फिजियोथेरेपिस्ट का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे-एम्स, ईएसआइसी,आदि), मेडिकल शिक्षा संस्थानों, रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (जैसे–एनपीसीआइएल), भारतीय खेल विकास प्राधिकरण, आदि में होता है. इसके साथ ही यह स्पोर्ट्स में भी काफी डिमांडिंग करिअर आप्शन हैं जहाँ खेलों के दौरान खिलाडियों को होने वाली चोटों को तत्काल आराम देने में फिजियोथेरेपिस्ट की जरुरत होती है. स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी संगठन में फिजियोथेरेपिस्ट का पद ग्रुप ‘सी’ के स्तर का होता है. फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य होता है कि वह अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग में दाखिल मरीजों को संबंधित सर्जन, डॉक्टर, आदि के निर्देशों के अनुसार फिजियोथेरेपी तकनीकों एवं उपकरणों द्वारा इलाज करे. फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति चार विभिन्न स्पेशियलाइजेशन के अनुसार होती है – आर्थोपेडिक्स, न्यूरो, कार्डियो,
फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका अस्पतालों के संबंधित स्पेशियलाजेशन में मरीजों की थेरेपी के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. फिजियोथेरेपिस्ट को सुनिश्चित करना होता है कि संबंधित डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार मरीज को कौन सी एक्सरसाइज कितने दिन तक करानी है, उसके लिए क्या-क्या उपकरण लगाने होंगे और संबंधित बिमारी के लिए किन-किन सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए. इसलिए फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको फिजियोथेरेपी की तकनीकों और इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरणों की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए.
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से विज्ञान विषयों के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए और फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में दो वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया हुआ होना चाहिए. कुछ संगठनों में ऑपरेशन फिजियोथेरेपी में बैचलर्स डिग्री मांगा जाता है. वहीं, सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट के लिए संबंधित स्पेशियलाजेशन में मास्टर्स डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए. इसके साथ ही उम्मीदवारों के पास किसी प्रतिष्ठित अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में पूर्व अनुभव होना चाहिए. संबंधित राज्य या केंद्रीय फिजियोथेरेपी एसोशिएशन से पंजीकरण होना अनिवार्य है.
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए कितनी है आयु सीमा?
फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 27 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए चयन प्रक्रिया
फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन कर सकता है.
कितनी मिलती है फिजियोथेरेपिस्ट को सैलरी?
फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर सातवें वेतन आयोग के वेतन मैट्रिक्स के लेवल-6 के अनुरूप रु. 35400-112400 सैलरी दी जाती है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
फिजियोथेरेपिस्ट की कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
फिजियोथेरेपिस्ट का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे- एम्स, ईएसआइसी, आदि), मेडिकल शिक्षा संस्थानों, रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (जैसे – एनपीसीआइएल), भारतीय खेल विकास प्राधिकरण, आदि में होता है इसलिए इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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