प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर का पद केंद्र और राज्य सरकार के अधीन शैक्षणिक संस्थानों, शोध परियोजनाओं, क्षेत्र विकास परियोजनाओं, सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अंतर्गत वर्क-फोर्स के तौर पर और किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट में होता है जिसे सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी गयी हो. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर का पद संबंधित रिक्ति के अनुसार अलग-अलग विभागों में होता है, जैसे – इंजीनियरिंग, सोशल साइंसे, ह्यूमनिटीज, साइंसेस, एग्रीकल्चर, आदि. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर का कार्य होता है कि वह संबंधित विषय में चलाये जा रहे प्रोजेक्ट में “ऑपरेशनल हेड” के रूप में निर्देशित सभी कार्य करे. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को प्रोजेक्ट मैनेजर या प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के निर्देशों के अनुसार कार्य करना होता है.
आमतौर पर प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति अस्थायी और संविदा के आधार पर होती है जो कि प्रोजेक्ट की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाती है. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की भूमिका संबंधित विषय या क्षेत्र में चल रहे प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसलिए प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको संबंधित विषय की अच्छी जानकारी, उसके व्यवहारिक पक्ष का ज्ञान, कंप्यूटर पर काम करने आदि में निपुणता हो और निर्देशों के अनुसार रिपोर्ट बनाने एवं सुधार करने में सक्षम होना चाहिए.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को संबंधित विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से सम्बन्धित विषय या विधा में डॉक्टोरल डिग्री (पीएचडी) प्राप्त होना चाहिए. इसके साथ ही, उम्मीदवार को किसी सरकारी संगठन में सम्बन्धित क्षेत्र में समकक्ष स्तर पर कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर बनने के लिए निम्नलिखित योग्यता रखने वाल उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है –
• संबंधित प्रोजेक्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का स्पेशियलाजेशन.
• संबंधित कार्य करने का अनुभव.
• विषय के व्यवहारिक पक्ष का ज्ञान.प्रोजेक्ट
कोऑर्डिनेटर के लिए कितनी है आयु सीमा?
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की अधिकतम आयु 60 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में अधिकतम आयु सीमा, प्रोजेक्ट के अनुसार 40-46 वर्ष हो सकती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के लिए चयन प्रक्रिया
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और पर्सनल इंटरवयू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि कम संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन कर सकता है.
कितनी मिलती है प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को सैलरी?
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड – 4 रु. 37400 – 67000/- और ग्रेड पे रु. 10000/ के अनुसार वेतन दिया जाता है. इसके सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न प्रकार के भत्ते एवं लाभ दिये जाते है. संविदा के आधार पर नियुक्ति की दशा में, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के पद पर सैलरी संबंधित प्रोजेक्ट के क्षेत्र और कार्य की आवश्यकता के आधार पर तय की जाती है.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर का पद ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकार के अधीन शैक्षणिक संस्थानों, शोध परियोजनाओं, आदि आदि में होने के कारण इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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