइंट डायरेक्टर, सीआईईटी, एनसीईआरटी), श्री अशोक पांडेय (डायरेक्टर, अहल्कॉन ग्रुप ऑफ़ स्कूल्ज़, नई दिल्ली), सुश्री गीता जयंत (प्रिंसिपल, दी लिगेसी स्कूल, बेंगलुरु), सुश्री परमजीत ढिल्लों (प्रिंसिपल, कमला नेहरु पब्लिक स्कूल, फगवाड़ा, पंजाब) और सुश्री श्वेता शर्मा - टीचर - विवेकानंद मिडिल स्कूल, देवगढ़, झारखंड शामिल थे.
जेएनएम - यूएनओडीसी के हैं समान उद्देश्य
वैसे जागरण न्यू मीडिया और यूएनओडीसी के उद्देश्य भी एक समान हैं जिसकी चर्चा करते हुए श्री भारद्वाज ने वेबिनार सेशन के शुरू में कहा, “जागरण का मतलब है जागरूकता और जागरण न्यू मीडिया के माध्यम से हम विश्वसनीय कंटेंट निर्मित करके यह जागरूकता फैला रहे हैं. हमारा कंटेंट लोगों को जानकारी और सूचना देने के साथ-साथ विश्व की वास्तविक समस्याओं के सटीक समाधान के लिए उन्हें शिक्षित करने के साथ उनकी सहायता भी करता है. इसलिए हमारा यूएनओडीसी के साथ स्वाभाविक तालमेल है. यूएनओडीसी के साथ इस साझेदारी से हम बेहद प्रसन्न हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि इन वेबिनार्स के माध्यम से हम कोविड - 19 के बाद दुनिया के विकास के लिए समाधान प्रस्तुत कर सकेंगे.”
कोविड - 19 से जुड़ी चुनौतियां
इस वेबिनार के शुरू में पिछले कुछ महीनों से दुनिया के सामने शिक्षा के संबंध में उत्पन्न चुनौतियों के साथ ही बच्चों और युवाओं की सुरक्षा और भलाई के बारे में चर्चा की गई. इस संबंध में डॉ. सुरुचि पंत ने कहा कि, “यूएनओडीसी में हमारा ऐसा मानना है कि शांति के लिए शिक्षा अहम भूमिका निभाती है और शिक्षा के क्षेत्र में तीन प्रमुख पहलू भी अवश्य शामिल हैं जैसेकि, पहला, सामाजिक और वैश्विक विषयों पर जागरूकता फ़ैलाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं का सक्रिय सहयोग हासिल करना. दूसरा, समाधान तलाशने के लिए युवा वर्ग को मजबूत बनाना और तीसरा, कानून का शासन, सतत विकास लक्ष्य और लिंग-समानता को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार को प्रेरित करना. हमें ख़ुशी है कि, इस दिशा में हमारे साथ कई स्कूल्ज़ और शिक्षण लीडर्स अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं.”
मिटाना होगा डिजिटल अंतराल
इस वेबिनार में शिक्षा के क्षेत्र, विशेषकर देश के स्कूल-स्तर पर, कोविड - 19 के कारण उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों पर गंभीर चर्चा हुई. छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए सामने आने वाली व्यावहारिक समस्याओं पर भी अच्छी-ख़ासी चर्चा हुई. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा समाज के निचले स्तर अर्थात जमीनी स्तर पर ऑनलाइन शिक्षण उपलब्ध करवाने के बीच में आने वाला डिजिटल अंतराल था. इसके अलावा, इस मंच पर कोविड - 19 के प्रतिरोध में शिक्षाविदों के सामने, आधुनिक तकनीक उपलब्ध न होना और इंटरनेट सुविधा का अभाव भी इस चर्चा का अहम मुद्दा थे.
शिक्षण में छात्रों को शामिल करने के अभिनव तरीके
देश-भर के शिक्षकों ने वर्चुअल क्लासरूम्स और शिक्षा के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के संबंध में अपने अनुभव भी इस मंच पर साझा किये. शिक्षण गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए इन शिक्षकों ने जो अभिनव तरीके सफलतापूर्वक अपनाए, उनकी चर्चा भी इस वेबिनार में की गई. लर्निंग प्रोसेस में छात्रों की साझेदारी बनाये रखने के लिए शिक्षकों ने अपने छात्रों को कोविड - 19 चुनौतियों के लिए समाधान के बारे में वीडियो प्रोजेक्ट बनाने को दिया और ‘ब्लैक लिव्स मैटर’ जैसे वैश्विक जन-आंदोलन पर भी ऑनलाइन चर्चा की.
श्री समर्थ पाठक ने कहा कि, कोविड - 19 के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में एक्टिविटी-आधारित लर्निंग और आपसी विचार-विमर्श के माध्यम से लॉकडाउन लर्नर्स कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित हुआ है. हमारे सारे सेशंस बहुत सक्रिय रहे हैं और छात्रों के साथ शिक्षकों ने भी इनमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है. सबसे विशेष बात तो यह है कि शिक्षक अपने छात्रों में सामाजिक चिंता के मुद्दों पर व्यावहारिक परिवर्तन देख रहे हैं.
ऑनलाइन शिक्षण के संबंध में भारत सरकार की नीतियां और उपाय
छात्रों को शिक्षा की हानि से बचाने के लिए अब शिक्षकों के साथ भारत सरकार और विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने भी अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं. इस वेबिनार चर्चा के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी द्वारा ऑनलाइन शिक्षण के संबंध में किये गए विभिन्न उपायों पर भी चर्चा हुई.
इस संबंध में, डॉ. अमरेंद्र बेहेरा - जॉइंट डायरेक्टर, सीआईईटी, एनसीईआरटी, नई दिल्ली ने यह कहा कि, एनसीईआरटी ने सभी कक्षाओं के लिए एक वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर जारी इया है ताकि विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के मुताबिक शिक्षक वर्चुअल क्लासेज ले सकें. उन्होंने कोविड - 19 के दौरान भारत सरकार के ऑनलाइन शिक्षण के लिए किये गये विभिन्न प्रयासों पर भी चर्चा की.
इस वेबिनार में शिक्षा के क्षेत्र से सभी प्रमुख अंशधारकों और महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों ने हिस्सा लिया और कोविड - 19 महामारी की पृष्ठभूमि में शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित अपने विचार और बहुमूल्य अनुभव साझा किये. इस वेबिनार में शिक्षा जगत के महत्त्वपूर्ण मामलों और शिक्षा के सबसे शुरुआती स्तर पर होने वाली उपलब्धियों के साथ ही नीति-निर्माण के स्तर पर शिक्षण क्षेत्र के संभावित हस्तक्षेप के बारे में भी चर्चा की गई.
जागरणजोश.कॉम के इस मंच के साथ बने रहिये जिस पर हम लाते रहेंगे ऐसी हस्तियां जिनको सुनना ज़रूरी है, उन मसलों पर जो विश्व शांति के आदर्श को पूरा करने के लिए ज़रूरी हैं.
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